अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर शनिवार को गुजरात के नवसारी जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम के लिए पूरी सुरक्षा व्यवस्था महिला पुलिसकर्मियों द्वारा की जा रही है। गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने घोषणा की कि यह पहली बार है जब किसी प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की सुरक्षा का जिम्मा केवल महिला पुलिसकर्मियों को सौंपा गया है। संघवी ने बताया कि "इस पहल के तहत प्रधानमंत्री के वानसी बोरसी गांव में हेलीपैड पर उतरने से लेकर कार्यक्रम के अंत तक सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी महिला पुलिस अधिकारियों द्वारा ली जाएगी।"
प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में आज केवल महिला सुरक्षाकर्मी
इस ऐतिहासिक सुरक्षा तैनाती में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारियों से लेकर कांस्टेबल तक, सभी रैंक की पुलिसकर्मी शामिल हैं। कुल मिलाकर 2,100 से अधिक कांस्टेबल, 187 उप-निरीक्षक, 61 पुलिस निरीक्षक, 16 पुलिस उपाधीक्षक, पांच पुलिस अधीक्षक, एक पुलिस महानिरीक्षक और एक अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ड्यूटी पर तैनात होंगे। सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और गृह सचिव निपुण तोरावणे करेंगे और इस पहल का सफलता से कार्यान्वयन सुनिश्चित करेंगे।
महिला दिवस पर दुनिया को एक शक्तिशाली संदेश देने का प्रयास, पीएम मोदी का अहम बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय गुजरात और केंद्र शासित प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली के दो दिवसीय दौरे पर हैं। अपने दौरे के दौरान, वह शनिवार को वानसी बोरसी गांव में 'लखपति दीदी सम्मेलन' को संबोधित करेंगे। गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने इस पहल की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि यह महिला दिवस के अवसर पर दुनिया को एक शक्तिशाली संदेश देगा और साथ ही गुजरात की सुरक्षा में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी की नई योजनाओं का शुभारंभ
प्रधानमंत्री मोदी राज्य सरकार की दो प्रमुख पहलों - जी-सफल (आजीविका बढ़ाने के लिए अंत्योदय परिवारों के लिए गुजरात योजना) और जी-मैत्री (ग्रामीण आय में बदलाव के लिए व्यक्तियों की गुजरात मेंटरशिप और त्वरण) का शुभारंभ करेंगे। इन योजनाओं का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है।
जी-मैत्री योजना और जी-सफल कार्यक्रम के लाभ
जी-मैत्री योजना उन स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करेगी, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं। वहीं, जी-सफल कार्यक्रम विशेष रूप से गुजरात के आकांक्षी जिलों और ब्लॉकों पर केंद्रित होगा और इस योजना के तहत अंत्योदय परिवारों की महिलाओं द्वारा संचालित स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय सहायता और उद्यमिता प्रशिक्षण दिया जाएगा।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर पीएम मोदी ने नारी शक्ति को किया नमन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मातृ शक्ति को नमन किया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने दुनिया की सभी विद्याओं को देवी के स्वरूप की अभिव्यक्ति बताया। पीएम मोदी ने अपने पोस्ट में लिखा, "हम महिला दिवस पर अपनी नारी शक्ति को नमन करते हैं! हमारी सरकार ने हमेशा महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए काम किया है, जो हमारी योजनाओं और कार्यक्रमों में झलकता है। आज, जैसा कि वादा किया था, मेरी सोशल मीडिया प्रॉपर्टीज़ उन महिलाओं द्वारा संभाली जाएंगी, जो विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बना रही हैं!"
पीएम मोदी का बयान- भारत में वूमेन लीड डेवलपमेंट का दौर
वीडियो में पीएम मोदी ने कहा, "सभी विद्याएं देवी के ही विभिन्न स्वरूपों की अभिव्यक्ति हैं और जगत की समस्त नारी शक्ति में भी उनका ही प्रतिरूप है। हमारी संस्कृति में बेटियों का सम्मान सर्वोपरि रहा है। इस सदी में ग्लोबल ग्रोथ में एक बहुत बड़ा फैक्टर महिलाओं की भागीदारी का होने वाला है। जो देश, जो समाज जितनी अधिक भागीदारी महिलाओं को देगा, उतना ही तेजी से ग्रो करेगा। भारत में आज वूमेन लीड डेवलपमेंट का दौर है।"
पीएम मोदी ने कहा: 'नारी शक्ति को सम्मान दें, नमन करें'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला दिवस के अवसर पर नारी शक्ति को लेकर एक सशक्त संदेश दिया। उन्होंने कहा, "नारी, नीति, निष्ठा, निर्णय शक्ति और नेतृत्व की प्रतिबिंब होती हैं। आज भारत महिलाओं की आवश्यकताओं और उनकी आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बना रहा है और निर्णय ले रहा है। देश की नई शक्ति और विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि की सबसे बड़ी गारंटी है। तो आइए इस बार महिला दिवस पर हम सब मिलकर अदम्य नारी शक्ति को सेलिब्रेट करें, सम्मान करें, और नमन करें।"
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का महत्व
हर साल 8 मार्च को विश्वभर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। यह दिन महिलाओं की उपलब्धियों को सम्मान देने और उनकी सराहना करने का एक अवसर है। महिला दिवस महिलाओं के आर्थिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, और सामाजिक क्षेत्रों में योगदान का उत्सव है। इसकी शुरुआत 1909 में हुई थी और 1975 में इसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा एक थीम के साथ औपचारिक मान्यता मिली। इस दिन को मनाने का उद्देश्य महिलाओं के प्रति सम्मान व्यक्त करना, उनकी उपलब्धियों को प्रोत्साहित करना, और समाज में भेदभाव को खत्म कर समानता व उनके अधिकारों पर जोर देना है।