कांग्रेस पार्टी के सीनियर लीडर कपिल सिब्बल ने BJP में जाने की बात से साफ इंकार कर दिया है। सिब्बल ने यहां तक कह दिया है कि ऐसा उनके मरने के बाद ही हो सकता है। दरअसल, जितिन प्रसाद के कांग्रेस छोड़कर BJP में शामिल होने के एक दिन बाद कांग्रेस की अंदरुनी कलह को लेकर एक बार फिर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। सिब्बल ने कहा है कि कांग्रेस लीडरशिप अगर उनसे पार्टी छोड़ने को कहे तो वे इस बारे में तो सोच सकते हैं, लेकिन बीजेपी में कभी नहीं जाएंगे।
सिब्बल ने कहा है कि कांग्रेस में सुधारों की सख्त जरूरत है और पार्टी लीडरशिप को अब सुनना होगा। यह समझ से परे था कि जितिन प्रसाद जैसा व्यक्ति BJP में शामिल होगा। अगर मुद्दों का समाधान होने के बावजूद किसी को लगता है कि उसे कुछ नहीं मिल रहा तो वह चला जाएगा। जितिन के पास भी पार्टी छोड़ने के कारण हो सकते हैं। इसके लिए मैं उन्हें गलत नहीं ठहरा रहा बल्कि जिस वजह से वे BJP में गए हैं उसके लिए दोष दे रहा हूं।
सिब्बल ने कहा कि मुझे भरोसा है कि लीडरशिप को समस्याओं के बारे में पता है और उम्मीद है कि वे सुनेंगे। क्योंकि बिना सुने कुछ भी नहीं चल सकता। कोई कॉरपोरेट स्ट्रक्चर बिना बात सुने सर्वाइव नहीं कर सकता। राजनीति में भी ऐसा ही है। अगर आप नहीं सुनेंगे तो आपके बुरे दिन शुरू हो जाएंगे।
कांग्रेस की विफलता के बारे में पूछे जाने पर, सिब्बल ने कहा, 'मुद्दों पर अभी तक कोई बात नहीं हुई है, यह सच है। उन्हें जल्द से जल्द इसे संबोधित किया जाना चाहिए। हम उन मुद्दों को उठाना जारी रखेंगे। अगर पार्टी किसी कारण से मुझसे कहती है कि हमें आपकी जरूरत नहीं है, तो मैं पार्टी छोड़ दूंगा। मैं पार्टी में अपने लिए नहीं हूं, लेकिन मैं अपने जीवन में कभी भी भाजपा में शामिल नहीं होऊंगा, जिसका मैंने एक राजनेता के रूप में अपने जन्म के बाद से विरोध किया है। जितिन प्रसाद के साथ मेरा यही मुद्दा है'
राहुल गांधी के करीबी रहे जितिन प्रसाद ने दो साल की अटकलों के बाद कल बुधवार को इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा, 'मेरा कांग्रेस के साथ तीन पीढ़ी का नाता है, इसलिए मैं बहुत देर बाद विचार-विमर्श कर यह निर्णय ले पाया। पिछले 8-10 सालों में, मैंने महसूस किया है कि अगर कोई एक पार्टी है जो वास्तव में राष्ट्रीय है, तो वह भाजपा है। अन्य दल क्षेत्रीय हैं लेकिन यह राष्ट्रीय पार्टी है।'
बता दे, सिब्बल कांग्रेस के उन 23 सीनियर लीडर्स (G-23) में शामिल हैं जिन्होंने पिछले साल सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर पार्टी में बड़े बदलाव करने की जरूरत बताई थी। इन नेताओं में जितिन प्रसाद भी शामिल थे। ऐसे में प्रसाद के BJP में जाने से ये अटकलें शुरू हो गई हैं कि क्या कांग्रेस के असंतुष्ट G-23 में से कोई और भी BJP में जा सकता है?