यूपी: हाथरस में धार्मिक आयोजन में भगदड़, 100 से अधिक लोगों की मौत, मृतक के परिजनों को 2 लाख और घायलों को 50 हजार का मुआवजा

By: Rajesh Bhagtani Tue, 02 July 2024 7:30:05

यूपी: हाथरस में धार्मिक आयोजन में भगदड़, 100 से अधिक लोगों की मौत, मृतक के परिजनों को 2 लाख और घायलों को 50 हजार का मुआवजा

हाथरस । उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में हिस्सा लेने पहुंचे श्रद्धालुओं के बीच भगदड़ मच गई, जिसमें 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई। सीएमओ डॉ उमेश कुमार त्रिपाठी ने मौत के आंकड़ों की पुष्टि की है। सभी डेड बॉडी को एटा मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया है। बताया जा रहा है कि सत्संग में भीषण गर्मी की वजह से भक्तों की स्थिति खराब हो गई। सत्संग में हिस्सा लेने पहुंचे कई लोगों ने आपबीती सुनाई।

वहीं दूसरी मृतकों की संख्या को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि 80 से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है। मरने वालों में कई महिलाएँ और बच्चे भी शामिल हैं। मृतकों को हाथरस और पड़ोसी एटा जिले के अस्पतालों में ले जाया गया। हाथरस के ज़िला मजिस्ट्रेट आशीष ने अपने ज़िले में लगभग 60 लोगों की मौत की पुष्टि की, जबकि एटा के अधिकारियों ने बताया कि वहाँ के अस्पतालों में 27 और लोगों की मौत की सूचना मिली है।

घटना के तुरंत बाद मीडिया से बात करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी राजेश कुमार सिंह ने कहा कि हाथरस जिले के एक गांव में चल रहे धार्मिक आयोजन में भगदड़ मची। एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि भगदड़ संभवतः भीड़भाड़ के कारण हुई।

हाथरस में धार्मिक आयोजन किया गया था। आयोजन के समाप्त होते ही भगदड़ मच गई, जिसके परिणामस्वरूप महिलाओं और बच्चों सहित 80 से अधिक लोगों की मौत हो गई। सत्संग का आयोजन मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम समिति द्वारा किया गया था।

ऐसी आशंका है कि और भी लोग मारे गए होंगे।

'लोग कुचले गए': प्रत्यक्षदर्शी

इस भयावह घटना को याद करते हुए एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, "हम सत्संग के लिए आए थे। वहां बहुत भीड़ थी। सत्संग खत्म होने के बाद हम जाने लगे। बाहर निकलने का रास्ता संकरा था। जैसे ही हम मैदान की ओर निकलने लगे, अचानक हंगामा शुरू हो गया और हमें समझ में नहीं आया कि क्या करें। कई लोग मारे गए।"

एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, "सत्संग समाप्त होने के बाद सभी लोग बाहर आ गए। बाहर सड़क काफी ऊंचाई पर बनी हुई थी और नीचे नाला था। एक के बाद एक लोग उसमें गिरने लगे। कुछ लोग कुचल गए।"


more than 100 people died in a stampede at a religious event in hathras,up,compensation of rs 2 lakh to the families of the deceased and rs 50 thousand to the injured

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने की संवेदना व्यक्त
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि यह घटना हृदय विदारक है।

उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर पोस्ट किया, "उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में हुए हादसे में महिलाओं और बच्चों समेत कई श्रद्धालुओं की मौत की खबर हृदय विदारक है। मैं उन लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं जिन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करती हूं।"
पीएम और विपक्ष के नेता ने व्यक्त की संवेदना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा को संबोधित करते हुए कहा, "हाथरस में एक दुखद मौत की खबर मिल रही है। मैं उन लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं जिन्होंने अपनी जान गंवाई है और घायलों के जल्द ठीक होने की कामना करता हूं। राज्य सरकार बचाव कार्य में लगी हुई है। केंद्र सरकार संपर्क में है। पीड़ितों को हर संभव मदद दी जाएगी।"

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इसे "बेहद दर्दनाक" घटना बताते हुए कहा, "मैं सभी शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। सरकार और प्रशासन से अनुरोध है कि घायलों को हर संभव उपचार और प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान की जाए। भारत के सभी कार्यकर्ताओं से अनुरोध है कि वे राहत और बचाव में अपना सहयोग प्रदान करें।"

घटना का संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को तुरंत घटनास्थल पर पहुंचने और राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।

उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री संदीप सिंह ने कहा, "हमें मुख्यमंत्री द्वारा हाथरस घटना स्थल पर पहुंचने और मामले को देखने और सरकार की ओर से आवश्यक निर्णय लेने के निर्देश दिए गए हैं। मृतकों की संख्या लगातार बढ़ रही है।


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इस हादसे पर सीएम योगी की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने जनपद हाथरस में हुए हादसे में मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचा कर उनके समुचित उपचार कराने और मौके पर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने एडीजी आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ के नेतृत्व में घटना के कारणों की जांच के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने पुलिस महानिदेशक, दो वरिष्ठ मंत्रियों और मुख्य सचिव को घटनास्थल पर भेजा। यूपी के मंत्री संदीप सिंह ने कहा, "हमें सीएम ने हाथरस घटना स्थल पर पहुंचकर मामले की जांच करने और सरकार की ओर से आवश्यक निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं। मृतकों की संख्या लगातार बढ़ रही है।" मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने के भी निर्देश दिए।

शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, "मेरी संवेदनाएं उनके परिवारजनों के साथ हैं।"

बसपा प्रमुख मायावती ने घटना की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा, "यह बहुत दुखद है कि यूपी के हाथरस जिले में धार्मिक आयोजन के दौरान मची भगदड़ में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए तथा आगरा में बौद्ध/भीम कथा के दौरान एक युवक की मौत हो गई। सरकार को इन घटनाओं की जांच कर उचित कार्रवाई करनी चाहिए तथा पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता देनी चाहिए।"

समाचार एजेंसी एएनआई ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया कि घटना के कारणों की जांच के लिए आगरा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक और अलीगढ़ के आयुक्त की एक टीम गठित की गई है।

इसके अलावा, सत्संग में हिस्सा लेने वाले लोगों ने अस्पताल की अव्यवस्था पर भी आक्रोश जताया है। लोगों का कहना है कि अस्पताल परिसर में लाशों का ढेर पड़ा हुआ है, लेकिन एक भी डॉक्टर किसी का भी उपचार करने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं। अस्पताल में महज एक ही डॉक्टर है। लोगों ने अपना रोष जाहिर करते हुए कहा कि पुलिस प्रशासन की लापरवाही की वजह से यह सब कुछ हआ। कल रात से ही रोड पर जाम लगा हुआ था। पुलिस ने वो जाम खुलवा दिया, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ। लोगों ने कहा कि अस्पताल में लाशों का ढेर लग चुका है, लेकिन अस्पताल में एक ही डॉक्टर है।

लोगों ने बताया कि अस्पताल में ऑक्सीजन तक नहीं है। ऐसे में यह कैसे किसी का उपचार कर सकेंगे। पुलिस से लेकर चिकित्सक से जुड़े सभी अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं। हमारी बात कोई सुनने के लिए तैयार नहीं है।

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