कश्मीर पर सरकार आज कोई बड़ा फैसला ले सकती है। वही इसके साथ जम्मू-कश्मीर में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती भी की गई है। जम्मू-कश्मीर को लेकर देश में सियासी सरगर्मी बढ़ी हुई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज संसद में कश्मीर के हालात पर बयान देंगे। गृह मंत्री के प्रवक्ता ने बताया कि अमित शाह सुबह 11 बजे राज्यसभा में दोपहर को लोकसभा में बयान देंगे। उधर जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति पर चर्चा करने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं ने बैठक की। विपक्षी दलों ने कश्मीर मुद्दे पर चर्चा के लिए संसद के दोनों सदनों को स्थगन प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया। घाटी में स्थानीय नेताओं को नजरबंद किए जाने के साथ धारा 144 लागू कर दी गई है। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बलों का पहरा है। गृह मंत्री अमित शाह कई दफा उच्चस्तरीय मीटिंग ले चुके हैं। वहीं, सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की सुरक्षा मामलों की समिति यानी सीसीएस की बैठक भी हुई। ऐसे में हर किसी के जेहन में यह सवाल उठ रहा है कि कश्मीर के मसले पर क्या मोदी सरकार कोई बड़ा फैसला लेने वाली है? यहां बता दें कि बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान जम्मू-कश्मीर के मसले पर कुछ वादे किए थे। अटकलें लग रहीं हैं कि मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में संकल्प पत्र में किए वादों को ही पूरा करने जा रही है।
बीजेपी के 2019 के संकल्प पत्र में क्या लिखा है
भारतीय जनता पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए कुल 48 पेज का संकल्प पत्र जारी किया था। इसमें पेज नंबर 14 पर 'जम्मू-कश्मीर- धारा 370' कॉलम में 35 ए के मसले पर बीजपी ने स्पष्ट लिखा है-
- हम धारा 35 ए को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा मानना है कि धारा 35 ए जम्मू-कश्मीर के गैर स्थायी निवासियों और महिलाओं के खिलाफ भेदभावपूर्ण है। यह धारा जम्मू-कश्मीर के विकास में भी बाधा है। राज्य के सभी निवासियों के लिए एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण वातावरण सुनिश्चित करने के लिए हम सभी कदम उठाएंगे।
- हम कश्मीरी पंडितों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास करेंगे।
- हम पश्चिमी पाकिस्तान, पीओके और छंब से आए शरणार्थियों के पुनर्वास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेंगे।
- वहीं बीजेपी ने संकल्प पत्र में धारा 370 के मसले पर लिखा है, पिछले पांच वर्षों में हमने निर्णायक कार्रवाई और एक दृढ़ नीति के जरिए जम्मू-कश्मीर में शांति सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक प्रयास किए हैं।
राज्य के सभी क्षेत्रों के विकास में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने और राज्य के हर क्षेत्र के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। हम जनसंघ के समय से आर्टिकल 370 के बारे में अपने दृष्टिकोण को दोहराते हैं।
माना जा रहा है कि अगर बीजेपी अपने संकल्प पत्र में किए वादों को पूरा करती है तो फिर धारा 35 ए हटा सकती है। इसके अलावा कश्मीरी पंडितों की घर वापसी और पश्चिमी पाकिस्तान, पीओके से आए हिंदू शरणार्थियों के पुनर्वास की सुविधा सरकार करेगी। शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने के लिए सरकार पहल कर चुकी है। इसके लिए नागरिकता संशोधन विधेयक तैयार किया गया है। इस बिल के अभी संसद से पारित होने का इंतजार है।
बता दे, राज्यसभा की आज की सभी नियमित कार्यवाही को स्थगित किया गया। सिर्फ और सिर्फ जम्मू-कश्मीर के मसले पर ही चर्चा होगी। कोई प्रश्न काल या जीरो ऑवर नहीं होगा। नियम 267 के तहत राज्यसभा के सभापति ने एक बड़े फैसले के तहत आज सदन में अन्य सारी कार्यवाहियां रद्द कर दी हैं। वही राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का संकल्प पेश किया है। इसके साथ ही अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन का संकल्प भी पेश किया है। अमित शाह के ऐलान के बाद विपक्ष ने सदन में काफी हंगामा किया।