भाजपा में जाने की अफवाहों के बीच झामुमो के चंपई सोरेन ने कहा, 'बेइज्जत किया गया, पार्टी में कोई अस्तित्व नहीं था'
By: Rajesh Bhagtani Mon, 19 Aug 2024 12:35:00
नई दिल्ली। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता चंपई सोरेन ने रविवार को कहा कि मुख्यमंत्री के तौर पर उन्हें "कड़वी बेइज्जती" का सामना करना पड़ा और उन्हें लगा कि पार्टी में उनकी कोई भूमिका नहीं है।
भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच दिल्ली पहुंचने के कुछ घंटों बाद उनका यह बयान आया।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक भावुक पोस्ट में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता चंपई सोरेन ने 2 फरवरी को मुख्यमंत्री की भूमिका संभालने से लेकर हेमंत सोरेन द्वारा उनकी जगह लेने तक के अपने सफर को याद किया, जिनके अधीन उन्होंने सोरेन की अनुपस्थिति में शासन किया था।
उन्होंने दावा किया कि 3 जुलाई को पार्टी नेतृत्व ने उनकी जानकारी के बिना उनके सभी सरकारी कार्यक्रम रद्द कर दिए।
वरिष्ठ नेता ने कहा, "इनमें से एक दुमका में सार्वजनिक कार्यक्रम था, जबकि दूसरा पीजीटी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित करना था। पूछने पर पता चला कि गठबंधन ने 3 जुलाई को विधायक दल की बैठक बुलाई है, तब तक आप सीएम के तौर पर किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकते।"
उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "जब मैंने कार्यक्रम रद्द करने का कारण पूछा तो मुझे बताया गया कि 3 जुलाई को पार्टी विधायकों की बैठक है और मैं तब तक किसी भी सरकारी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकता।"
उन्होंने कहा, "क्या लोकतंत्र में इससे ज्यादा अपमानजनक कुछ हो सकता है कि एक मुख्यमंत्री का कार्यक्रम किसी दूसरे व्यक्ति द्वारा रद्द कर दिया जाए?"
चंपई सोरेन ने सोशल पोस्ट में कहा, "अपमान की इस कड़वी गोली को निगलने के बावजूद मैंने कहा कि सुबह नियुक्ति पत्र वितरित किए जाएंगे, जबकि दोपहर में विधायक दल की बैठक होगी, इसलिए मैं वहीं से इसमें शामिल हो जाऊंगा। लेकिन, मुझे वहां से साफ मना कर दिया गया"।
जोहार साथियों,
— Champai Soren (@ChampaiSoren) August 18, 2024
आज समाचार देखने के बाद, आप सभी के मन में कई सवाल उमड़ रहे होंगे। आखिर ऐसा क्या हुआ, जिसने कोल्हान के एक छोटे से गांव में रहने वाले एक गरीब किसान के बेटे को इस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया।
अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत में औद्योगिक घरानों के खिलाफ मजदूरों की आवाज…
"पिछले चार दशकों के अपने बेदाग राजनीतिक सफर में पहली बार मैं अंदर से टूट गया था। मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करूं। दो दिनों तक मैं चुपचाप बैठा रहा और आत्मचिंतन करता रहा, पूरे घटनाक्रम में अपनी गलती खोजता रहा। मुझे सत्ता का जरा भी लालच नहीं था, लेकिन मैं अपने स्वाभिमान पर हुए इस प्रहार को किससे दिखा सकता था? मैं अपने ही लोगों द्वारा दिए गए दर्द को कहां व्यक्त कर सकता था?"
अपने भावी कदमों के बारे में चंपई सोरेन ने कहा, "भारी मन से मैंने विधायक दल की उसी बैठक में कहा था कि - "आज से मेरे जीवन का एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है।" इसमें मेरे पास तीन विकल्प थे। पहला, राजनीति से संन्यास ले लूं, दूसरा, अपना अलग संगठन बना लूं और तीसरा, इस राह पर अगर कोई साथी मिले तो उसके साथ आगे का सफर तय
करूं।"
Just In: Amid speculations of joining BJP, Champai Soren changes his profile on social media platform X; distances himself from JMM, keeping his identity only as Former Chief Minister, #Jharkhand.@NewIndianXpress @TheMornStandard @santwana99 @Shahid_Faridi_ pic.twitter.com/rAen8eveWi
— Mukesh Ranjan (@Mukesh_TNIE) August 18, 2024