अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से चले आ रहे व्यापार तनाव को लेकर आखिरकार एक बड़ी खबर सामने आई है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को इस बात की घोषणा की कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार समझौते पर सफलतापूर्वक हस्ताक्षर हो गए हैं। इस घोषणा के साथ ही वैश्विक बाजारों में उम्मीद की एक नई लहर दौड़ गई है।
अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने ब्लूमबर्ग टीवी से बातचीत के दौरान बताया कि इस हफ्ते की शुरुआत में ही चीन के साथ इस महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। हालांकि, ट्रंप और लुटनिक दोनों ने ही फिलहाल इस समझौते की विस्तृत जानकारी साझा करने से परहेज़ किया है। गुरुवार देर रात, अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हमने अभी-अभी चीन के साथ व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।’’ इसके साथ ही ट्रंप ने यह भी कहा कि जल्द ही भारत के साथ भी एक ऐतिहासिक व्यापार समझौते की उम्मीद है।
व्यापार समझौते के तहत बराबरी से पहल करेंगे दोनों देश
हॉवर्ड लुटनिक ने बताया कि इस समझौते पर दो दिन पहले ही हस्ताक्षर किए गए थे। उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रपति को कई समझौते करने हैं और हम एक के बाद एक ऐसे समझौते करते जाएंगे।’’
चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने शुक्रवार को पुष्टि की कि दोनों पक्षों ने समझौते की रूपरेखा और उसकी मुख्य शर्तों पर सहमति बनाई है। हालांकि, इस बयान में अमेरिका की दुर्लभ खनिज संसाधनों तक पहुंच की बात स्पष्ट रूप से नहीं कही गई है, जो इलेक्ट्रिक वाहनों और अन्य हाई-टेक उत्पादों के लिए बेहद अहम मानी जाती है।
चीन के अनुसार, जो निर्यात कानूनों की शर्तों को पूरा करेंगे, उन्हें नियंत्रित वस्तुओं के निर्यात की अनुमति दी जाएगी। इसके बदले में अमेरिका चीन पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटाएगा। दोनों देशों की ओर से समझौते में बराबरी से पहल करने की बात कही गई है, जिससे व्यापारिक संतुलन और स्थिरता की उम्मीद बढ़ी है।
भारत-अमेरिका डील की भी झलक
व्हाइट हाउस में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान, ट्रंप ने रिपब्लिकन पार्टी के टैक्स और एक्सपेंडिचर कटौती विधेयक पर बात करते हुए कहा, ‘‘हमारे पास कुछ बेहतरीन व्यापार समझौते हैं और हम एक और बड़ा समझौता भारत के साथ करने की दिशा में बढ़ रहे हैं।’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘हम भारत के लिए व्यापार के नए रास्ते खोलेंगे। लेकिन हम हर किसी के साथ समझौता नहीं करेंगे। कुछ देशों को हम सिर्फ एक चिट्ठी भेजेंगे जिसमें लिखा होगा- धन्यवाद, अब आप 25, 35 या 45 प्रतिशत टैरिफ दें।’’ बताते चलें कि डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को घोषित की गई नई टैरिफ नीति पर 9 जुलाई तक रोक लगाई हुई है, जिससे भारत सहित कई देशों को राहत मिली है।