46वीं बार मन की बात में मोदी ने कहा- दृढ़संकल्प से सब हासिल हो सकता है
By: Priyanka Maheshwari Sun, 29 July 2018 1:09:45
नरेंद्र मोदी ने रविवार को 46वीं बार मन की बात की। मोदी ने कहा कि पिछले दिनों थाईलैंड में 11 खिलाड़ी और एक कोच गुफा में घूमने गए थे। अचानक भारी बारिश के कारण वे गुफा में 18 दिन तक फंसे रहे। इस दौरान दुनियाभर के लोग उनके लिए प्रार्थना कर रहे थे। हर कोई सोच रहा था कि बच्चे कहां हैं। अगर मानसून आ गया तो उन्हें निकालना मुश्किल होगा। वो बाहर आ गए और सब ठीक हुआ। इस पूरे घटनाक्रम को एक और नजरिए से भी देखा जा सकता है कि पूरा ऑपरेशन कैसा चला। हर स्तर पर जिम्मेदारी का जो अहसास था वो अद्भुत था। एक तरफ वो संकट से जूझ रहे थे तो दूसरी तरफ पूरे विश्व में मानवता एकजुट होकर मानवीय गुणों को प्रकट कर रही थी।
मोदी ने कहा, "चाहे सरकार हो, इन बच्चों के माता पिता हों या उनके परिवारजन हों, मीडिया हो, देश के नागरिक हों- हर किसी ने शान्ति और धैर्य का अद्भुत परिचय दिया। सब लोग एक साथ एक टीम की तरह मिशन में जुटे दिखाई दिए। हर किसी का एक संयमित व्यवहार दिखाई दिया। मैं समझता हूं ये सीखने का विषय है। पिछले दिनों हमारे देश के प्रिय कवि नीरज जी हमें छोड़कर चले गए। नीरज जी की विशेषता थी, आशा, भरोसा, दृढसंकल्प, स्वयं पर विश्वास हर बात प्रेरणा दे सकती है। मैं नीरज जी को आदरपूर्वक श्रद्धांजलि देता हूं।''
नई स्किल्स सीखें
मोदी ने कहा, "जुलाई और अगस्त का महीना किसानों और सभी नौजवानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। यही वह समय होता है जब कॉलेज का पीक सीजन होता है। मुझे पूरा यकीन है कि मेरे युवा-मित्र कॉलेज जीवन की शुरुआत को लेकर काफी उत्साही और खुश होंगे। आप सभी से मैं यही कहूंगा कि जीवन में भरपूर आनंद लें, लेकिन नई नई चीजें खोजने की प्रवृत्ति बनी रहनी चाहिए। कुछ नई स्किल्स सीखें।''
दृढ़संकल्प से सब हासिल हो सकता है
मोदी ने कहा, "मोदी ने कहा, मध्यप्रदेश के एक अत्यंत गरीब परिवार से जुड़े एक छात्र आशाराम चौधरी मे जीवन की मुश्किल चुनौतियों को पार करते हुए सफलता हासिल की है। उन्होंने जोधपुर एम्स की एमबीबीएस की परीक्षा में अपने पहले ही प्रयास में सफलता पायी है। उनके पिता कूड़ा बीनकर अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। मैं उनकी इस सफलता के लिए उन्हें बधाई देता हूं। अनेक छात्रों ने, विपरीत परिस्थियों के बावज़ूद अपनी मेहनत और लगन से कुछ ऐसा कर दिखाया है, जो हमें प्रेरणा देता है। चाहे वो दिल्ली के प्रिंस कुमार हों, जिनके पिता डीटीसी में बस चालक हैं या फिर कोलकाता के अभय गुप्ता जिन्होंने स्ट्रीट लाइट के नीचे पढ़ाई की। ऐसे कितने ही छात्र हैं जो गरीब परिवार से हैं और विपरीत परिस्थितयों के बावजूद अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने कुछ ऐसा कर दिखाया है जो हम सबको प्रेरणा देता है।
