
बिहार की राजनीति में विधानसभा चुनाव के परिणाम ने नए समीकरण खड़े कर दिए हैं। जहां एनडीए सरकार गठन की तैयारी में जुटा है, वहीं महागठबंधन और खासकर राष्ट्रीय जनता दल करारी हार के बाद अपनी रणनीति पर गंभीर मंथन कर रहा है।
राजद नेतृत्व पर बढ़ा दबाव
सबसे ज्यादा संकट का सामना फिलहाल राजद को करना पड़ रहा है। एनडीए में शामिल दलों ने बहुमत मिलने के बाद अपने-अपने विधायकों का दल नेता चुनने की कवायद शुरू कर दी है। दूसरी ओर राजद के नेता तेजस्वी यादव पारिवारिक कलह और चुनावी हार के बीच सोमवार को पार्टी के विधायकों और अन्य नेताओं के साथ बैठक करेंगे।
तेजस्वी यादव की बैठक का मकसद
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सोमवार को अपने सरकारी आवास पर पार्टी के सभी विधायकों और हारे हुए प्रत्याशियों की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। बैठक में चुनाव परिणामों की समीक्षा के साथ-साथ संगठनात्मक सुधार और आगामी रणनीतियों पर भी चर्चा की जाएगी।
चुनावी आंकड़े और परिणाम
बिहार की 243 विधानसभा सीटों में सबसे अधिक 89 सीटें भाजपा ने जीती हैं। जनता दल यूनाइटेड को 85 सीटें मिली हैं। एनडीए में शामिल अन्य दलों में चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी को 19 सीटें, जीतनराम मांझी की हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा को 5 और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 4 सीटें मिली हैं।
लालू परिवार में बढ़ा घमासान
राजद की हार के बाद लालू परिवार में तनाव भी बढ़ गया है। विशेषकर लालू यादव की बेटी रोहिणी ने तेजस्वी यादव पर गंभीर आरोप लगाते हुए पारिवारिक कलह को और उजागर किया है। इस स्थिति में पार्टी के लिए न केवल संगठनात्मक मजबूती बल्कि पारिवारिक एकजुटता बनाए रखना भी चुनौतीपूर्ण हो गया है।
बैठक में होगी रणनीति तय
बैठक में चुनावी हार के कारणों, पार्टी में उठ रहे मतभेदों और आगे की रणनीतियों पर व्यापक चर्चा होने की संभावना है। तेजस्वी यादव की यह बैठक राजद के लिए आगामी राजनीतिक संघर्ष में दिशा तय करने का महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगी।














