भारत द्वारा सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को स्थगित किए जाने के फैसले ने पाकिस्तान की राजनीति में हड़कंप मचा दिया है। बीते दिनों जहां पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने भारत को ‘खून बहाने’ की धमकी दी थी, वहीं अब पाकिस्तान के रुख में बदलाव दिख रहा है। इसी क्रम में पाकिस्तान के सीनेटर सैयद अली जफर ने इसे ‘वॉटर बम’ करार दिया है।
23 मई 2025 को पाकिस्तानी संसद में सिंधु जल समझौते के निलंबन को लेकर विशेष चर्चा हुई। इस दौरान सीनेटर जफर ने कहा कि पानी का मुद्दा पाकिस्तान के लिए आतंकवाद जितना ही गंभीर खतरा है। उन्होंने चेताया कि यह भी एक तरह की जंग है, जो पाकिस्तान पर थोपी गई है। “21वीं सदी की जंगें पानी को लेकर होंगी और यह बात अब साबित हो रही है,” उन्होंने कहा।
'अगर पानी का मुद्दा हल नहीं हुआ, तो हम भूखे मर सकते हैं'
सीनेटर जफर ने पाकिस्तान की स्थिति को "वॉटर स्ट्रेस देश" की संज्ञा दी और कहा कि इस क्षेत्र में पाकिस्तान दुनिया के शीर्ष देशों में है। उन्होंने बताया कि देश वॉटर स्कार्सिटी यानी जल-अभाव की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है, जिसकी मुख्य वजहें हैं: जलवायु परिवर्तन (climate change) और तेजी से बढ़ती जनसंख्या। उन्होंने इस स्थिति को आतंकवाद जितना ही महत्वपूर्ण मुद्दा बताया।
उन्होंने कहा, “अगर हम पानी का ये संकट नहीं सुलझाएंगे तो हमारी जनता भूख से मरने को मजबूर हो सकती है, क्योंकि हमारी जीवनरेखा इंडस बेसिन पर निर्भर है, जिससे तीन-चौथाई पानी बाहर से आता है।” जफर के मुताबिक, “पाकिस्तान की 90 फीसदी खेती इसी पानी पर आधारित है और 10 में से 9 लोग इसी बेसिन पर निर्भर होकर जीवन यापन करते हैं।”
'ये वॉटर बम है, जिसे हमें डिफ्यूज करना है'
जफर ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के अधिकांश पावर प्रोजेक्ट्स और डैम इसी पानी पर आधारित हैं। इसलिए इस संकट को वॉटर बम बताते हुए उन्होंने कहा कि इसे 'डिफ्यूज' करना अब हमारी मजबूरी बन गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत शुरुआत से ही पानी के जरिए पाकिस्तान को जवाब देने की नीति पर चल रहा है।
उन्होंने इतिहास का हवाला देते हुए बताया कि जब पाकिस्तान बना था, तब रेडक्लिफ लाइन के तहत फिरोजपुर बराज पाकिस्तान को सौंपा गया था, लेकिन आखिरी वक्त पर उसे बदल दिया गया। जफर ने यहां तक कहा कि कश्मीर मुद्दा भी भारत ने पानी को केंद्र में रखकर जिंदा रखा हुआ है।