साल 1947 में जब अंग्रेजी हुकूमत से भारत आजाद हुआ तो उसके सामने भाषा को लेकर सबसे बड़ा सवाल था। क्योंकि भारत में सैकड़ों भाषाएं और बोलियां बोली जाती है। 6 दिसंबर 1946 में आजाद भारत का संविधान तैयार करने के लिए संविधान का गठन हुआ। संविधान सभा ने अपना 26 नवंबर 1949 को संविधान के अंतिम प्रारूप को मंजूरी दे दी। आजाद भारत का अपना संविधान 26 जनवरी 1950 से पूरे देश में लागू हुआ। लेकिन भारत की कौन सी राष्ट्रभाषा चुनी जाएगी ये मुद्दा काफी अहम था। काफी सोच विचार के बाद हिंदी और अंग्रेजी को नए राष्ट्र की भाषा चुना गया। संविधान सभा ने देवनागरी लिपी में लिखी हिन्दी को अंग्रजों के साथ राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया था। 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से निर्णय लिया कि हिंदी ही भारत की राजभाषा होगी।
जिसके बाद से हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है हिंदी दिवस। हमारे देश में 22 भाषाएं बोली जाती हैं पर सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषा हिंदी है। साल 1918 में महात्मा गांधी ने हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने को कहा था। इसे गांधी जी ने जनमानस की भाषा भी कहा था। महात्मा गांधी ने हिंदी की महत्ता को समझाते हुए एक जनसभा में कहा था, 'जैसे अंग्रेज अपनी मातृभाषा अंग्रेजी में बातचीत करते हैं और उसे अपने दैनिक जीवन में प्रयोग में लाते हैं, उसी तरह मेरा आप सब देशवासियों से विनम्र निवेदन है कि आप हिन्दी को भारत की राष्ट्रभाषा बनाने का गौरव प्रदान करें।'
आज के इस अवसर हम आपके लिए हिंदी से जुड़े कुछ विचार लेकर आए है तो आपके विचारों में परिवर्तन ले आयेंगे...
"राष्ट्रभाषा के बिना राष्ट्र गूंगा है।" - महात्मा गांधी
"हिंदी विश्व की महान भाषा है।" - राहुल सांकृत्यायन
"जिस देश को अपनी भाषा और अपने साहित्य के गौरव का अनुभव नहीं है, वह उन्नत नहीं हो सकता।" - डॉ. राजेन्द्रप्रसाद
"हिंदी स्वयं अपनी ताकत से बढ़ेगी।" - पं. जवाहरलाल नेहरू
"हिंदी द्वारा सारे भारत को एक सूत्र में पिरोया जा सकता है।" - स्वामी दयानंद सरस्वती
"मैं दुनिया की सब भाषाओं की इज्जत करता हूँ, परन्तु मेरे देश में हिंदी की इज्जत न हो, यह मैं नहीं सह सकता।" - विनोबा भावे
"हिंदी उन सभी गुणों से अलंकृत है जिनके बल पर वह विश्व की साहित्यिक भाषाओं की अगली श्रेणी में सभासीन हो सकती है।" - मैथिलीशरण गुप्त
"संस्कृत मां, हिंदी गृहिणी और अंग्रेजी नौकरानी है।" - डॉ. फादर कामिल बुल्के
"सच्चा राष्ट्रीय साहित्य राष्ट्रभाषा से उत्पन्न होता है।" - वाल्टर चेनिंग