बिगड़ सकते हैं कश्मीर में हालात, इकट्ठा कर लें 4 महीने का राशन, RPF अधिकारी का पत्र वायरल, रेलवे ने दी सफाई
By: Priyanka Maheshwari Mon, 29 July 2019 08:37:50
जम्मू-कश्मीर के बडगाम में रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के एक अधिकारी की एक पत्र से विवाद खड़ा हो गया है। अधिकारी ने यह पत्र कर्मचारियों को लिखी है जिसमें आगाह किया गया है कि 'विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों और एसएसपी जीआरपी श्रीनगर से मिले इनपुट के आधार पर कश्मीर घाटी में स्थिति बिगड़ने जा रही है। कानून व्यवस्था में यह स्थिति लंबे समय तक खराब रहेगी। लिहाजा रेलवे के स्टाफ और अधिकारियों को कश्मीर घाटी में कई एहतियात बरतने पड़ेंगे।' एहतियातन सुरक्षा उपायों में कहा गया, '4 महीने का राशन किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पहले से जमा कर लिया जाए। 7 दिनों के लिए पीने के पानी का बंदोबस्त कर के देख लिया जाए। रेलवे स्टाफ को कहा गया कि अपना पिट्ठू बैग तैयार रखें जिसमें खाने पीने का सामान, पीने का पानी, चॉकलेट और पैसा इत्यादि रखा हो।' इसी के साथ यह भी कहा गया कि वाहनों को पूरी तरीके से ईंधन भरवा कर रखा जाए। साथ ही साथ गैराज में ऐसी जगह पर रखा जाए जिससे उन पर कोई हमला न कर सके। इसके अलावा एक और महत्वपूर्ण बात कही गई कि स्टाफ को ताकीद किया जाता है कि भीड़ के साथ कोई समझौता न करें, स्टेशन के पास या रेलवे संस्थानों के पास भीड़ को जमा होने ना दिया जाए, क्योंकि ऐसा हो सकता है कि इसमें आतंकवादी छिपकर हमला कर दे। इसके अलावा कहा गया कि जब ट्रेनों की आवाजाही ठप हो तो ट्रेनों को लॉक करके सुरक्षित स्थानों पर रखा जाए।
रेलवे को देनी पड़ी सफाई
इस पत्र के बाद विभाग में खलबली मच गई। जिसके बाद रेलवे को सफाई देना पड़ा। रेलवे ने शनिवार को स्पष्ट किया कि इस पत्र का कोई आधार नहीं। साथ ही इसे जारी करने का संबंधित अधिकारी के पास कोई अधिकार नहीं है।
रेलवे बोर्ड के प्रवक्ता ने स्पष्टीकरण जारी कर कहा कि ये पत्र वरिष्ठ संभागीय सुरक्षा आयुक्त से बस एक पद नीचे के अधिकारी द्वारा बिना किसी अधिकार के लिखा गया। जबकि, वह 26 जुलाई से 1 साल के स्टडी लीव पर गए हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि इस अधिकारी ने अपने परसेप्शन के आधार पर यह पत्र लिखी और उसे जारी किया। इसका कोई आधार नहीं है और वह ऐसी पत्र जारी करने के लिए अधिकृत भी नहीं है। रेलवे प्रवक्ता ने कहा, ‘यह भी स्पष्ट किया जाता है कि इस पत्र को अधिकृत करने वाले प्राधिकार से कोई मंजूरी नहीं मिली थी। जिसका कोई आधार नहीं है। इस वजह से आईजी नॉर्दर्न रेलवे आरपीएफ को कश्मीर भेजा जा रहा है, जो इस स्थिति का जायजा लेंगे और इस बारे में एक्शन लेंगे।
क्या है पूरा मामला?
आरपीएफ अधिकारी सुदेश नुग्याल ने शनिवार को ये पत्र सोशल मीडिया पर शेयर की है। इसमें लिखा है, 'कश्मीर घाटी में लंबे समय तक स्थिति के बिगड़ने की आशंका और कानून व्यवस्था के संबंध में विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों और एसएसपी/जीआरपी/ एसआईएनए (श्रीनगर के सरकारी रेलवे पुलिस के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक) से मिली जानकारी के अनुरूप 27 जुलाई को एहतियात सुरक्षा बैठक हुई।'
आरपीएफ बडगाम के सहायक सुरक्षा आयुक्त सुदेश नुग्याल ने लिखा, 'कश्मीर में हालात बिगड़ने वाले हैं। ऐसे में कर्मचारी कम से कम चार महीने के लिए राशन इकट्ठा कर लें। अपने परिवार को घाटी के बाहर भेज दें।'
उमर अब्दुल्ला ने किया ट्वीट
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कहा कि घाटी के लोगों पर यह तोहमत लगाना आसान है कि वह डर फैला रहे हैं लेकिन ऐसे आधिकारिक आदेश का क्या करें जिसमें कश्मीर घाटी में कानून व्यवस्था बिगड़ने की बिना पर तैयारियों की बात की जा रही है और इस तरीके की भविष्यवाणी की जा रही है। उन्होंने यह सवाल पूछा कि सरकार खामोश क्यों है? जिस सरकारी आदेश की उमर अब्दुल्ला बात कर रहे थे वह उन्होंने अपने ट्वीट में भी संलग्न किया है। उमर अब्दुल्ला ने अपने ट्वीट में जो कागज लगाया है वह दरअसल आरपीएफ के एक अधिकारी ने जारी किया था। उस कागज में रेलवे अधिकारियों की एक बैठक का हवाला दिया गया है। कश्मीर घाटी में रेलवे के पत्र और उमर अब्दुल्ला के ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। साथ ही साथ एसएसपी रेलवे कश्मीर का भी इस पर जवाब आ चुका है। उसके बाद रेलवे की नींद टूटी और उन्होंने अपनी सफाई जारी की।
It’s easy to blame valley residents for fear mongering but what are we to make of such official orders which forecast a deterioration in the law & order environment and even predict disturbances lasting for an extended period of time? Why is the Govt silent? https://t.co/U0tqLmyC47 pic.twitter.com/mCols57d2E
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) July 28, 2019