सिद्धारमैया को लेकर मुश्किलों में कांग्रेस, अब TMC ने भी की मुख्यमंत्री के इस्तीफे की माँग
By: Rajesh Bhagtani Mon, 19 Aug 2024 12:35:06
नई दिल्ली। ज़मीन से जुड़े मामले में कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ जब से मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है, भाजपा नैतिकता के आधार पर उनके इस्तीफे की मांग कर रही है। वहीं अब टीएमसी ने भी सिद्धारमैया के मामले को लेकर केंद्र पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने कोलकाता के अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी को लेकर ममता सरकार पर निशाना साधा था। राहुल गांधी ने अस्पताल में हुई तोड़फोड़ को आरोपी को बचाने की कोशिश बताया था। वहीं इंडिया गठबंधन के अन्य दलों ने ममता बनर्जी के समर्थन में आवाज उठाई है।
पश्चिम बंगाल में कांग्रेस भी सड़कों पर उतर आई है और विरोध प्रदर्शन कर रही है। सिद्धारमैया पर केस चलाने की मंजूरी के आर्टिकल सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा, तो राहुल गांधी जी, क्या आप अपने मुख्यमंत्री से इस्तीफा देने को कहेंगे? यह भ्रष्टाचार का बड़ा आरोप है। पश्चिम बंगाल की घटना को लेकर सही जानकारी लिए बिना ही आपने सोशल मीडिया पर टिप्पणी कर दी। ममता बनर्जी द्वारा उठाए गए कदमों कीआपने जानकारी भी नहीं ली। तो क्या अब आप अपने सीएम पर कार्रवाई करेंगे?
गुरुवार को ही राहुल गांधी ने कहा था, मैं पीड़िता के परिवार के साथ खड़ा हूं। उन्हें हर कीमत पर न्याय मिलना चाहिए और दोषी को ऐसी सजा मिलनी चाहिए जो समाज में मिसाल बन जाए। वहीं पीड़िता के परिवार को न्याय दिलाने की जगह आरोपी को ब चाने की कोशिश स्थानीय प्रशासन और अस्पताल पर बड़े सवाल खड़े करती है।
वहीं आम आदमी पार्टी के राज्यसभा में सांसद संजय सिंह ने कोलकाता की घटना को लेकर कहा था कि सीबीआई को निष्पक्ष जांच करनी चाहिए। बंगाल सरकार ने सुरक्षा कार्यक्रम शुरू किए हैं लेकिन इन्हें और विस्तार देने की जरूरत है। मेडिकल कॉलेज, होटल जैसी जगहों पर जब घटनाएं होती हैं तो यह गंभीर मामला है। ममता बनर्जी इस मामले को गंभीरता से ले रही हैं। इसपर राजनीति की जरूरत नहीं है।
अखिलेश यादव ने भी ममता बनर्जी का पक्ष लिया था और कहा था कि वह महिलाओं का दर्द समझ सकती हैं। उन्होंने जरूरत के मुताबिक ऐक्शन भी लिया है। सरकार ने मामले की जांच सीबीआई से करवाने का फैसला किया. बीजेपी को इसपर राजनीति नहीं करनीचाहिे। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री
राबड़ी देवी ने भी बनर्जी के कदमों की सराहना की।
सिद्धारमैया राजनीति में अब तक बेदाग थे। पिछले 10 साल में बीजेपी ने भी उनपर कोई केस नहीं दर्ज करवाया। वहीं अब तीन शिकायतों के आधार पर उनके खिलाफ केस दर्ज करने की अनुमति दे दी गई है। उनकी पत्नी पार्वती बीएम को मैसूर के विजनगर लेआउट में 14 जगहों पर जमीन दी गई थी। यह जमीन केसारे गांव की जमीन के बदले मिली थी। इसपर मैसूर अर्बन डिवेलपमेंट अथॉरिटी का कब्जा था। दरअसल उन्हें मुआवजे के रूप में महंगी जमीन दी गई थी। सिद्धारमैया ने कहा कि इस आवंटन
में उनकी कोई भूमिका नहीं थी।
कांग्रेस के लिए सिद्धारमैया अहम नेता हैं। वह पिछले वर्गों के नेता हैं। कांग्रेस में उनका कद भी बड़ा है। ऐसे में सिद्धारमैया को लगा झटका कांग्रेस के लिए भी झटका है। ऐसे में
विरोधियों को आलोचना का मौका मिल गया है। सिद्धारमैया को राहुल गांधी का करीबी भी माना जाता है।