सेक्स लाइफ में लगा ब्रेक, बन सकता है कई परेशानियों का कारण
By: Ankur Sat, 05 Jan 2019 10:11:20
आज भी हमारे समाज में सेक्स को एक ऐसा मुद्दा माना जाता है जिसपर खुलकर बात करने से लोग कतराते हैं। जी हाँ, जिसके चलते व्यक्ति की सेक्स लाइफ में लगा ब्रेक उसके लिए कई तरह की परेशानियाँ खड़ी कर देता हैं। सेक्स में ये दूरियाँ आपकी रिलेशनशिप पर गहरा असर डालती हैं। इसलिए आज हम आपको बताने जा रहे है कि किस तरह सेक्स लाइफ में ब्रेक आपके लिए परेशानियों का कारण बन सकता हैं।
* डगमगाने लगता है भरोसा
ज़्यादातर जोड़ों की ज़िंदगी में सेक्स की कमी का सीधा असर उनके रिश्ते पर होता है। इसका पहला प्रहार आपसी विश्वास पर होता है। रिश्ते में रहने की ख़ुशी, संतुष्टि और किसी के द्वारा चाहे जाने या प्यार किए जाने की भावना कम से कमतर होती जाती है। विशेषज्ञों की मानें तो जिस पार्टनर की व्यस्तता के चलते सेक्स संबंध कम हो रहे होते हैं, पहले तो वो गिल्ट महसूस करता है, फिर धीरे-धीरे उसके अंदर की यह भावना ख़त्म होकर इसे सामान्य समझने में बदल जाती है।
* बिगड़ सकते हैं रिश्ते
वहीं दूसरा पार्टनर पहले तो चीज़ों को सहानुभूतिपूर्वक नज़रिए से देखता है, फिर उसे ख़ुद के उपेक्षित किए जाने जैसा लगता है। यदि चीज़ें नहीं सुधरीं तो वो खीझ से भर जाता है। फिर धीरे-धीरे दोनों के बीच अनबन और छोटे-मोटे झगड़े जैसी बातें आम होने लगती है। ये झगड़े दोनों पार्टनर के बीच दूरी लाने का काम करते हैं और अंतत: रिश्ते की सुरक्षा भी दांव पर लग जाती है।
* कम होने लगती है बॉन्डिंग
विशेषज्ञों की मानें तो सेक्सलेस कपल्स में ऑक्सिटोसिन जैसे बॉन्डिंग हार्मोन्स का स्तर कम हो जाता है। इतना ही नहीं उनमें यह डर भी घर करने लगता है कि कहीं पार्टनर अपनी सेक्शुअल ज़रूरतें पूरा करने के लिए किसी और के प्रति तो नहीं आकर्षित हो रहा। इससे रिश्ते में संदेह की भावना जन्म लेने लगती है। हालांकि ऐसा ज़रूरी नहीं है कि हर सेक्सलेस कपल असंतुष्ट या नाख़ुश हो। सेक्स आपसी घनिष्टता का महज़ एक एक्सप्रेशन है। यदि आप अपने पार्टनर के साथ अंतरंग समय बिताने के लिए समय नहीं निकाल पा रहे हैं तो चुंबन, गिफ़्ट्स, तारीफ़ों और यूं ही अचानक उसका हाथ पकड़कर कोई बात छेड़कर, उसे इम्पॉर्टेन्ट महसूस करवा सकते हैं।
* बढ़ जाता है चिड़चिड़ापन
अच्छा सेक्स हमारी मानसिक स्थिति को सामान्य बनाए रखने में बड़ा मददगार होता है। एक स्कॉटिश अध्ययन की मानें तो जो लोग सप्ताह में एक या दो बार सेक्स करते हैं, वे सेक्स से सन्यास लेनेवालों की तुलना में कहीं ज़्यादा ख़ुश रहते हैं। दरअस्ल, सेक्स के दौरान मस्तिष्क फ़ील-गुड केमिकल्स रिलीज़ करता है। एन्डॉर्फ़िन और ऑक्सिटोसिन नामक ये केमिकल्स हमें ख़ुशनुमा एहसास कराते हैं। यह आंतरिक ख़ुशी हमारे चेहरे पर भी झलकती है। वहीं जिन लोगों की सेक्स लाइफ़ अच्छी नहीं चल रही होती है वे थोड़े चिड़चिड़े और झक्की बन जाते हैं। वे अपना आपा बहुत जल्दी खो बैठते हैं।