
बिहार में शानदार जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार, 14 नवंबर 2025 को दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में अपना संबोधन दिया। इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पर खुलकर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा कि “छठी मैया का अपमान करने वालों की हेकड़ी तो देखिए, इन्हें न माफी मांगने की हिम्मत है और न ही अपनी गलती मानने का साहस। बिहार की जनता इसे कभी नहीं भूलेगी।”
उन्होंने बिहार की गौरवशाली परंपरा और संस्कृति का जिक्र करते हुए कहा, “बिहार का सम्मान और प्रतिष्ठा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हमारे पूर्व शासकों ने दशकों तक बिहार की झूठी छवि पेश की और इसे बदनाम किया। उन्होंने न इसकी ऐतिहासिक धरोहर का सम्मान किया, न इसकी परंपराओं का, और न ही यहाँ के लोगों की मेहनत को महत्व दिया। हमारी सरकार इस दिशा में कदम बढ़ा रही है ताकि छठ को यूनेस्को की विरासत सूची में शामिल कर पूरे देश और विश्व में इसकी महत्ता को पहचाना जा सके।”
पीएम मोदी ने बताया NDA को तीसरी बार मिला जनादेश
पीएम मोदी ने बिहार में मिली जीत को पूरे देश में जनादेश की श्रृंखला के हिस्से के रूप में बताया। उन्होंने कहा, “पिछले साल देश की जनता ने लगातार तीसरी बार NDA को अपना जनादेश दिया। यह केवल पार्टी की जीत नहीं, बल्कि देशवासियों के विश्वास और आशीर्वाद का प्रमाण है। लोकसभा चुनावों के बाद हमने कई राज्यों की विधानसभा चुनावों में भी प्रचंड बहुमत से जीत हासिल की। जय जवान, जय किसान की भावना को संजोने वाले हरियाणा ने हमें लगातार तीसरी बार सेवा करने का मौका दिया। साथ ही छत्रपति शिवाजी महाराज, बाबासाहेब अंबेडकर और वीर सावरकर की पावन भूमि महाराष्ट्र ने हमें शानदार जीत दिलाई। महाराष्ट्र ने हमें लगातार तीसरी बार विजयी बनाया, जबकि दिल्ली में 25 साल बाद हमें बहुमत से जीत मिली और आज बिहार में, जहां ग्रामीण आबादी अधिक है, हमने भारी मतों से विजय हासिल की।”
बिहार में शांतिपूर्ण मतदान और बहुमत की सफलता
पीएम मोदी ने बिहार में इस बार के चुनाव प्रक्रिया की भी सराहना की। उन्होंने बताया, “इससे पहले बिहार में चुनाव में कई जगहों पर पुनर्मतदान की स्थिति बनती रही। उदाहरण के तौर पर, 2005 से पहले सैकड़ों बूथों पर पुनर्मतदान हुआ। 1995 में तो 1500 से अधिक बूथों पर पुनर्मतदान दर्ज हुआ। लेकिन जैसे-जैसे जंगलराज की स्थिति समाप्त हुई, हालात सुधरे और इस बार दोनों चरणों में कहीं भी पुनर्मतदान की जरूरत नहीं पड़ी। इस बार मतदान पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा और जनता ने अपने निर्णय में सूझबूझ दिखाई।”














