राजस्थान के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार लगातार इस प्रयास में जुटी है कि कोई भी पात्र व्यक्ति खाद्य सुरक्षा योजना से वंचित न रहे। उन्होंने बताया कि 26 जनवरी 2025 को खाद्य सुरक्षा पोर्टल खुलने के बाद से नए नाम जोड़ने की प्रक्रिया जारी है और अब तक 8,91,408 नए लाभार्थी जोड़े जा चुके हैं। अधिक से अधिक लोगों को इस योजना का लाभ देने के लिए सरकार ने ई-केवाईसी (e-KYC) की अंतिम तिथि 31 मार्च 2025 तक बढ़ा दी है।
ई-केवाईसी अनिवार्य, नहीं तो कट जाएगा राशन
प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों के पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए मंत्री ने बताया कि पिछले वर्ष खाद्य सुरक्षा योजना में 12.95 लाख नए नाम जोड़े गए थे, जिससे वर्तमान सरकार द्वारा जोड़े गए कुल लाभार्थियों की संख्या 21.87 लाख तक पहुंच गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार खाद्य सुरक्षा योजना के तहत ई-केवाईसी करवाना अनिवार्य है। जो लाभार्थी 31 मार्च 2025 तक ई-केवाईसी नहीं करवाएंगे, वे स्वतः योजना से बाहर हो जाएंगे, जिससे उन्हें मुफ्त राशन का लाभ नहीं मिल पाएगा।
3.86 करोड़ लाभार्थियों ने पूरी की e-KYC प्रक्रिया
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने बताया कि सरकार लाभार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए ई-केवाईसी की अंतिम तिथि को लगातार आगे बढ़ा रही है। पहले यह 15 अगस्त 2024 थी, जिसे 31 दिसंबर 2024 किया गया और अब इसे 31 मार्च 2025 तक बढ़ा दिया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य की कुल जनसंख्या 4.46 करोड़ है, जिसमें से 4.39 करोड़ लोगों को खाद्य सुरक्षा योजना के तहत जोड़ा जा चुका है। इनमें से 3.86 करोड़ लाभार्थियों ने अपनी e-KYC प्रक्रिया पूरी कर ली है। 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और 70 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को ई-केवाईसी की अनिवार्यता से छूट दी गई है।
26 जनवरी 2025 से शुरू हुआ पोर्टल
विधायक अनिता भदेल के मूल प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने बताया कि 26 जनवरी 2025 से खाद्य सुरक्षा पोर्टल शुरू किया गया है, ताकि वंचित पात्र परिवारों को योजना में जोड़ा जा सके। उन्होंने इस संबंध में जारी पत्र की प्रति सदन के पटल पर रखी। मंत्री ने यह भी बताया कि पिछले तीन वर्षों में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत 6,16,054 आवेदन स्वीकृत किए गए, जिसके जरिए 23,26,811 नए लाभार्थियों को जोड़ा गया। उन्होंने इस प्रक्रिया का जिलेवार विवरण भी सदन के समक्ष प्रस्तुत किया।