
तेहरानः ईरान और इजरायल के बीच छिड़ी जंग के बाद देश में माहौल बेहद गर्म है। ऐसे में ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने गुरुवार को पहली बार अपने देशवासियों को सीधे और भावुक अंदाज़ में संबोधित किया। अपने भाषण में उन्होंने न केवल इजरायल पर कथित जीत की बधाई दी बल्कि अमेरिका को भी करारा जवाब देने का दावा किया। एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किए गए एक पोस्ट में उन्होंने लिखा— "झूठे यहूदियों के शासन पर जीत की बधाई!"
यह सिर्फ एक राजनीतिक बयान नहीं, बल्कि खामेनेई की ओर से अपने लोगों के लिए गर्व और आत्मविश्वास भरने की एक कोशिश थी। उन्होंने आगे कहा कि हमने अमेरिका के मुंह पर जोरदार तमाचा मारा और इजरायल को बूट तले कुचल डाला।
प्रतीकात्मक एआई तस्वीरों के जरिए दिया इजरायल और अमेरिका को संदेश
खामेनेई ने इजरायल पर किए गए हमले को लेकर एक AI-निर्मित प्रतीकात्मक तस्वीर भी पोस्ट की, जिसमें एक भारी बूट इजरायली प्रतीक को कुचलते हुए दिखाया गया है। उन्होंने लिखा— "इतने शोर-शराबे और ताकतवर दावों के बावजूद ज़ायनिस्ट शासन अब ढह चुका है।"
वहीं दूसरी ओर, अमेरिका पर भी जीत का दावा करते हुए उन्होंने एक जलते हुए अमेरिकी झंडे की एआई इमेज साझा की और कहा—
"इस्लामी गणराज्य ने अमेरिका को भी झुका दिया है। उसने सीधा युद्ध इसलिए किया क्योंकि उसे डर था कि ज़ायनिस्ट शासन नष्ट हो जाएगा। लेकिन अंत में हमने अमेरिका को करारा तमाचा मारा है।"
I offer my congratulations on the victory over the fallacious Zionist regime.
— Khamenei.ir (@khamenei_ir) June 26, 2025
با آن همه هیاهو، با آن همه ادعا، رژیم صهیونی در زیر ضربات جمهوری اسلامی، تقریباً از پا درآمد و لِه شد. pic.twitter.com/uXUjNAnMGS
— KHAMENEI.IR | فارسی 🇮🇷 (@Khamenei_fa) June 26, 2025
अपने ऐतिहासिक संबोधन में खामेनेई ने कहा: "हमने कभी किसी के अधिकारों का उल्लंघन नहीं किया, न ही किसी को हमारे अधिकारों पर हमला करने देंगे। हम अन्याय के सामने झुकेंगे नहीं— यही ईरान का तर्क है।"
यह संदेश सिर्फ उनके अनुयायियों के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को ईरान के आत्मसम्मान और नीतियों का संकेत था।
एकता की मिसाल बना ईरानी राष्ट्र
खामेनेई ने तीसरी बधाई दी उस अद्भुत एकता को, जो 9 करोड़ की आबादी ने संकट की घड़ी में दिखाई। उन्होंने कहा, "पूरा राष्ट्र एक स्वर में, एकजुट होकर अपनी सेना के साथ खड़ा रहा।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि जब जरूरत होती है, ईरानी जनता सिर्फ एक आवाज़ बनकर बोलती है— और इस बार की लड़ाई में यह आवाज़ पूरी दुनिया ने सुनी।














