
नई दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब देश के इतिहास में सबसे लंबे समय तक सेवा निभाने वाले दूसरे प्रधानमंत्री बन गए हैं। आज से उनका कार्यकाल 4,078 दिनों का पूरा हो गया है, जिससे उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (जिन्होंने 24 जनवरी 1966 से 24 मार्च 1977 तक कुल 4,077 दिन कार्य किया था) को पीछे छोड़ दिया है।
पहले सबसे लंबे कार्यकाल का रिकॉर्ड अब भी पंडित जवाहरलाल नेहरू के नाम दर्ज है। ऐसे में मोदी का स्थान भारत के पहले व महान प्रधानमंत्री के सामने सबसे करीब माना जा सकता है।
मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री तक
नरेंद्र मोदी ने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में की थी और इस पद पर उन्होंने करीब 12 वर्षों तक (लगातार तीन कार्यकाल) काम किया। उसके बाद मोदी 2014 में पहली बार और 2019 में दूसरी बार प्रधानमंत्री बने, और वर्तमान में वह तीसरी बार (2024–) प्रधानमंत्री बन चुके हैं।
वे भारत के पहले ऐसे गैर-कांग्रेसी नेता हैं, जिन्होंने लगातार दो कार्यकालों में बहुमत के साथ सरकार बनाई और उसे सफलतापूर्वक पूरा किया। इससे पहले यह गौरव केवल कांग्रेस परिवार और अटल बिहारी वाजपेयी जैसे नेताओं के पास था।
महत्वपूर्ण रिकॉर्ड जो मोदी के नाम दर्ज हुए
सबसे लंबे कार्यकाल वाले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री: वाजपेयी के बाद यह रिकॉर्ड अब नरेंद्र मोदी के पास है।
गैर हिंदी भाषी राज्य के पहले लंबे कार्यकाल वाले प्रधानमंत्री: गुजरात से आने वाले पहले नेता जिन्होंने इतने समय तक सेवा की।
अधिकतम चुनाव जीतने का रिकॉर्ड: लगातार 6 चुनावी विजय—तीन गुजरात विधानसभा (2002, 2007, 2012) और तीन लोकसभा चुनाव (2014, 2019, 2024)।
निर्भीक नेतृत्व और लोकप्रियता: वे पहले ऐसे नेता हैं जिन्होंने अपने दम पर दो मॉरचों में बहुमत के साथ सरकार बनाई, और लगातार तीन कार्यकाल संपन्न किए।
स्वतंत्र भारत के बाद दूसरे लगातार कार्यकाल वाले प्रधानमंत्री: जिस प्रकार नेहरू तीन कार्यकाल में सेवा निभाए, उसी तरह मोदी तीन लोकसभा चुनाव जीतकर लगातार नेतृत्व कर रहे हैं।
नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के पीछे के कारण
1. चुनावी रणनीति और संसदीय प्रबंधन
मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने चुनावों में लगातार सफलता पाई, जिसमें मजबूत संगठन, समर्पित प्रचार-योजना और सामाजिक-राजनीतिक गठबन्धन शामिल थे।
2. प्रभावी नेतृत्व और जनलुभावना
उनके आत्मनिर्भर भारत अभियान, डिजिटल इंडिया पहल, और राष्ट्रीय सुरक्षा पर जोर जैसे अभियानों ने जनता में गहरा समर्थन पैदा किया।
3. चीनी ड्रॉ, COVID 19 जैसी चुनौतियों में स्थिरता
महामारी के दौरान उनके नेतृत्व में उठाए गए कदमों ने देश को मुश्किल समय में संतुलन दिया।
4. गुजरात से निकलकर पैन-इंडिया पहचान
गुजरात के मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री बनने तक का सफर, विशेषकर 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद, उन्हें देशव्यापी लोकप्रियता दिलाने वाला रहा।
इंदिरा गांधी और अब मोदी—क्या मायने रखता है संशोधन?
इंदिरा गांधी का कार्यकाल बड़ा रहा लेकिन वे कई विवादों की वजह से आलोचना का भी विषय बनीं। उनके समय में आपातकाल भी घोषित किया गया था। वहीं नरेंद्र मोदी को सार्वजनिक रूप से अधिकांश कार्यकाल सकारात्मक परिणामों और स्थिर नेतृत्व की मिसाल माना जाता है।
यह तथ्य की तुलना बताता है कि कैसे लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में बदलाव आया है: अब वोटरों का प्रभाव अधिक मिला है, जिससे गैर परंपरागत नेता भी सामान्य लोकप्रियता हासिल कर जीवन भर सेवा कर सकते हैं।
मोदी का अभी कार्यकाल समाप्त नहीं हुआ है—वे 2029 तक प्रधानमंत्री पद पर बने रह सकते हैं अगर भाजपा को फिर से चुनाव में बहुमत मिलता है और वे खुद चुनाव जीतते हैं। ऐसे में उनके लिए नेहरू का रिकॉर्ड ही अगला सबसे बड़ा लक्ष्य होगा।
नेहरू का कार्यकाल कुल 12 वर्ष (लगभग 4,540 दिन) तक फैला था। यदि मोदी 2029 तक तीसरा कार्यकाल पूरा करते हैं, तो वे नेहरू का रिकॉर्ड भी पार कर सकते हैं।














