कोरोना पर PM मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ आज अहम बैठक, इन 5 बातों पर हो सकता है फैसला...

By: Pinki Wed, 17 Mar 2021 09:02:06

कोरोना पर PM मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ आज अहम बैठक, इन 5 बातों पर हो सकता है फैसला...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यों में कोरोना से बने हालात और वैक्सीनेशन पर बुधवार को मुख्यमंत्रियों के साथ बात करेंगे। यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दोपहर 12:30 बजे से शुरू होगी। माना जा रहा है कि PM मुख्यमंत्रियों से उनके राज्यों में कोरोना से बने हालात, वैक्सीनेशन की स्थिति और संक्रमण को काबू करने के लिए की जा रही कोशिशों पर फीड बैक ले सकते हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि हमने मीटिंग से जुड़े हर पहलू के लिए तैयारी कर ली है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट एंड एडवाइजर डॉ सुनीला गर्ग ने कहा कि इस समय वैक्सीनेशन कवरेज और कोरोना के बढ़ते मामले चिंता का विषय हैं। वैक्सीनेशन के लिए लोगों की झिझक को देखते हुए यह प्रोग्राम धीमा हो गया है। दूसरी बात देश में बढ़ते मामलों की संख्या दूसरी लहर शुरू होने की ओर इशारा कर रहे हैं। बैठक में दोनों मसले उठाए जाने की संभावना है। रिव्यू के आधार पर वैक्सीनेशन प्रोग्राम को बेहतर बनाने के लिए कुछ फैसले लिए जा सकते हैं।

इन बातों पर हो सकता है बड़ा फैसला

सभी के लिए वैक्सीनेशन की इजाजत


अभी देश में वैक्सीनेशन का दूसरा फेज चल रहा है। पहले फेज में लगभग 3 करोड़ हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स के वैक्सीनेशन का लक्ष्य रखा गया था। दूसरे फेज में इसका दायरा बढ़ाया गया और इसमें 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग और 45 साल से ज्यादा उम्र के बीमार लोगों को भी शामिल किया गया। अनुमान लगाया जा रहा है कि आज होने वाली बैठक में सभी नागरिकों के वैक्सीनेशन का खाका तैयार किया जा सकता है। ऐसा भी हो सकता है कि फ्रंटलाइन वर्कर में कुछ और कैटेगरी जैसे वकील, टीचर्स और जर्नलिस्ट को भी शामिल कर लिया जाए। देश में 16 जनवरी को वैक्सीनेशन की शुरुआत हुई थी। अब तक 3.29 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। इसके लिए मेडिकल सेंटरों की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है। हफ्ते के सातों दिन वैक्सीन लगाने पर भी सहमति बन सकती है।

सोमवार को को सबसे अधिक 30 लाख को वैक्सीन की डोज दी गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि सुबह सात बजे संकलित आंकड़ों के मुताबिक टीकाकरण अभियान के 59वें दिन 15 मार्च को 24 घंटे के दौरान 42,919 सत्रों में लाभार्थियों को टीके की 30,39,394 खुराकें दी गई। एक दिन में दी गई खुराक की यह सबसे बड़ी संख्या है। इनमें से 26,27,099 लाभार्थियों को टीके की पहली डोज और 4,12,295 स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को दूसरी डोज दी गई। पहली डोज लेने वालों में 60 साल से अधिक उम्र के 19,77,175 और 45-60 साल की उम्र के गंभीर बीमारियों से ग्रस्त 4,24,713 व्यक्ति शामिल हैं।

वैक्सीनेशन में कॉर्पोरेट कंपनियों की भागीदारी

लॉकडाउन हटने के बाद कई जगह ऑफिस खोले जा रहे हैं। निजी कंपनियों के कर्मचारी कोरोना के खतरों के बीच ऑफिस आ-जा रहे हैं। संक्रमण के खतरे को देखते हुए कंपनियां भी पूरे स्टाफ को नहीं बुला रही हैं। ऐसे में उनके कामकाज पर असर पड़ रहा है। सरकार कंपनियों को उनके खर्च पर स्टाफ के कोरोना वैक्सीनेशन की इजाजत दे सकती है।

