1 अक्टूबर 2019 से पूरे देश में लागू हो रहे ये नए नियम, आपकी जिंदगी पर पड़ेगा कितना असर जानें
By: Pinki Tue, 01 Oct 2019 09:05:18
आज नए महीने की शुरुआत हो चुकी है इसी के साथ कई नए नियम लागू होने जा रहे हैं। अक्टूबर में कई ऐसे फाइनेंशियल बदलाव होने जा रहे है जिसका सीधा असर आम जनता की जिंदगी पर पड़ने वाला है। बैंक और सरकार ने बैंकिंग, ट्रांसपोर्ट और जीएसटी से जुड़े कई पूराने नियमों में बदलाव किया है जो 1 अक्टूबर 2019 से लागू होने वाले है। तो आइये जानते है क्या-क्या बदला आपके लिए...
- GST काउंसिल की 37वीं बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए है। इस बैठक में सबसे बड़ी राहत होटल इंडस्ट्री (Hotel Industry) को दी गई है। अब 1000 रुपये तक किराए वाले पर टैक्स (Tax) नहीं लगेगा। वहीं, इसके बाद 7500 रुपये तक टैरिफ (Tarrif) वाले रूम के किराए पर अब सिर्फ 12% GST देना होगा। पहले 18% GST देनी होती थी। इसी तरह, 7,500 रुपये से ऊपर के कमरों पर जीएसटी को 28 से घटाकर 18% किया गया है।
इसके अलावा जीएसटी काउंसिल (GST Council) ने 10 से 13 सीटों तक के पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) वाहनों पर सेस को घटा दिया गया है। 1200 सीसी के पेट्रोल वाहनों पर सेस की दर 1 % और 1,500 सीसी के डीजल वाहनों पर 3% कर दिया गया है। दोनों तरह के वाहनों पर सेस की मौजूदा दर 15% है। वहीं जीएसटी की दर 28% है।
- एसबीआई (SBI) के बैंक अकाउंट में मंथली एवरेज बैलेंस मेंटेन नहीं कर पाने पर चार्ज में कटौती होने वाली है। यह कटौती लगभग 80% तक की हो सकती है। अभी आपका बैंक अकाउंट अगर मेट्रो सिटी और शहरी इलाके की ब्रांच में है, तो आपको खाते में एवरेज मंथली बैलेंस क्रमश: 5,000 रुपये और 3,000 रुपये रखना होता है।
- 1 अक्टूबर से SBI के एटीएम चार्ज भी बदलने वाले हैं। अब बैंक के ग्राहक मेट्रो शहरों के एसबीआई एटीएम में से मैक्सिमम 10 बार फ्री डेबिट ट्रांजेक्शन कर सकेंगे। अभी यह 6 ट्रांजेक्शन की लिमिट थी। वहीं, अन्य जगहों के एटीएम से मैक्सिसम 12 फ्री ट्रांजेक्शन किया जा सकेगा।
- आरबीआई (RBI) के रेपो रेट (Repo Rate) में कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए एसबीआई (SBI) ने एक अक्तूबर से अपनी कर्ज की ब्याज दरों को रेपो रेट से जोड़ने का फैसला किया है। इससे ग्राहकों को करीब 0.30% तक सस्ती दरों पर होम और ऑटो लोन मिल सकेगा। एसबीआई के अलावा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, इंडियन बैंक, निजी क्षेत्र के फेडरल बैंक ने भी एक अक्तूबर से अपनी खुदरा कर्ज की ब्याज दरों को रेपो से जोड़ने का एलान किया है। अभी तक सभी बैंक एमसीएलआर पर आधारित ब्याज दर से कर्ज देते हैं।
- OBC ने रेपो रेट से लिंक्ड नए रिटेल व MSE लोन प्रॉडक्ट लॉन्च किए हैं। ये लोन 1 अक्टूबर 2019 से उपलब्ध होंगे। MSE और रिटेल लोन के तहत OBC द्वारा दिए जाने वाले सभी नए फ्लोटिंग रेट लोन रेपो रेट से जुड़ी ब्याज दर पर मिलेंगे। इन नए प्रॉडक्ट्स में रेपो रेट से लिंक्ड होम लोन की ब्याज दर 8.35% से शुरू होगी, जबकि MSE के लिए लोन की ब्याज दर 8.65% से शुरू होगी।
