जयपुर। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भू-जल विभाग के मंत्री श्री कन्हैयालाल चौधरी ने गुरुवार को धौलपुर कलेक्ट्रेट सभागार में जिले में संचालित पेयजल परियोजनाओं की गहन समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि सभी कार्य निर्धारित समयसीमा में पूरे किए जाएं और किसी भी स्तर पर गुणवत्ता से समझौता न हो। मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है कि प्रत्येक नागरिक को स्वच्छ, सुरक्षित और निर्बाध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
मंत्री चौधरी ने स्पष्ट किया कि किसी भी परियोजना की सफलता उसकी गुणवत्ता और समयबद्ध क्रियान्वयन पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि जो संवेदक टेंडर की शर्तों का पालन नहीं कर रहे या लापरवाही बरत रहे हैं, उनके विरुद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
स्थायी समाधान के लिए जनप्रतिनिधियों से समन्वय जरूरी
मंत्री ने बैठक के दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधियों से संवाद कर जिले की जल समस्याओं पर सुझाव प्राप्त किए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि इन जनप्रतिनिधियों के सहयोग से दीर्घकालिक समाधान हेतु योजनाएं बनाई जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि गांव-ढाणी तक जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ज़मीनी सच्चाई को समझना और उसे योजनाओं में शामिल करना आवश्यक है।
भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर बने योजनाएं
मंत्री ने तेजी से हो रहे शहरीकरण और ग्रामीण क्षेत्रों के संभावित विस्तार को देखते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी पेयजल परियोजनाएं दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ डिजाइन की जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान योजनाओं में जल आपूर्ति की क्षमता को भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार लचीला रखा जाए।
जल जीवन मिशन में तेजी व पारदर्शिता पर जोर
जल जीवन मिशन की समीक्षा करते हुए मंत्री ने कहा कि इसकी कार्यप्रणाली पूरी तरह पारदर्शी, गुणवत्तायुक्त और तीव्र गति से होनी चाहिए ताकि "हर घर जल" का सपना साकार हो सके। उन्होंने निर्देश दिए कि पाइपलाइन बिछाने के बाद प्रेशर टेस्टिंग अनिवार्य रूप से की जाए और तभी मिट्टी भराव कराया जाए। खुदाई के बाद निकला मलबा भी समय पर हटाया जाए और सड़क को पूर्व अवस्था में बहाल किया जाए – इस पर विशेष ध्यान दिया जाए।
अवैध कनेक्शनों पर हो सख्त कार्रवाई
मंत्री चौधरी ने अवैध जल कनेक्शनों के विरुद्ध सख्त अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने दोहराया कि पेयजल संसाधन सीमित हैं, और इसका उपयोग केवल घरेलू कार्यों के लिए ही होना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति इसका प्रयोग कृषि या व्यवसायिक उद्देश्यों में करता है, तो उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए।
बैठक में जिला कलेक्टर श्रीनिधि बी टी ने जल जीवन मिशन व अन्य पेयजल परियोजनाओं की प्रगति, स्थिति व चुनौतियों की विस्तार से जानकारी दी। अतिरिक्त मुख्य अभियंता जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी श्री मोहन लाल मीणा और चम्बल परियोजना के अतिरिक्त मुख्य अभियंता श्री सुरेन्द्र शर्मा ने परियोजनाओं की तकनीकी प्रगति व वितरण व्यवस्था से अवगत कराया।
इस अवसर पर बाड़ी विधायक श्री जसवंत सिंह गुर्जर, अधीक्षण अभियंता एच.के. अग्रवाल और अन्य संबंधित अधिकारी भी उपस्थित रहे।