अहमदाबाद की बिटिया आफरीन शेख हो या नागपुर की बेटी खुशी हो या हरियाणा के कार्तिक या झारखंड के रमेश साहू या फिर गुड़गांव की दिव्यांग बेटी अनुष्का पांडा, जो जन्म से ही स्पाइनल अट्रोफी नामक एक अानुवांशिक बीमारी से पीड़ित है। इन सबने अपने दृढसंकल्प और हौसले से हर बाधा को पार कर कामयाबी हासिल की है। पीएम ने कहा, रायबरेली के दो आईटी प्रोफेशनल्स योगेश साहू जी और रजनीश बाजपेयी जी ने एक अभिनव प्रयास किया। अपने प्रोफेशनल्स स्किल्स का उपयोग करते हुए योगेश जी औरप रजनीश जी ने मिलकर एक स्मार्ट गांव ऐप तैयार किया है। ये ऐप न केवल गांव के लोगों को पूरी दुनिया से जोड़ रहा है बल्कि अब वे कोई भी जानकारी और सूचना स्वयं खुद के मोबाइल पर ही प्राप्त कर सकते हैं।
भाईचारे और प्रेम का संदेश देती है संत परंपरा
मोदी ने कहा, "पंढरपुर महाराष्ट्र के सोलापुर जिले का एक पवित्र शहर है। पंढरपुर वारी अपने आप में एक अद्भुत यात्रा है। इसमें लाखों की संख्या में वारकरी शामिल होते हैं। यह वारी शिक्षा, संस्कार और श्रद्धा की त्रिवेणी है। ज्ञानेश्वर, नामदेव, एकनाथ, रामदास, तुकाराम जैसे अनगिनत संतों की शिक्षाएं आज भी जनसामान्य को शिक्षित कर रही हैं। ये वो लोग थे जिन्होंने समय समय पर समाज को आईना दिखाया। यह सुनिश्चित किया कि पुरानी कुप्रथाएं हमारे समाज से खत्म हों और लोगों में करुणा, समानता और शुचिता संस्कार में आएं।''
इको-फ्रेंडली गणेश उत्सव मनाएं
मोदी ने कहा, "एक अगस्त 1920 को लोकमान्य बालगंगाधर तिलक की पुण्यतिथि है। तिलक जी के प्रयासों से ही सार्वजनिक गणेश उत्सव की परंपरा शुरू हुई। सार्वजनिक गणेश उत्सव परम्परागत श्रद्धा और उत्सव के साथ-साथ लोगों में समरसता और समानता के भाव को आगे बढ़ाने का एक प्रभावी माध्यम बन गया था। इन उत्सवों ने जाति और सम्प्रदाय की बाधाओं को तोड़ते हुए सभी को एकजुट करने का काम किया। इस बार भी आप सभी इको फ्रेंडली गणेश उत्सव मनाएं। हर शहर में इको फ्रेंडली गणेश उत्सव की अलग स्पर्धाएं हों, उनको इनाम दिए जाएं। 23 जुलाई को भारत-मां के एक और सपूत चंद्रशेखर आज़ाद का जन्म हुआ, जिन्होंने अपना जीवन इसलिए बलिदान कर दिया ताकि देशवासी आजादी में सांस ले सके। मैं भारत माता के दो महान सपूतों लोकमान्य तिलक जी और चंद्रशेखर आजाद जी को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं।''
खिलाड़ियों को सलाम
मोदी ने कहा, "अभी कुछ ही दिन पहले फिनलैंड में चल रही जूनियर अंडर-20 विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 400 मीटर की दौड़ में भारत की बहादुर बेटी और किसान पुत्री हिमा दास ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा। योगेश कथुनियाजी ने पैरा एथलेटिक्स के डिस्कस थ्रो में ग्रां प्री में स्वर्ण पदक जीता। सुंदर सिंह गुर्जर ने जैवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीता और विश्व रिकॉर्ड बेहतर किया। मैं सभी को सलाम करता हूं।''