- SBI क्रेडिट कार्ड से पेट्रोल-डीज़ल खरीदने पर अब आपको 0.75% कैशबैक नहीं मिलेगा। SBI क्रेडिट कार्ड ने अपने ग्राहकों को मैसेज भेजकर बताया है कि वह 1 अक्टूबर से इसे बंद करने जा रहा है। एचपीसीएल, बीपीसीएल और आईओसी ने कैशबैक स्कीम को वापस लेने को कहा था। केंद्र सरकार ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए 2016 में इसकी शुरुआत की थी। एसबीआई की देखादेखी अन्य बैंक भी इसका पालन कर सकते हैं।
- बदलते ट्रैफिक नियमों के साथ 1 अक्टूबर से आपका ड्राइविंग लाइसेंस भी बदलने जा रहा है। केंद्र सरकार ड्राइविंग लाइसेंस के नियमों में बदलाव करने जा रही है। नए नियम पूरे देश में 1 अक्टूबर से लागू हो जाएंगे। एक अक्टूबर से पूरे देश में डीएल और गाड़ी के पंजीकरण प्रमाण पत्र का रंग, लुक, डिजाइन और सुरक्षा फीचर एक जैसे होंगे। स्मार्ट डीएल और आरसी में माइक्रोचिप व क्यूआर कोड होंगे, जिससे पिछला रिकॉर्ड छुपाया नहीं जा सकेगा। क्यूआर कोड रीड करने के लिए ट्रैफिक पुलिस को हैंडी ट्रैकिंग डिवाइस दिया जाएगा। अब हर राज्य में डीएल, आरसी का रंग समान होगा व उनकी प्रिंटिंग भी एक जैसी होगी। इसके अलावा डीएल और आरसी में जानकारियां भी एक जैसी और एक ही जगह पर दी जाएंगी। बदलाव के साथ सरकार सभी वाहनों और चालकों का ऑनलाइन डाटाबेस भी तैयार करेगी। इसके बाद आपको अपना ड्राइविंग लाइसेंस अपडेट कराना होगा। दरअसल, गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) के साथ ड्राइविंग लाइसेंस कानूनी रूप से जरूरी है। लेकिन अब ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी दोनों का रूप-रंग बदल जाएगा।
- बीते 20 सितंबर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कॉरपोरेट टैक्स में बड़ी कटौती की घोषणा करते हुए इसे 30% से घटाकर 22% कर दिया था। इसके पहले भारतीय कंपनियों को 30% टैक्स के अलावा सरचार्ज देना पड़ता था, जबकि विदेशी कंपनियों को 40% टैक्स देना पड़ता था। वित्त मंत्री की इस घोषणा के मुताबिक, 1 अक्टूबर के बाद सेटअप किए गए मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के पास 15% टैक्स भरने का विकल्प होगा। इसके बाद इन कंपनियों पर सरचार्ज और टैक्स समेत कुल चार्ज 17.01% हो जाएगा।
- मोदी सरकार ने कर्मचारियों खयाल रखते हुए एक और फैसला लिया है। इस फैसले के तहत अगर किसी कर्मचारी की सर्विस को 7 साल पूरे हो गए हैं और उसकी मृत्यु हो जाती है तो उसके परिजनों को बढ़ी ही पेंशन (Pension) का फायदा मिलेगा। मोदी सरकार ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। बता दें कि अभी तक ऐसी स्थिति में आखिरी वेतन के 50% के हिसाब से पेंशन मिलती थी। लेकिन अब 7 साल से कम की सर्विस में भी कर्मचारी की मृत्यु होने पर परिजन बढ़ी हुए पेंशन के लिए एलिजिबल होगें।
- 2 अक्टूबर से सरकार देश भर में सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic) के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने की तैयारी कर रही है। देश में बढ़ते प्रदूषण को देखते यह कदम उठाने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि सरकार की मंशा इसे स्वच्छ भारत अभियान की तरह जनआंदोलन बनाने की भी है।
- रेल गाड़ी के सवारी डिब्बे और वैगन पर GST की दर को 5% से बढ़ाकर 12% किया गया है। पेय पदार्थों पर जीएसटी की वर्तमान 18% की दर की जगह 28% की दर से टैक्स और 12% का अतिरिक्त सेस लगाया गया है।