मध्यप्रदेश : 22 साल से अंधेरे कमरे में जंजीरों से बंधा है यह शख्‍स, जानें क्‍या है वजह...!

By: Pinki Sat, 28 July 2018 1:24:21

मध्यप्रदेश : 22 साल से अंधेरे कमरे में जंजीरों से बंधा है यह शख्‍स, जानें क्‍या है वजह...!

मध्यप्रदेश जिला मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर स्थित हरपुरा गौर गांव में मानसिक विकार से ग्रस्त 58 वर्षीय बैजनाथ यादव को उसी के परिजनों ने 22 साल से एक छोटे से अंधेरे कमरे में जंजीरों से बांधकर कैद कर रखा है। इस बात का खुलासा तब हुआ जब इस महीने की 17 तारीख को गांव में आए हल्का पटवारी श्यामलाल अहिरवार से बैजनाथ के बेटे देवीदीन यादव (32) ने अपने पिता के नाम की जमीन खुद के नाम पर कराने के लिए संपर्क किया। इस पर पटवारी ने पिता की सहमति जरूरी बताई। इस पर देवीलाल ने अपने पिता की स्थिति बताई। इसके बाद पटवारी ने बैजनाथ को एक कमरे में जंजीर से बंधा पाया।

हाथ जोड़कर विनती करने लगा

- अहिरवार ने बताया कि उसके परिवार वालों ने उसे करीब 22 साल से लोहे के खूंटे से बांधकर रखा हुआ है। उन्होंने कहा कि खूंटे से बंधे बैजनाथ को देखकर जब मैं उसके पास गया, तो वह हाथ जोड़कर विनती करने लगा कि इस अंधेरे से बचा लो और इन जंजीरों से छुड़वा दो।
- इसके बाद पटवारी ने यह बात छतरपुर तहसीलदार आलोक वर्मा को बताई।
- तहसीलदार ने यह मामला 27 साल से मनोरोगियों के लिए काम कर रहे वकील संजय शर्मा को बताया, जिसके बाद शर्मा उसे छुड़ाने एवं मानसिक आरोग्यशाला में भर्ती कराने के लिए 21 जुलाई को हरपुरा गौर गांव उसके घर गए।

बेड़ियों से मुक्त करने को कहा लेकिन बेटे ने किया इनकार

- शर्मा ने कहा कि हमने उसके परिजनों से उसे बेड़ियों से मुक्त करने को कहा, लेकिन बेटे देवीदीन ने यह कहकर उसे मुक्त करने से इनकार कर दिया कि यदि पिताजी को खुला रखा गया तो वह फिर लोगों को मारने लगेंगे। वह 10-12 लोगों के पकड़ने में भी नहीं आते हैं।
- शर्मा ने कहा कि आश्वासन देने के बाद भी उसका बेटा उसे आजाद करने पर राजी नहीं हुआ।
- शर्मा ने कहा कि बैजनाथ का परिवार अत्यंत गरीब है। उनके पास उसका इलाज के लिए पैसा भी नहीं है। शर्मा ने कहा कि मैंने उसके परिजनों को समझाया था कि बैजनाथ का इलाज संभव है। उसे मानसिक आरोग्यशाला में भर्ती करा दूंगा। वह स्वस्थ हो जाएगा। लेकिन तब भी वे उसे मुक्त करने के लिए तैयार नहीं हुए।

इसी बीच, छतरपुर के कलेक्टर रमेश भंडारी ने कहा, ‘बैजनाथ के मामले में काउंसलिंग करा ली गयी है। बुधवार को जांच के लिए इलाके के तहसीलदार एवं ईशानगर पुलिस थाने की टीम भेजी थी।' भंडारी ने कहा, ‘उसे मानसिक आरोग्यशाला में भर्ती कराने के लिए डॉक्टर का प्रमाणपत्र चाहिए, जो अब तक नहीं बन पाया है। शनिवार तक प्रमाणपत्र बन जायेगा और उसके बाद उसे ग्वालियर की मानसिक आरोग्यशाला में भर्ती करा दिया जायेगा।'

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com