हाल में मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने ऐलान किया था कि वह अपने स्टाफ को खुद के खर्च पर कोरोना वैक्सीन लगवाएगी। रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन नीता अंबानी ने स्टाफ को मेल भेजकर उनके परिवार को वैक्सीन लगवाने के लिए कहा था। इसी तर्ज पर देश की बड़ी कंपनियों से भी वैक्सीनेशन प्रोग्राम शुरू करने को कहा जा सकता है। आईटी कंपनी एक्सेंचर और इन्फोसिस भी ऐसा ही ऐलान कर चुकी हैं।

सरकारी खर्च पर वैक्सीनेशन

मुख्यमंत्रियों के साथ पिछली बार हुई बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि पहले फेज में 3 करोड़ हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स के वैक्सीनेशन का खर्च केंद्र सरकार उठाएगी। 1 मार्च से शुरू हुए तीसरे फेज में आम लोगों को वैक्सीन लगाने की शुरुआत हुई है। अभी सरकारी हॉस्पिटल में फ्री में वैक्सीन लगाई जा रही है। प्राइवेट अस्पतालों में इसके लिए 250 रुपए लिए जा रहे हैं। मीटिंग में वैक्सीन का खर्च उठाने में राज्यों को शामिल कर आगे भी सभी के लिए वैक्सीन फ्री की जा सकती है। ऐसा भी हो सकता है कि वैक्सीनेशन का पूरा खर्च केंद्र सरकार ही वहन करे। इसके लिए इंतजाम करने की जिम्मेदारी राज्यों को दी जा सकती है।

वैक्सीन की सप्लाई बढ़ाना

इस समय महाराष्ट्र में कोरोना की वजह से हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। यहां लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है। महाराष्ट्र में मंगलवार को 17,864 लोग कोरोना संक्रमित मिले और 9,510 मरीज ठीक हुए और 48 की मौत हो गई। राज्य में अब तक 23.47 लाख लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से 21.54 लाख मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 52,996 संक्रमितों ने जान गंवाई है। अभी 1.38 लाख मरीजों का इलाज चल रहा है। इसी तरह पंजाब, केरल और कर्नाटक में भी हर रोज 1 हजार से ज्यादा नए मरीज मिल रहे हैं। दूसरी ओर कई राज्यों में रोज मिलने वाले केस 100 से कम हैं। ऐसे में ज्यादा प्रभावित राज्यों में उनकी जरूरत के हिसाब से वैक्सीन की सप्लाई बढ़ाने पर भी सहमति बन सकती है।

नियम तोड़ने वालों पर सख्ती

हेल्थ मिनिस्ट्री ने महाराष्ट्र में कोरोना के मामले बढ़ने के पीछे लोगों के लापरवाही भरे व्यवहार को भी जिम्मेदार बताया था। कोरोना के मामले कम होने और वैक्सीन आने के बाद लोगों में इसका डर खत्म होता दिखा था। नियमों में ढील मिलते ही कोरोना के केस फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं। ऐसे में सरकार दोबारा सख्त पाबंदियों पर फैसला ले सकती है। इसमें मास्क न पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने पर जुर्माना लगाने की शुरुआत की जा सकती है।

कई राज्यों में चुनाव होने वाले हैं। सरकार चुनावी रैलियों पर भी कुछ नियम बना सकती है। शादी या दूसरे भीड़भाड़ वाले समारोहों पर कुछ वक्त के लिए रोक लग सकती है। बाजार खुलने और बंद होने का समय और नाइट कर्फ्यू या जनता कर्फ्यू पर भी फैसला हो सकता है।

मिले 28,869 कोरोना मरीज

आपको बता दे, देश में मंगलवार को 28,869 कोरोना पॉजिटिव मिले। 17,746 ठीक हो गए और 187 की मौत हो गई। इस तरह एक्टिव केस, यानी इलाज करा रहे मरीजों की संख्या में 10,935 की बढ़ोतरी हुई। नए संक्रमितों का आंकड़ा करीब तीन महीने पीछे चला गया है। इससे ज्यादा 30,354 केस 12 दिसंबर को आए थे। मंगलवार को नए संक्रमितों में सबसे ज्यादा 17,864 मरीज सिर्फ महाराष्ट्र में ही मिले। देश में अब तक कुल 1 करोड़ 14 लाख 9 हजार 595 लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से 1 करोड़ 10 लाख 25 हजार 631 ठीक हुए हैं। 1 लाख 59 हजार 79 ने जान गंवाई है, जबकि 2 लाख 31 हजार 335 हजार का इलाज चल रहा है। ये आंकड़े covid19india.org से लिए गए हैं।

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