भुवनेश्वर स्थित कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) में एक नेपाली छात्रा की कथित आत्महत्या को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के मामले में मंगलवार को तीन निदेशकों और दो सुरक्षा गार्डों सहित पांच अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया। इस घटना के बाद 500 से अधिक नेपाली छात्रों ने पूरे कैंपस में व्यापक प्रदर्शन किया। स्थिति तब और गंभीर हो गई जब विश्वविद्यालय प्रशासन ने जबरन कुछ छात्रों को कैंपस से निकालने की कोशिश की, जिससे राजनयिक हस्तक्षेप (Diplomatic Intervention) की जरूरत पड़ी।
गिरफ्तारी पुलिस की रिपोर्ट के बाद हुई, जिसमें यह खुलासा हुआ कि सुरक्षा गार्डों और विश्वविद्यालय अधिकारियों ने प्रदर्शनकारी छात्रों को बलपूर्वक हटाने के लिए दुर्व्यवहार और हिंसा का सहारा लिया। पुलिस के अनुसार, गवाहों ने बताया कि गार्डों ने छात्रों को गाली दी और उनके साथ मारपीट की, जिससे कई छात्रों को चोटें आईं।
गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में दो सुरक्षा गार्ड - रामकंता नायक और जोगेंद्र बेहेरा, और तीन विश्वविद्यालय अधिकारी शामिल हैं। इन सभी पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
विश्वविद्यालय प्रशासन की प्रतिक्रिया
इस पूरे घटनाक्रम के बीच, KIIT के कुलपति ने सार्वजनिक रूप से माफी जारी की।
माफी पत्र में कहा गया, "KIIT हमेशा दुनिया भर के छात्रों का घर रहा है, जहाँ समावेशिता, सम्मान और देखभाल की संस्कृति को बढ़ावा दिया जाता है। हम हाल की घटना पर गहरा खेद व्यक्त करते हैं और अपने सभी छात्रों, विशेष रूप से हमारे प्रिय नेपाली छात्रों की सुरक्षा, गरिमा और कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं"
प्रकृति लम्साल की आत्महत्या और विरोध प्रदर्शन कैसे शुरू हुए?
तीसरे वर्ष की बी.टेक छात्रा प्रकृति लम्साल को रविवार शाम उनके हॉस्टल रूम में मृत पाया गया। उनके दोस्तों का आरोप है कि उनके पूर्व प्रेमी, अद्विक श्रीवास्तव द्वारा किए गए उत्पीड़न के कारण उन्होंने आत्महत्या की। प्रकृति के पिता ने भी अद्विक पर "हैरेसमेंट और इमोशनल ब्लैकमेलिंग" का आरोप लगाया। प्रकृति के भाई द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर पुलिस ने अद्विक श्रीवास्तव के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने (Abetment of Suicide) का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। उसे भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 108 के तहत आरोपित किया गया है। इस घटना के विरोध में 500 से अधिक नेपाली छात्रों ने कैंपस में प्रदर्शन किया। स्थिति तब और तनावपूर्ण हो गई जब विश्वविद्यालय प्रशासन ने कुछ छात्रों को जबरन बाहर निकालने का प्रयास किया, जिसके कारण नेपाली दूतावास और अन्य राजनयिकों को हस्तक्षेप करना पड़ा।
KIIT प्रशासन की अपील
मंगलवार को KIIT प्रशासन ने औपचारिक रूप से माफी जारी की। संस्थान ने बयान में कहा कि "हम छात्रों को कैंपस में वापस लाने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास कर रहे हैं।" इसके अलावा, "KIIT कैंपस-6 में एक विशेष कंट्रोल रूम 24x7 संचालित किया जा रहा है, ताकि नेपाली छात्रों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जा सके," बयान में उल्लेख किया गया।