'COVAXIN' को लेकर राजनीति तेज, भारत बायोटेक के MD बोले- डेटा पर सवाल उठाने वाले आर्टिकल्स पढ़ें

By: Pinki Mon, 04 Jan 2021 6:53:28

'COVAXIN' को लेकर राजनीति तेज, भारत बायोटेक के MD बोले- डेटा पर सवाल उठाने वाले आर्टिकल्स पढ़ें

भारत के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने कोरोना की दो वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दी है, जिससे बड़े पैमाने पर टीकाकरण का रास्ता साफ हो गया। हालाकि, इस मंजूरी के साथ ही देश में वैक्सीन को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। आपको बता दे, रविवार को DCGI ने सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है।

इस मंजूरी के साथ ही कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने वैक्सीन को लेकर सवाल खड़ा किया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि कोवैक्सीन को समय से पहले मंजूरी दे दी गई है और यह खतरनाक हो सकता है। वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए स्वास्थ्य मंत्री से स्पष्टीकरण मांगा था। भारत बायोटेक के एमडी ने वैक्सीन को तमाम सवालों को लेकर विस्तार से जानकारी दी।

भारत में इनोवेशन और वैक्सीन उत्पादन की दिशा में बड़ी छलांग

इस बारे में भारत बायोटेक के एमडी कृष्णा एला ने कहा है, 'कोवैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की स्वीकृति मिलना भारत में इनोवेशन और वैक्सीन उत्पादन की दिशा में बड़ी छलांग है। यह देश के लिए गर्व का क्षण है। भारत की वैज्ञानिक क्षमता में महान मील का पत्थर है। यह भारत में इनोवेशन इकोसिस्टम में तेजी आएगी।'

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कृष्णा एला ने कहा, 'हालांकि यह वैक्सीन कोरोना महामारी के दौरान एक असमान चिकित्सा की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाई गई है। हमारा लक्ष्य वैक्सीन को बड़ी आबादी तक वैश्विक पहुंच प्रदान करना है, जिकी इसे सबसे अधिक आवश्यकता है। कोवैक्सीन (COVAXIN) ने कई वायरल प्रोटीनों के लिए मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं के साथ उत्कृष्ट सुरक्षा डेटा को पैदा किया है जो अभी भी जारी है।'

मेरे परिवार का कोई भी सदस्य किसी भी राजनीतिक दल से नहीं जुड़ा


कृष्णा एला ने कहा, 'अब टीके का राजनीतिकरण किया जा रहा है। मैं यह स्पष्ट रूप से बताना चाहता हूं कि मेरे परिवार का कोई भी सदस्य किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ा नहीं है।'

ब्रिटेन सहित 12 से अधिक देशों में क्लीनिकल टेस्ट किए

कृष्णा एला ने कहा, 'हम भारत में सिर्फ क्लीनिकल टेस्ट नहीं कर रहे हैं। हमने ब्रिटेन सहित 12 से अधिक देशों में क्लीनिकल टेस्ट किए हैं। हम पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश और अन्य देशों में क्लीनिकल टेस्ट कर रहे हैं। हम सिर्फ एक भारतीय कंपनी नहीं हैं, हम वास्तव में एक वैश्विक कंपनी हैं।'

उन्होंने कहा, 'हम टीकों में अनुभव के बिना वाली कंपनी नहीं हैं। हमारे पास टीकों का जबरदस्त अनुभव है। हम 123 देशों के लिए काम कर रहे हैं। हम एकमात्र कंपनी हैं, जिन्हें समीक्षा पत्रिकाओं में इतना व्यापक अनुभव और व्यापक प्रकाशन मिला है।

70 से अधिक लेख प्रकाशित

उन्होंने कहा, 'कई लोग कह रहे हैं कि हमारा डेटा पारदर्शी नहीं है। मुझे लगता है कि लोगों को इंटरनेट पर पढ़ने के लिए धैर्य होना चाहिए। हमने इसे लेकर कितने लेख प्रकाशित किए हैं। 70 से अधिक लेख विभिन्न अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं।'

उन्होंने कहा, 'बहुत से लोग वैकसीन को लेकर सिर्फ गपशप करते हैं, यह सिर्फ भारतीय कंपनियों के खिलाफ एक प्रतिक्रिया है। जो हमारे लिए सही नहीं है। हम इसके लायक नहीं हैं। मर्क के इबोला वैक्सीन ने कभी भी हयूमन क्लीनिकल ट्रायल को पूरा नहीं किया, लेकिन डब्ल्यूएचओ ने लाइबेरिया और गिनी के लिए आपातकालीन प्रयोग करने की अनुमति दी।'

2 करोड़ डोज तैयार

कृष्णा एला ने कहा, 'मौजूदा समय हमारे पास 2 करोड़ डोज तैयार है। हम जल्द ही 70 करोड़ डोज तैयार कर लेंगे। ये वैक्सीन हमारे चार सेंटर्स पर तैयार हो रहे हैं। इनमें से तीन हैदराबाद में है और एक बेंगलुरु में। इस समय हम कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। शुरुआत में वैक्सीन की लागत थोड़ी अधिक हो सकती है। जैसे-जैसे वैक्सीन का उत्पादन का पैमाना बढ़ेगा, कीमत बाजार द्वारा नियंत्रित होगी।'

बच्चों पर भी होगा ट्रायल

आपको बता दे, 'COVAXIN' का ट्रायल अब 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों पर भी किया जा सकेगा। केंद्र सरकार ने (Bharat Biotech) को इसके लिए मंजूरी दे दी है। कोवैक्सिन फिलहाल तीसरे राउंड के ट्रायल फेज में है। पिछले राउंड में भी 12 साल से ज्यादा उम्र के कुछ बच्चों पर इसका यूज किया गया था और वैक्सीन पूरी तरह से सेफ मिली थी। केंद्र सरकार का कहना है कि जल्द ही वैक्सीनेशन शुरू हो जाएगा। फिलहाल केवल वयस्कों को वैक्सीन लगाई जाएगी, लेकिन कोवैक्सिन के इस ट्रायल के बाद अगर अच्छे रिजल्ट मिलते हैं तो फ्यूचर में बच्चों का भी वैक्सीनेशन संभव हो सकेगा।

अखिलेश यादव ने उठाए थे सवाल

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सबसे पहले इस पर सवाल खड़े किए थे। शनिवार को सोशल मीडिया पर कहा था कि ताली-थाली बजवाकर कोरोना को भगाने वाली सरकार पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की वैक्सीन लगवाने की उस व्यवस्था पर भरोसा नहीं कर सकते, जो कोरोनाकाल में ठप्प-सी पड़ी रही थी। उन्होंने कहा कि हम भाजपा की राजनीतिक वैक्सीन नहीं लगवाएंगे। जब हमारी सरकार बनेगी, तब हम मुफ्त में वैक्सीन लगवाएंगे।

कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने अखिलेश का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से भाजपा और प्रधानमंत्री CBI, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और ED का इस्तेमाल विपक्षी नेताओं के खिलाफ कर रहे हैं, मुझे लगता है कि अखिलेश यादव का यह डर गलत नहीं है कि वैक्सीन का भी गलत इस्तेमाल हो सकता है। जिस तरह से सरकार विपक्षी नेताओं के खिलाफ काम कर रही है, यह डर वाजिब है।

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