महाकुंभ : एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद से हटाया, किन्नर अखाड़े से भी किया निष्कासित
By: Sandeep Gupta Fri, 31 Jan 2025 2:00:02
संगम नगरी प्रयागराज में किन्नर अखाड़े से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर पद से हटा दिया गया है। इसके अलावा, लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से भी आचार्य महामंडलेश्वर का पद छीन लिया गया है। दोनों को अब अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया है।
ममता कुलकर्णी ने कुछ दिन पहले महाकुंभ में संन्यास की दीक्षा ली थी और इसके बाद उन्हें किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर नियुक्त किया गया था। हालांकि, इस नियुक्ति पर जमकर विवाद हुआ था और अखाड़े में भारी कलह पैदा हो गई थी। किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने बताया कि अब अखाड़े का पुनर्गठन किया जाएगा और नए आचार्य महामंडलेश्वर का नाम जल्द ही घोषित किया जाएगा।
अजय दास ने कहा, "लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने पहले 2019 में प्रयागराज कुंभ में जूना अखाड़े के साथ एक लिखित अनुबंध किया था, जो न केवल अनैतिक था बल्कि एक प्रकार की चारसौबीसी भी थी। उन्होंने सनातन धर्म और देशहित को छोड़कर ममता कुलकर्णी जैसी विवादास्पद महिला को, जो फिल्मी दुनिया से जुड़ी हैं और देशद्रोह के मामलों में लिप्त हैं, उसे बिना किसी धार्मिक या अखाड़े की परंपरा का पालन किए महामंडलेश्वर की उपाधि दी। इससे मुझे मजबूरी में उन्हें इस पद से मुक्त करना पड़ा।"
अजय दास ने आगे कहा, "ये लोग न तो जूना अखाड़े और न ही किन्नर अखाड़े की परंपराओं के अनुसार चल रहे हैं। उदाहरण के तौर पर, किन्नर अखाड़े के गठन के समय वैजन्ती माला पहनाई गई थी, जो शृंगार की प्रतीक मानी जाती है, लेकिन इन्होंने उसे त्याग कर रुद्राक्ष की माला पहन ली। संन्यास बिना मुंडन के नहीं लिया जाता, और उन्होंने इस पर भी गलती की है।"
बाबा रामदेव ने उठाए थे सवाल
बाबा रामदेव ने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर सवाल उठाए थे। उनका कहना था कि ऐसे प्रतिष्ठित पद के लिए वर्षों की साधना और आध्यात्मिक अनुशासन की आवश्यकता होती है। ऐसे में, ममता को एक ही दिन में महामंडलेश्वर का पद कैसे दे दिया गया? बाबा रामदेव ने इस पर अपनी नाराजगी जताते हुए कहा, "कुछ लोग, जो कल तक सांसारिक सुखों में लिप्त थे, आज अचानक संत बन गए हैं या महामंडलेश्वर जैसी उपाधि प्राप्त कर रहे हैं।"
क्या बोले धीरेन्द्र शास्त्री?
धीरेन्द्र शास्त्री ने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर अपनी आपत्ति जताते हुए कहा, "किसी भी बाहरी प्रभाव में आकर किसी को संत या महामंडलेश्वर कैसे बनाया जा सकता है? हम खुद अब तक महामंडलेश्वर नहीं बन पाए हैं।" वहीं, ट्रांसजेंडर कथावाचक जगतगुरु हिमांगी सखी ने भी ममता के महामंडलेश्वर बनने पर कड़ी आपत्ति जताई। ANI को दिए एक बयान में उन्होंने कहा, "किन्नर अखाड़ा ने यह सब सिर्फ पब्लिसिटी के लिए किया है। समाज को उनका अतीत अच्छी तरह से पता है। वे अचानक भारत आती हैं, महाकुंभ में पहुंचती हैं, और उन्हें महामंडलेश्वर का पद दे दिया जाता है। इसकी पूरी जांच होनी चाहिए।"
महामंडलेश्वर बनने पर क्या बोलीं ममता?
24 जनवरी की शाम को प्रयागराज के महाकुंभ में ममता कुलकर्णी ने संगम पर अपना पिंडदान किया, इसके बाद किन्नर अखाड़े में उनका पट्टाभिषेक हुआ। आजतक से बातचीत करते हुए ममता ने महामंडलेश्वर बनने के अवसर पर कहा, "यह अवसर 144 सालों बाद आया है, और इसी कारण मुझे महामंडलेश्वर बनाया गया है। यह केवल आदिशक्ति की कृपा से ही संभव है। मैंने किन्नर अखाड़ा इसलिए चुना क्योंकि यहां कोई बंदगी नहीं है, यह एक स्वतंत्र अखाड़ा है। जीवन में सब कुछ चाहिए, एंटरटेनमेंट भी चाहिए, हर चीज की आवश्यकता होती है। ध्यान एक ऐसी चीज है जो केवल भाग्य से प्राप्त होती है। सिद्धार्थ (गौतम बुद्ध) ने भी बहुत कुछ देखा था, और फिर उनमें परिवर्तन आया।"
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