
भारत यात्रा पर आए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका की नीतियों पर सीधा सवाल उठाते हुए बड़ा बयान दिया है। पुतिन ने स्पष्ट कहा कि जब अमेरिका रूस से ऊर्जा खरीदने में कोई हिचक नहीं दिखाता, तो भारत पर ऐसी खरीद को लेकर दबाव क्यों बनाया जाता है। उनका यह बयान ऐसे समय में सामने आया है जब अमेरिका, भारत की रूसी तेल खरीद को लेकर लगातार आपत्तियां जता रहा है और इस पर भारी टैक्स भी लगाया गया है।
इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में पुतिन ने कहा, “अमेरिका हमारे न्यूक्लियर पावर प्लांट्स में इस्तेमाल होने वाला यूरेनियम लगातार खरीद रहा है। यह भी तो ऊर्जा ही है। यदि अमेरिका को हमसे न्यूक्लियर फ्यूल लेने का अधिकार है, तो भारत को इसी अधिकार से क्यों रोका जाए?”
पुतिन ने उठाया बड़ा मुद्दा
उन्होंने दो टूक कहा कि यह विषय विस्तृत अध्ययन की मांग करता है और वे इस पर राष्ट्रपति ट्रंप से बातचीत करने के लिए तैयार हैं। पुतिन के मुताबिक, “अगर अमेरिका हमसे फ्यूल खरीद सकता है, तो भारत का रास्ता रोकना तार्किक नहीं है।”
रूस पर पश्चिमी पाबंदियों के बीच भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद में कमी से जुड़े प्रश्न पर पुतिन ने कहा कि यह कमी सिर्फ “संतुलन का हल्का सा बदलाव” है। उनके अनुसार, “इस साल के पहले नौ महीनों में भारत-रूस के कुल व्यापार में थोड़ा उतार-चढ़ाव दिखा है, लेकिन कुल व्यापार अभी भी लगभग पहले जैसा ही है।”
भारत की ताकत से परेशान वैश्विक खिलाड़ी
साक्षात्कार में पुतिन ने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के तेजी से बढ़ते आर्थिक प्रभाव से कुछ देशों में बेचैनी बढ़ रही है। उन्होंने संकेत दिया कि रूस से तेल आयात को लेकर पश्चिम की प्रतिक्रिया और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा टैरिफ बढ़ाने का निर्णय, भारत की बढ़ती ताकत को लेकर चिंता का इशारा करता है।
पुतिन ने यह दोहराया कि भारत और रूस की ऊर्जा साझेदारी दशकों पुरानी है और वर्तमान भू-राजनीतिक हालात—चाहे वह यूक्रेन संकट ही क्यों न हो—इस सहयोग को प्रभावित नहीं कर पाए हैं।
अमेरिका के रुख पर पुतिन का जवाब
अमेरिका की आक्रामक नीति पर पूछे गए प्रश्न के जवाब में पुतिन ने कहा, “बाहरी दबावों के बावजूद न मैं और न प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कभी भी किसी तीसरे देश के खिलाफ हमारी साझेदारी का इस्तेमाल करते हैं। हमारा लक्ष्य सिर्फ अपने हितों की रक्षा करना है।”
ट्रंप पर पुतिन की टिप्पणी
पुतिन ने कहा, “अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने एजेंडे के आधार पर फैसले लेते हैं, जबकि रूस और भारत अपने-अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देते हैं। हमारा उद्देश्य किसी के विरुद्ध काम करना नहीं, बल्कि अपनी आवश्यकताओं और उद्देश्यों की पूर्ति करना है।”
उनकी यह भारत यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत-अमेरिका संबंध दो दशकों में सबसे कठिन चरण से गुजर रहे हैं। अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर 50% तक का भारी शुल्क लगाया है और रूस से आयातित कच्चे तेल पर 25% अतिरिक्त कर लागू किया है।













