
कोरोना संक्रमण के बढ़ने के साथ-साथ दुनियाभर में कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) को लेकर चर्चा जोरों पर शुरू हो गई है। कोरोना संकट से जूझ रही पूरी दुनिया को सोमवार को बड़ी खुशखबरी मिली है। अमेरिका की फार्मा कंपनी फाइजर (Pfizer) और जर्मन बायाटेक फर्म बायोनटेक (BioNTech) मिलकर कोरोना वैक्सीन बनाई है। कंपनी ने सोमवार को इस वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) का ऐलान किया है। कंपनी ने दावा किया है कि इस वैक्सीन से 90 फीसदी तक कोरोना वायरस को रोका जा सकता है। इस वैक्सीन के विश्लेषण में अमेरिका और 5 अन्य देशों में करीब 44,000 लोगों को इसमें शामिल किया गया था। फाइजर के सीईओ अल्बर्ट बोउरला ने कहा, 'ये अध्ययन पिछले आठ महीने से जारी महामारी को खत्म करने के प्रयासों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इससे कोरोना वायरस संक्रमण को खत्म में अहम मदद मिलेगी।' वैक्सीन कंपनी ने दावा किया है कि अगर वैक्सीन के अंतिम परिणाम भी हमारी उम्मीद के मुताबिक आते हैं तो हम ये कह सकते हैं कि COVID-19 वैक्सीन क्रिसमस से पहले बाजार में आ जाएगी।
कंपनी के मुताबिक वैक्सीन का टेस्ट अलग-अलग उम्र के लोगों पर किया जा रहा है। अभी तक वैज्ञानिकों ने जिस तरह की उम्मीद जताई थी, परिणाम भी उसी के मुताबिक मिल रहे हैं।
BioNTech के मुख्य कार्यकारी युगुर साहिन ने कहा कि अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन दिसंबर के मध्य तक आपातकालीन उपयोग को मंजूरी दे सकता है। इसी तरह यूरोपीय संघ से भी कुछ शर्तों के साथ दिसंबर के मध्य तक मंजूरी मिल सकती है। उन्होंने कहा कि अगर सब कुछ हमारी उम्मीदों के मुताबिक रहा तो हम दिसंबर के मध्य तक वैक्सीन बाजार में उतारने के लिए तैयार रहेंगे। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि क्रिसमस से पहले वैक्सीन को बाजार में उतारा जा सकेगा।
वर्तमान अनुमानों के आधार पर फाइजर ने कहा कि कंपनी के 2020 में विश्व स्तर पर 50 मिलियन और 2021 तक 1.3 बिलियन वैक्सीन का उत्पादन करने की उम्मीद है। वहीं, न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया कि साल के अंत तक, फाइजर 15 से 20 मिलियन लोगों को टीकाकरण करने के लिए पर्याप्त वैक्सीन का निर्माण कर लेगा, लेकिन फाइजर ने अभी तक भारत में इस वैक्सीन को उपलब्ध कराने की अपनी योजनाओं की घोषणा नहीं की है। बता दें कि इस वैक्सीन की स्टोरेज के लिए ठंडी जगह का चुनाव करना होगा।
एक्सपर्ट का मानना है कि फाइजर और बायोएनटेक के टीके के परिणाम का इंतजार है। वहीं, विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि लोग अभी सावधानीपूर्वक रहे क्योंकि विश्लेषण का यह अभी शुरुआती डेटा है। वहीं, वेल्लोर के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल साइंसेज विभाग के प्रोफेसर डॉ। गगनदीप कांग ने कहा कि 'यह अच्छा है लेकिन अधिक जानकारी उपलब्ध होने पर ही हम इस पर ठीक से टिप्पणी कर सकते है।'














