राजस्थान वर्तमान और भविष्य का प्रमुख औद्योगिक निवेश का गंतव्य - उद्योग मंत्री
By: Priyanka Maheshwari Sat, 17 Mar 2018 5:26:19
जयपुर। उद्योग एवं राजकीय उपक्रम मंत्री श्री राजपाल सिंह शेखावत ने उद्यमियों से प्रदेश में अधिक से अधिक उद्योग लगाने का आह्वान करते हुए कहा कि औद्योगिक निवेश के क्षेत्र में राजस्थान पहली पसंद बन गया है। उन्होंने कहा कि विकसित औद्योगिक क्षेत्र, कच्चे माल की सहज उपलब्धता, कुशल मेन पॉवर, बिजली, पानी, आवागमन के साधन और कानून व्यवस्था आदि औद्योगिक विकास के अनुकूल सुविधाओं और उद्योगोन्मुखी माहौल बनने से राजस्थान वर्तमान और भविष्य का प्रमुख औद्योगिक निवेश का गंतव्य बन गया है।
उद्योग मंत्री श्री शेखावत शनिवार को होटल आईटीसी राजपुताना में सीआईआई द्वारा आयोजित एमएसएमई कॉन्क्लेव के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एक समय था जब प्रदेश के उद्यमियों बिड़ला, बांगड़, बजाज आदि ने अन्य स्थानों पर उद्योग स्थापित कर राजस्थान की पहचान बनाई वहीं अब औद्योगिक प्रतिष्ठान स्थापित करने के लिए देश में सबसे अधिक अनुकूल प्रदेश होने से प्रवासी राजस्थानियों को प्रदेश में उद्योग लगाने के लिए आगे आना होगा।
श्री शेखावत ने कहा कि जीएसटी के बाद अब सभी प्रदेशों में समान अवसर होने के बावजूद राजस्थान में सभी सुविधाएं अन्य प्रदेशों की तुलना में सस्ती व सहज उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि डीआईएमसी राजस्थान के औद्योगिक विकास में गेम चेंजर के रुप में सिद्ध होगी। आर्थिक सुधाराें की चर्चा करते हुए कहा कि अब जीएसटी व आर्थिक सुधारों से अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता आई हैं। असंगठित क्षेत्रों को संगठित क्षेत्र में लाया गया है। उन्हाेंने कहा कि सब ग्रोथ चाहते हैं पर ग्रोथ ऎसी होनी चाहिए जो सस्टेनेबल व समावेशी हो और खासबात यह कि ग्रोथ में ह्यूमन फेस जरुरी है। उन्होेंने कहा कि पेरासाइट्स प्रतिस्पर्धी नहीं हो सकते हैं, ऎसे में दूसरे का सहारा ढूंढ़ने के स्थान पर स्वयं को प्रतिस्पर्धी बनना होगा। उन्होंने उद्योगपतियों से मानसिकता में बदलाव लाते हुए समयानुकूल बदलाव की आवश्यकता प्रतिपादित की।
अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजीव स्वरुप ने कहा कि राज्य में एक माह में एक्सपोर्ट प्रमोशन पॉलिसी तैयार कर ली जाएगी वहीं एक्सपोर्ट प्रमोशन ब्यूरो का गठन कर निर्यात को और अधिक बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश मेें बिजनस फै्रण्डली वातावरण तैयार किया गया है। तीन साल में ही ईज ऑफ डूइंग में राष्ट्रीय स्तर पर रेकिंग में 67 प्रतिशत से 99.19 प्रतिशत पूर्ति कर इंस्पायर से लीडर और अब रेंकिंग में दूसरे-तीसरे नंबर पर प्रतिस्पर्धा में आ गए हैं।
श्री राजीव स्वरुप ने जानकारी दी कि रीको में 1979 से चले आ रहे नियमों में 2050 के औद्योगिक सिनेरियों को ध्यान में रखते हुए नए नियमों को अंतिम रुप दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रिप्स, एमएसएमई पॉलिसी सहित 10 योजनाएं लागू कर औद्योगिक विकास को गति दी जा रही है।
उद्योग आयुक्त व सचिव सीएसआर श्री कुंजी लाल मीणा ने 6 हजार करोड़ रु. की प्रधानमंत्री संपदा योजना की चर्चा करते हुए प्रदेश में अधिक से अधिक खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इसमें कलस्टर के लिए 10 करोड़ व इकाइयां स्थापना के लिए 5 करोड़ तक की अनुदान सुविधा दी जा रही है।
श्री मीणा ने सीआईआई से राष्ट्रीय स्तर पर कॉन्क्लेव आयोजित करने का सुझाव देते हुए कहा कि उसमें देश के सभी राज्यों के उद्योगों से जुड़े अधिकारियों व सीआईआई के बीच विचार मंथन से भावी एमएसएमई रणनीति तैयार की जाए। उन्होंने गत 17 सितंबर के एमएसएमई डे की चर्चा करते हुए बताया कि उसमें आए सुझावों के अनुसार आवंटित भूमि पर चार साल में उद्योग लगाने और 4 हजार वर्गगज तक की भूमि पर बिना रुपातंरण के आधार पर भी बैंकों से ऋण सुविधा के संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि एमएसएमई फेसिलिटेशन काउंसिल की सक्रियता व नियमित सुनवाई से कम समय में ही 400 प्रकरणों का निस्तारण किया जा चुका है। उन्होंने जीरो इफेक्ट-जीरो डिफेक्ट व जेम पोर्टल सुविधा से जुड़ने का आग्रह किया।
सीआईआई नेशनल एमएसएमई काउंसिल के चेयरमेन श्रीकांत सोमानी ने बताया कि खादी ग्रामौद्योग सहित देश में 63 मिलियन एमएसएमई इकाइयां स्थापित है। देश का 40 फीसदी निर्यात इस सेक्टर द्वारा किया जा रहा है। सीआईआई के नोदर्न रीजन के चेयरमेन श्री सुमंत सिंहा ने एमएसएमई सेक्टर के विभिन्न पोर्टलों व उन पर उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी दी।
सीआईआई राजस्थान के चेयरमेन बसंत खेतान ने स्वागत करते हुए बताया कि कृषि के बाद सबसे अधिक रोजगार प्रदाता सेक्टर एमएसएमई है। देश में सबसे बड़ा उत्पादन, निर्यात और रोजगार में इस सेक्टर की हिस्सेदारी है। यूएएम आसान व्यवस्था हो गई है। उन्होंने बताया कि सीआईआई इस क्षेत्र के विकास और इस क्षेत्र में आ रही कठिनाइयों को दूर कराने में निरंतर प्रयासरत है। सीआईआई राजस्थान के उपाध्यक्ष श्री अनिल साबू ने आभार व्यक्त करते हुए कॉन्क्लेव के आयोजन व भागीदारी की विस्तार से जानकारी दी।