भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने हाल ही में हुए चौथे सीरो सर्वे के हवाले से मंगलवार को कहा कि देश की 40 करोड़ आबादी को अब भी कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा है, जबकि दो-तिहाई लोगों में इस वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी पाई गई है।
भार्गव ने कहा, 'चौथे सीरो सर्वे में 6 से 17 साल के 28975 लोगों और 7252 हेल्थकेयर वर्कर्स को शामिल किया गया था। इनमें से 62% लोगों ने वैक्सीन नहीं ली थी, जबकि 24% लोगों ने एक डोज और 14% लोगों ने दोनों डोज लिया था।' उन्होंने बताया कि इस सर्वे में सीरो प्रीवलेंस 67% पाया गया है।
भार्गव ने कहा कि यह सीरो सर्वे 21 राज्यों के उन्हीं 70 जिलों में कराया गया, जहां पहले के तीन सीरो सर्वे हो चुके हैं। इस दौरान हर जिले के 10 गांवों या वार्डों से 40 लोगों के सैम्पल लिए गए। हर जिले से 26 साल तक की उम्र वाले 400 लोग इस सर्वे में शामिल हुए थे। वहीं, सर्वे में शामिल हर जिले और उप-जिले से 100 स्वास्थ्यकर्मियों का सैम्पल लिया गया।
We studied 7252 healthcare workers & 10% had not taken the vaccine, the overall seroprevalence in them was 85.2%. In conclusion, 2/3rd of general population i.e above the age of 6 yrs had SARS-CoV-2 infection: ICMR DG Dr Balram Bhargava pic.twitter.com/WLPkDnxU0j
— ANI (@ANI) July 20, 2021
भार्गव ने बताया कि 85% हेल्थकेयर वर्कर्स कोविड के शिकार हो चुके हैं। देश में कोरोना के मामले घटने और टीकाकरण के बावजूद उन्होंने अब भी लोगों को कोविड उपयुक्त व्यवहार को अपनाने को कहा है। गैर-जरूरी यात्रा करने से बचने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि वही लोग यात्रा करें जो कोरोना रोधी वैक्सीन के दोनों डोज़ का ले चुके हैं।
डॉ. भार्गव ने कहा, बच्चे बड़े लोगों की तुलना में संक्रमण को ज्यादा अच्छी तरह से झेल सकते हैं। 6-9 साल के बच्चों में एंटीबॉडी एडल्ट के बराबर है। खासकर यंग बच्चों में एंटीबॉडी एक्सपोजर एडल्ट की तरह ही देखा गया है। कुछ देशों में प्राथमिक विद्यालयों को कभी नहीं बंद किया गया। ऐसे में अगर स्कूल खोलना है तो प्राथमिक विद्यालयों को सबसे पहले खोला जाना चाहिए।
भार्गव ने कहा, प्राथमिक के बाद सेकेंडरी स्कूल खोला जाना चाहिए। लेकिन सभी सपोर्ट स्टाफ का वैक्सीनेशन होना जरूरी है। जहां तक स्कूल खोलने की बात है तो इसे खोला जा सकता है लेकिन कई तरह के पैमाने को ध्यान में रखकर।
वहीं, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी. के. पॉल ने सीरो सर्वे को एक उम्मीद की किरण बताया और कहा कि स्थानीय स्तर का यह डाटा सर्वमान्य है। हालांकि उन्होंने इस दौरान सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक भीड़भाड़ के साथ ही गैर-जरूरी यात्रा से बचने की सलाह दी। पॉल ने सभी से टीका लगवाने को भी कहा।