कर्नाटकः आज से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी, 5 दिन में ताबड़तोड़ करेंगे 15 बड़ी रैलियां

By: Pinki Tue, 01 May 2018 11:22:24

कर्नाटकः आज से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी, 5 दिन में ताबड़तोड़ करेंगे 15 बड़ी रैलियां

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पूरी ताकत झोंक दी है और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी रण में उतरने के बाद यह लड़ाई और भी टक्कर की होने वाली है। आज (मंगलवार) 1 मई से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर्नाटक के रण में उतरेंगे और लगातार 5 दिन में ताबड़तोड़ 15 बड़ी रैलियां करेंगे जिसमे आज पहले चरण में वह तीन रैलियां करेंगे। पीएम मोदी चामराजनगर जिले के सांथेमरहल्ली और बेलगावी के उडुपी और चिक्कोडी में रैलियों को संबोधित करेंगे। बताया जा रहा है कि पीएम मोदी 48 विधानसभा क्षेत्रों को अपनी पहले चरण की रैलियों में कवर करेंगे। 12 मई को वोटिंग है और 15 मई को रिजल्ट आएंगे, इसलिए पीएम मोदी पर प्रचार का पूरा दामोदार है। वहीं दूसरी ओर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह कर्नाटक में डेरा डाले हुए हैं, वो मंदिर-मंदिर, मठ-मठ टहल रहे हैं, रैलियां कर रहे हैं और लोगों के बीच जा रहे हैं। अमित शाह लिंगायत समुदाय को रिझाने की कोशिश कर रहे हैं। हर वो मुद्दा जिस पर कर्नाटक की जनता का दिल जीता जा सकता है, सभी पार्टियां उस पर खुलकर खेल रही हैं।

रैलियों में केंद्र के काम गिनाएंगे


पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि 1 मई से पीएम की ताबड़तोड़ रैलियों के बाद स्थिति में ज्यादा बदलाव होगा। पीएम अपनी रैलियों में केंद्र के काम गिनाएंगे, वहीं राज्य में पांच साल में कथित तौर पर 3500 किसानों की आत्महत्या का भी मामला उठाएंगे। इसके अलावा कांग्रेस के हिंदू आतंकवाद की थ्योरी को अदालत द्वारा ठुकराने की चर्चा से भी सियासत गरमाने के आसार हैं।

मैदान में 2655 उम्मीदवार


कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए कुल 2655 उम्मीदवार मैदान में हैं। जिनमें 2436 पुरुष और 219 महिला उम्मीदवार हैं। चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों में 224 बीजेपी से, 222 कांग्रेस और 201 जेडीएस से हैं। अन्य में बसपा से 18, भाकपा से दो, माकपा से 19, राकांपा से 14, पंजीकृत गैर मान्यताप्राप्त पार्टियों से 800 और 1155 निर्दलीय उम्मीदवार हैं।

लिंगायत बहुल इलाकों में संघ प्रचारकों का कैंप

संघ के करीब 30 वरिष्ठ प्रचारक एक पखवाड़े से लिंगायत बहुल इलाकों में कैंप कर रहे हैं। इनकी कोशिश लिंगायत समुदाय को अलग धर्म का दर्जा संबंधी कांग्रेस के सियासी दांव को विफल करना है। संघ के प्रचारक इसे हिंदुओं को बांटने की राजनीति के तौर पर प्रचारित करने के अलावा यह भी सवाल कर रहे हैं कि यदि कांग्रेस को इस समुदाय की इतनी चिंता है तो उसने इसी समुदाय का मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा क्यों नहीं की?

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com