जन्मदिन विशेष: बिना चुनाव बने थे नरेन्द्र मोदी पहली बार मुख्यमंत्री, जानें कैसे
By: Priyanka Maheshwari Sun, 16 Sept 2018 9:02:03
आज हमारे देश के प्रधानमन्त्री के पद पर नरेन्द्र मोदी विराजमान हैं। अपने पद पर रहते हुए देश के विकास में मोदी ने कई कदम उठाए हैं जिनमें से उन्हें कुछ में सफतला मिली और कुछ में निराशा हाथ लगी। अपनी उपलब्धियों के चलते और गुजरात की पसंद बन चुके मोदी चार बार गुजरात का मुख्यमंत्री पद संभाल चुके हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पहली बार जब नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे, तो वे बिना चुनाव के मुख्यमंत्री बने थे। आज उनके जन्मदिन के मौके पर आइये हम बताते हैं आपको कि पजली बार कैसे बने थे नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री।
7 अक्टूबर 2001 को मोदी को गुजरात का पहला मुख्यमंत्री बनाया गया। उन्हें 2002 के चुनावों की तैयारी की जिम्मेदारी दी गई मोदी ने उस समय छोटे सरकारी संस्थाओं के विकास पर काम किया।
शंकर सिंह वाघेला के बीजेपी छोड़ने के बाद पार्टी ने केशु भाई पटेल को मुख्यमंत्री बनाया और तब मोदी को दिल्ली भेज दिया गया। लेकिन 2001 में भुज में आए भूकम्प के प्रभाव को संभालने के लिए बीजेपी को गुजरात में मुख्यमंत्री पद के लिए नए उम्मीदवार की जरूरत महसूस हुई।
केशु भाई पटेल को हटाकर 2001 में मोदी को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया,तब मोदी के पास कोई तरह का प्राशासनिक अनुभव नहीं था। हालांकि शुरू में पार्टी उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाना चाहती थी बल्कि उन्हें उप-मुख्यमंत्री का पद देना चाहती थी,जिसके लिए मोदी ने मना कर दिया। मोदी ने तब आडवानी और तत्कालीन प्रधान मंत्री अटल-बिहारी वाजपेयी को पत्र लिखकर ये कहा कि वो या तो गुजरात की पूरी जिम्मेदारी संभालेंगे या फिर बिलकुल नहीं।
विकास योजनाए जिससे गुजरात के विकास को गति मिली
* पंचामृत योजना - राज्य के एकीकृत विकास की पंचायामी योजना
* सुजलाम् सुफलाम् - राज्य में जलस्रोतों का उचित व समेकित उपयोग, जिससे जल की बर्बादी को रोका जा सके
* कृषि महोत्सव - उपजाऊ भूमि के लिये शोध प्रयोगशालाएँ
* चिरंजीवी योजना - नवजात शिशु की मृत्युदर में कमी लाने हेतु
* मातृ-वन्दना - जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य की रक्षा हेतु
* बेटी बचाओ - भ्रूण-हत्या व लिंगानुपात पर अंकुश हेतु
* ज्योतिग्राम योजना - प्रत्येक गाँव में बिजली पहुँचाने हेतु
* कर्मयोगी अभियान - सरकारी कर्मचारियों में अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठा जगाने हेतु
* कन्या कलावाणी योजना - महिला साक्षरता व शिक्षा के प्रति जागरुकता
* बालभोग योजना - निर्धन छात्रों को विद्यालय में दोपहर का भोजन