जयपुर। पिछले दो साल से ज्यादा समय से फरार चल रहे वनरक्षक भर्ती परीक्षा 2020 पेपर लीक के मास्टर माइंड शिक्षक हीराराम उर्फ हरीश सारण को एसओजी ने इंदौर में दबोचा, वहाँ से बांसवाड़ा लाने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
गौरतलब है कि पेपर लीक के संबंध में एसओजी में मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही वह फरार चल रहा था। उसे एसओजी ने इंदौर में दबोचा। उसकी गिरफ्तारी पर एसओजी ने 25 हजार रुपए का ईनाम घोषित किया था। एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने बताया कि 13 नवंबर 2022 को हुई वन रक्षक भर्ती परीक्षा की दोनों पारियों का पेपर लीक होने की जानकारी मिलने पर 30 जून 2024 को बांसवाड़ा जिले के राजतलाब थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था।
इस मामले में अनुसंधान एसओजी कर रही है। इस मामले में पेपर लीक का मुख्य सरगना हीराराम उर्फ हरीश सारण मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही फरार चल रहा था। वह मूलतः गुढ़ामालानी (बाड़मेर) के सारणों की ढाणी का रहने वाला है और उदयपुर के भागलिया गांव की राजकीय प्राथमिक स्कूल में तृतीय श्रेणी शिक्षक है।
एसओजी की जांच में सामने आया कि मुख्य आरोपी हीराराम ने 13 नवंबर 2022 को दोनों पारियों में वनरक्षक भर्ती परीक्षा का सॉल्वड लीक पेपर अपने साथी डूंगरपुर निवासी अभिमन्यु सिंह के साथ मिलकर अलग-अलग जगहों पर अभ्यर्थियों को पढ़वाया था। उन्होंने स्थानीय दलाल छगन पारगी, सकन सिंह खड़िया और प्रवीण मालवीया के जरिए अभ्यर्थियों को इकठ्ठा कर परीक्षा से पहले दोनों पारियों में पेपर पढ़वाया था। एसओजी ने इस मामले में तीनों दलालों के साथ ही अभिमन्यु सिंह, 9 अभ्यर्थियों और चार अन्य आरोपियों को अब तक गिरफ्तार किया है।
इंदौर से बांसवाड़ा लाकर किया गिरफ्तार
इस घटना के बाद से ही मुख्य आरोपी हीराराम फरार चल रहा था। उसकी गिरफ्तारी पर एसओजी ने 17 अगस्त 2024 को 25 हजार रुपए का ईनाम भी घोषित किया था। उन्होंने बताया कि हीराराम का ससुराल इंदौर में है। उसके 5 मार्च 2025 को ससुराल (इंदौर) आने की जानकारी मुखबिर के जरिए कांस्टेबल बनवारी लाल और गंगासहाय को मिली थी। उसे इंदौर पुलिस की मदद से हिरासत में लेकर बांसवाड़ा लाया गया। जहां पूछताछ के बाद उसे पेपर लीक के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। उसे कोर्ट में पेश कर 12 मार्च तक रिमांड पर लिया गया है। उसके कब्जे से एक कार भी जब्त की गई है।
बना डमी अभ्यर्थी, दूसरों को भी दिलवाया पेपर
अब तक की पूछताछ में सामने आया है कि उसने जूनियर अकाउंटेंट परीक्षा-2015, ग्राम विकास अधिकारी व हॉस्टल वार्डन भर्ती परीक्षा-2016 में अन्य अभ्यर्थियों के स्थान पर डमी अभ्यर्थी के रूप में परीक्षा देकर उनकी नौकरी लगवाई थी। रीट- 2021 और तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा- 2023 में अन्य अभ्यर्थियों को स्थानीय दलालों के जरिए उसने डमी अभ्यर्थी भी मुहैया करवाए हैं। अब एसओजी पड़ताल में जुटी है कि वनरक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर उसके पास कहां से और कैसे आया था। इसे लेकर एसओजी अनुसंधान और जांच कर रही है।