चेतावनी! कम इम्यूनिटी वालों के लिए घातक साबित हो सकता हैं ओमिक्रॉन: समीरन पांडा, पेंडेमिक साइंस एक्सपर्ट, ICMR

By: Pinki Sun, 26 Dec 2021 11:13:40

चेतावनी! कम इम्यूनिटी वालों के लिए घातक साबित हो सकता हैं ओमिक्रॉन: समीरन पांडा, पेंडेमिक साइंस एक्सपर्ट, ICMR

पूरी दुनिया में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। भारत में 2 दिसंबर को ओमिक्रॉन का पहला केस सामने आया था और अब सिर्फ 24 दिन के बाद इनकी संख्या बढ़कर 400 के पार पहुंच गई है। ऐसे में एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर इसी रफ़्तार से ओमिक्रॉन के केस बढ़ते है तो मार्च में भारत में डेली केसेज का आंकड़ा 1.8 लाख तक जा सकते है। इस पीक पर पहुंचने के बाद देश को करीब 2 लाख कोविड बेड की जरूरत होगी। कोविड वैक्सीन ले चुके लोग भी ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित हो रहे हैं। हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि वैक्सीनेटेड लोगों पर ओमिक्रॉन का घातक असर नहीं होता है।

समीरन पांडा, पेंडेमिक साइंस एक्सपर्ट, ICMR का कहना है कि कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट, डेल्टा के मुकाबले 3 गुना तेजी से फैलता है। पूरे भारत में सिर्फ ओमिक्रॉन का कहर ही है ऐसा नहीं है, अभी भी डेल्टा वैरिएंट का ही संक्रमण ज्यादा हो रहा है, लेकिन ओमिक्रॉन भी अब तेजी से फैल रहा है।

समीरन पांडा ने कहा कि अगर लोग कोरोना नियमों का पालन नहीं करेंगे तो ओमिक्रॉन ज्यादा तेजी से फैल सकता है। अगर राजनीतिक रैलियां, धार्मिक उत्सव और भीड़-भाड़ जारी रहेगी तो ओमिक्रॉन का संक्रमण आसान हो जाएगा।

समीरन पांडा ने कहा कि सरकार अपनी जगह तैयारियां कर रही है, लेकिन लोगों को यह समझना होगा कि उन्हें ही अपने परिवार का ख्याल रखना है। ओमिक्रॉन डेल्टा की तरह ज्यादा घातक नहीं है, लेकिन ये ज्यादा तेजी से फैलता है। हो सकता है कि ओमिक्रॉन का स्वस्थ लोगों और युवाओं पर कोई असर भी न हो, लेकिन आप इसके लिए बेस्ट कैरियर हो सकते हैं। ऐसे में अगर आपके घर में कोई कम इम्यूनिटी वाला शख्स है तो ओमिक्रॉन उसके लिए घातक हो सकता है।

उन्होंने कहा कि हमने ICMR में स्थानीय डेटा का पोर्टल तैयार किया है। इसमें राज्य से लेकर जिले के स्तर पर पता चल सकता है कि अगर तीसरी लहर आती है तो उस क्षेत्र पर इसका क्या असर होगा। अगर इस डेटा का अध्ययन कर लिया जाए तो तीसरी लहर के लिए प्लान तैयार करना आसान हो जाएगा। कुछ राज्यों में वैक्सीनेशन रेट ज्यादा है, कहीं पर वैक्सीनेशन का कमजोर डेटा है। जहां पर वैक्सीनेशन कम हुआ है वहां पर मेडिकल फैसेलिटी को ज्यादा दुरुस्त करने की जरूरत है।

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