जम्मू कश्मीर में तनाव के बीच पीएम आवास पर आज कैबिनेट की बैठक, हो सकता है बड़ा फैसला

By: Pinki Mon, 05 Aug 2019 07:51:02

जम्मू कश्मीर में तनाव के बीच पीएम आवास पर आज कैबिनेट की बैठक, हो सकता है बड़ा फैसला

जम्मू कश्मीर में बढ़ी हलचल के बीच आज (सोमवार) दिल्ली में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक होगी। सुबह 9:30 बजे प्रधानमंत्री आवास पर कैबिनेट बैठक बुलाई है। बैठक के एजेंडे को पूरी तरह से टॉप सीक्रेट रखा गया है और इसे सीधे कैबिनेट में लाया जाएगा। लेकिन खबर है कि कैबिनेट की इस बैठक में कश्मीर के मौजूदा हालात पर चर्चा हो सकती है और कुछ महत्वपूर्ण फैसला हो सकता है।

इन अटकलों को इसलिए भी हवा मिल रही है क्योंकि अब तक सरकार और सेना आतंकवाद की कमर तोड़ने का दावा कर रही थी, ऐसे में महज कुछ हथियार मिलने के आधार पर अमरनाथ यात्रा रद्द करने और बाहरी लोगों के कश्मीर छोड़ने का फरमान सुनाने के पीछे लोग बड़ी वजह तलाश रहे हैं। यही नहीं, ये भी संकेत दिए जा रहे थे कि इस साल के अंत में कश्मीर में चुनाव होंगे। ऐसे में सवाल वाजिब है कि जब अमरनाथ यात्रा नहीं हो सकती तो फिर चुनाव कैसे होंगे?

वही कश्मीर में हालात पर राज्यपाल ने देर रात की डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी के साथ बैठक की। राज्यपाल ने चीफ सेक्रेट्री से जम्मू कश्मीर के हर घंटे हालात पर रिपोर्ट मांगी है।

गौरतलब है कि आज होने वाली कैबिनेट बैठक से पहले रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह नेशीर्ष अधिकारियो के साथ बैठक की थी। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, गृह सचिव राजीव गौबा, खुफिया ब्यूरो (आईबी) के प्रमुख अरविंद कुमार, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के प्रमुख सामंत कुमार गोयल और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। सूत्रों के हवाले से खबर है कि अमित शाह ने सुरक्षा मामले को लेकर बैठक की है। हालांकि इस बैठक को भी कश्मीर की हलचल से जोड़कर देखा जा रहा है। गौरतलब है कि मोदी मंत्रीमंडल की बैठक आम तौर पर बुधवार को होती है। लेकिन, इस बार सोमवार को बैठक बुलाई है।

कश्मीर में पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से हलचल बढ़ी है उसके बाद से वहां के नेता भी लगातार बैठक कर रहे हैं। रविवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के आवास पर एक सर्वदलीय बैठक हुई। बैठक में पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती भी शामिल हुईं।

यह बैठक जम्मू कश्मीर के मौजूदा हालात पर केंद्रित थी जिसमें विशेष राज्य के दर्जे पर चर्चा की गई। बैठक के बाद फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि किसी सूरत में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा नहीं छीना जाना चाहिए। उन्होंने कहा 'मैं राज्य के लोगों से अपील करता हूं कि वे शांत रहें। मैं भारत और पाकिस्तान से अपील करता हूं कि वे ऐसा कोई कदम न उठाएं जिससे लोगों को परेशानी हो और दोनों देशों के बीच टेंशन बढ़े। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में सेना की तैनाती से लोगों में डर है और ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि अमरनाथ यात्रा रद्द की गई हो। हालांकि उन्होंने घाटी के लोगों से शांति के लिए सब्र रखने की सलाह दी। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि सभी दलों ने एकसुर में फैसला किया कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख के विशेष दर्जे, उसकी पहचान और स्वायत्तता को बचाने के लिए एकजुट रहेंगे, चाहे किसी प्रकार के हमले या और कुछ भी हो।' उन्होंने कहा, 'कश्मीर के लिए ये बुरा वक्त है। घाटी में फोर्स की तैनाती से डर पैदा हुआ है। जम्मू-कश्मीर में पहले कभी ऐसा नहीं हुआ। घाटी के लोग घबराए हुए हैं। राज्य का विशेष दर्जा बचाने के लिए साथ सब साथ आएं। सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि सभी पक्ष सभी हमलों के खिलाफ जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की पहचान, स्वायत्तता और विशेष स्थिति की रक्षा और बचाव के अपने संकल्प में एकजुट होंगे, चाहे जो भी हो। समय से पहले कभी अमरनाथ यात्रा समाप्त नहीं हुई। हमने राज्य की स्थितियों के बारे में अवगत कराने के लिए प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति के साथ एक बैठक की मांग की है और उनसे जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे के साथ छेड़छाड़ न करने के लिए कहेंगे।'

इससे पहले जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मीडिया को बताया था कि विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने श्रीनगर के एक होटल में मिलने का फैसला किया था, लेकिन पुलिस ने किसी भी राजनीतिक बैठक की अनुमति नहीं देने के लिए कहा। उन्होंने कहा, 'यहां के राजनीतिक दलों ने आज एक होटल में एक बैठक आयोजित करने का फैसला किया था। लेकिन पुलिस ने सभी होटलों को एक एडवाइजरी जारी की है कि वे राजनीतिक दलों को अपने परिसर में कोई बैठक न करने दें। अब हम आज शाम 6 बजे मेरे आवास पर बैठक कर रहे हैं।'

बैठक से पहले कश्मीर के नेता नजरबंद, घर से बाहर निकलने की इजाजात नहीं

उधर आज होनी वाली कैबिनेट बैठक से कुछ देर पहले रविवार रात को श्रीनगर में धारा-144 लगा दी गई है, जो अगले आदेश तक लागू रहेगी। इस आदेश के मुताबिक भीड़ इकट्ठा नहीं हो पाएगी और शैक्षणिक संस्थान भी बंद रहेंगे। रैली या सार्वजनिक सभा आयोजित करने पर बैन लगा दिया गया है। वही श्रीनगर में महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को नजरबंद कर दिया गया है। इन दोनों नेताओं के अलावा कांग्रेस के नेता उस्मान माजिद और सीपीआई(एम) के विधायक एमए तारिगामी को गिरफ्तार कर लिया गया है। कश्मीर के हालात को लेकर हर कोई चिंता में है। इस बीच कश्मीर यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। श्रीनगर समेत कई इलाकों में पाबंदी लगा दी गई है।

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