
राजसमंद: शहर की एक ही सड़क का नाम 20 साल के भीतर दो बार बदलने और दो बार लोकार्पण करने को लेकर विवाद जोर पकड़ गया है। आक्रोशित सर्वसमाज के लोग नगरपरिषद पहुंचे और सभापति अशोक टांक का घेराव कर अपना विरोध दर्ज कराया। लोगों का कहना है कि जिस सड़क का नाम पहले राजसमंद के संस्थापक राणा राजसिंह के नाम पर था, उसे अचानक बदलकर ‘आचार्य महाश्रमण अहिंसा मार्ग’ क्यों कर दिया गया। इस बदलाव से दो समुदायों में तनाव की स्थिति पैदा हो गई।
विवाद बढ़ते देख नगरपरिषद के मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया गया और राजनगर थाने से पुलिस बुलाकर तैनात कर दी गई। लगभग एक घंटे तक विरोध प्रदर्शन चलता रहा। सभापति अशोक टांक को घेरकर प्रदर्शनकारियों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की। सभापति ने मामले की जांच करवाने और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया, जिसके बाद स्थिति शांत हुई। हालांकि, इसके बाद कुछ लोग अतिरिक्त जिला कलक्टर नरेश बुनकर को ज्ञापन देकर चले गए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि पांच दिनों के भीतर जांच और कार्रवाई नहीं हुई, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। एडीएम ने निष्पक्ष जांच और कार्रवाई का भरोसा दिया।
इतिहास में दो नामकरण:
क्षत्रिय महासभा राजसमंद के महेंद्रसिंह चौहान ने बताया कि टीवीएस चौराहे से टंकी तक की 50 फीट लंबी सड़क का ‘राणा राजसिंह मार्ग’ के रूप में लोकार्पण 10 अक्टूबर 2005 को तत्कालीन गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया, तत्कालीन नगरपालिका चेयरमैन महेश पालीवाल, तत्कालीन सांसद स्वर्गीय किरण माहेश्वरी और तत्कालीन विधायक बंशीलाल खटीक की मौजूदगी में किया गया था। ठीक 20 साल बाद विधायक दीप्ति माहेश्वरी और सभापति अशोक टांक की उपस्थिति में नगरपरिषद ने उसी मार्ग का नाम बदलकर ‘आचार्य महाश्रमण अहिंसा मार्ग’ कर दिया। चौहान ने कहा कि ऐसे अचानक बदलाव से आमजन की भावनाएं आहत हुई हैं।
सभापति ने जताई शर्मिंदगी:
सभापति अशोक टांक ने कहा कि 2005 में लोकार्पित शिलापट्टिका की फोटो मीडिया में आई है, लेकिन नगरपरिषद के रिकॉर्ड में उस नामकरण का कोई प्रस्ताव नहीं मिला। उन्होंने कहा, “मैं खुद शर्मिंदा हूं कि इस चूक के चलते ऐसा हुआ। नगरपरिषद और प्रशासन से यह कैसे संभव हुआ, इसकी पूरी जांच कराई जाएगी।”
अतिरिक्त जिला कलक्टर का बयान:
अतिरिक्त जिला कलक्टर नरेश बुनकर ने कहा कि एक सड़क के दोहरे नामकरण को लेकर ज्ञापन मिला है। उन्होंने बताया कि फिलहाल वस्तुस्थिति की जानकारी नगरपरिषद से ली जाएगी। जिला कलेक्टर के निर्देशानुसार उचित कार्रवाई की जाएगी, ताकि आम जनता में किसी प्रकार का विवाद उत्पन्न न हो।














