जेईई मेन साल में चार बार कराने के लिए 384 प्रश्न-पत्र तैयार किए जाएंगे। बेहद रोचक यह भी है कि इन्हें कराने के लिए एनटीए ने 4.14 लाख प्रश्नों का बैंक बनाया है। इसके अलावा 4.14 लाख बैकअप सवाल भी स्टोर किए गए हैं। इस साल से जेईई मेन 12 भाषाओं में आयोजित की जानी है। साल में चार बार एग्जाम में भाग लेने का विकल्प सभी छात्रों को भी नहीं मिलेगा। यानी जेईई मेन देने वाले सभी अभ्यर्थी चारों सत्रों में शामिल नहीं हो पाएंगे।
जेईई मेन के चारों सत्रों में शामिल होने की सुविधा सिर्फ उन स्टूडेंट्स के लिए होगी जो बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (बीई) या बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (बीटेक) की प्रवेश परीक्षा देंगे, लेकिन ऐसे स्टूडेंट्स जो बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर (बीआर्क) या बैचलर ऑफ प्लानिंग (बी. प्लानंग) एंट्रेंस एग्जाम देंगे, उन्हें सिर्फ दो मौके दिए जाएंगे। जेईई मेन बीई व बीटेक के लिए फरवरी, मार्च, अप्रैल और मई में परीक्षाएं होंगी।
इन कोर्सेस के लिए आवेदन करने वाले स्टूडेंट्स चाहें तो सभी चार सत्रों में शामिल हो सकते हैं, लेकिन बीआर्क और बी. प्लानिंग की परीक्षाएं सिर्फ दो सत्रों फरवरी व मई में होंगी। इनके लिए आवेदन करने वाले स्टूडेंट्स को अब भी साल में सिर्फ दो मौके ही मिलेंगे।
एनटीए नीट परीक्षा भी साल में दो बार और ऑनलाइन मोड में कराने पर विचार कर रहा है। सूत्रों ने बताया कि एनटीए ने स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर सुझाव मांगा कि क्या नीट एग्जाम अॉनलाइन मोड में हो सकती है। फिलहाल नीट साल में एक बार और पेन-पेपर मोड पर हो रही है। इस साल नीट में 13 लाख स्टूडेंट्स ने भाग लिया था।
ऑनलाइन मोड के पीछे मकसद है कि बड़ी संख्या में छात्र तनाव में रहते हैं। अगर साल में दो बार आयोजित कराया जाए तो बड़ी राहत मिल सकती है। छात्र लंबे समय से नीट साल में 2 बार कराने की मांग कर रहे हैं। एनटीए नीट को ऑनलाइन और साल में 2 बार स्वास्थ्य मंत्रालय की मंजूरी मिलने पर ही करा सकता है। छात्र नीट साल में 2 बार कराने के लिए लगातार कैंपेन चला रहे हैं।