आजकल की भागदौड़ भरी और तनावपूर्ण जिंदगी में अक्सर महिलाएं अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाती हैं, खासकर जब वे करियर, परिवार और समाज की जिम्मेदारियों में उलझी होती हैं। जिसकी वजह से उन्हें कई प्रकार की गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ता है। ये बीमारियां शुरुआत में मामूली लग सकती हैं, लेकिन समय के साथ यह छोटी समस्याएं धीरे-धीरे गंभीर और जानलेवा बीमारियों का रूप ले लेती हैं। ऐसे में महिलाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से जागरूक करने की सख्त जरूरत है, ताकि वे समय रहते उचित कदम उठा सकें और बड़ी बीमारियों का शिकार होने से खुद को बचा सकें। तो चलिए विस्तार से जानते हैं कि महिलाओं में किस-किस बीमारी का सबसे ज्यादा खतरा बना रहता है और इसके पीछे के मुख्य कारण क्या हैं।
महिलाओं में होने वाली प्रमुख बीमारियां...
ब्रेस्ट कैंसर – यह आज के समय में महिलाओं में सबसे आम और तेजी से बढ़ने वाली जानलेवा बीमारी बन चुकी है। WHO की रिपोर्ट के अनुसार, बीते वर्षों में इस बीमारी से दुनिया भर में लगभग 6 लाख से अधिक महिलाओं की जान जा चुकी है। यह कैंसर स्तन के टिशू में तब होता है जब सेल्स असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और ट्यूमर का रूप ले लेती हैं। अगर समय रहते मैमोग्राफी, नियमित जांच और मेडिकल सलाह ली जाए, तो इसका इलाज संभव है और बचाव भी किया जा सकता है।
सर्वाइकल कैंसर – यह भी महिलाओं में होने वाला एक आम लेकिन कम पहचाना गया कैंसर है। यह कैंसर गर्भाशय के निचले हिस्से यानी सर्विक्स की परत में धीरे-धीरे बढ़ता है। ज्यादातर मामलों में यह ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) के संक्रमण के कारण होता है। साल 2022 में, इससे दुनिया भर में 3 लाख से ज्यादा महिलाओं की मौत हो चुकी है। HPV वैक्सीन और समय पर पैप स्मीयर टेस्ट से इसकी रोकथाम संभव है।
गठिया (Arthritis) – बढ़ती उम्र, हार्मोनल बदलाव और पोषण की कमी के चलते गठिया की समस्या महिलाओं में तेजी से बढ़ रही है। इस बीमारी के 100 से ज्यादा प्रकार हैं, जिनमें सबसे आम है ऑस्टियोआर्थराइटिस और रुमेटॉइड आर्थराइटिस। यह रोग जोड़ों में सूजन, अकड़न, दर्द और चलने-फिरने में परेशानी का कारण बनता है। नियमित व्यायाम, कैल्शियम व विटामिन D की पर्याप्त मात्रा और फिजियोथेरेपी इसके लक्षणों को कम कर सकती है।
एनीमिया (Anemia) – WHO के मुताबिक, एनीमिया महिलाओं में सबसे आम पोषण संबंधित बीमारी है। यह तब होता है जब शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा इतनी कम हो जाती है कि ऑक्सीजन शरीर के सभी अंगों तक सही मात्रा में नहीं पहुंच पाती। विशेष रूप से किशोरियों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं में यह अधिक देखने को मिलता है। लंबे समय तक इसे नजरअंदाज करने से यह स्थिति जानलेवा भी हो सकती है। आयरन युक्त आहार, फोलिक एसिड और नियमित हेल्थ चेकअप इसकी रोकथाम में सहायक हो सकते हैं।
महिलाएं क्यों करती हैं इन बीमारियों को नजरअंदाज?
महिलाएं अक्सर परिवार की देखभाल, बच्चों की परवरिश और नौकरी के बोझ के चलते खुद की सेहत को प्राथमिकता नहीं देतीं। उन्हें लगता है कि हल्का दर्द, थकान या कमजोरी सामान्य बात है, लेकिन यही लक्षण बाद में बड़ी बीमारी का संकेत बन सकते हैं। इसीलिए, महिलाओं को चाहिए कि वे अपनी सेहत को भी उतना ही महत्व दें जितना वे दूसरों की देखभाल को देती हैं।
समाज की जिम्मेदारी और जागरूकता की जरूरत
यह हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि हम स्वास्थ्य के प्रति महिलाओं को जागरूक करें, उन्हें नियमित जांच के लिए प्रेरित करें और एक ऐसा वातावरण तैयार करें जिसमें महिलाएं खुलकर अपने स्वास्थ्य की बात कर सकें। समाज की रीढ़ कही जाने वाली महिलाओं को स्वस्थ रखकर ही हम एक स्वस्थ और सशक्त राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी सुझाव को अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।