कोरोना पॉजिटिव हो चुके लोगों में बढ़ा दिल से जुड़ी 20 तरह की बीमारियों का खतरा! डायबिटीज भी है शामिल

By: Pinki Thu, 21 Apr 2022 1:07:16

कोरोना पॉजिटिव हो चुके लोगों में बढ़ा दिल से जुड़ी 20 तरह की बीमारियों का खतरा! डायबिटीज भी है शामिल

देश में कोरोना के मामले एक बार बढ़ना शुरू हो गए है। हेल्थ मिनिस्ट्री की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, भारत में पिछले 24 घंटे में 2,380 केस सामने आए हैं। इससे पहले मंगलवार को कोरोना के 2067 और सोमवार को 1247 केस मिले थे। एक्सपर्ट कोरोना वायरस से बचे रहने के लिए उचित सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। पिछले लगभग 2 सालों से लगातार COVID-19 के नए-नए वैरिएंट सामने आ रहे हैं, जिसकी चपेट में लाखों लोग आ चुके हैं। हाल ही में हुई एक स्टडी के मुताबिक, जिस किसी को भी पिछले एक साल में कोविड हुआ था, उसे कुछ घातक स्वास्थ जोखिम या साइड इफेक्ट का खतरा हो सकता है। इन साइड इफेक्ट में कुछ गंभीर बीमारियां भी शामिल हैं। जिनमें से टाइप-2 डायबिटीज भी एक है।

कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद रिकवर हुए लोगों मेें लंबे समय तक कुछ लक्षण देखे गए, जिसे लॉन्ग कोविड कहा जाता है। कुछ समय पहले ओमिक्रॉन वैरिएंट के कारण लोगों में गंभीर लक्षण नहीं देखे गए लेकिन एक स्टडी के मुताबिक, जिन लोगों को पिछले साल कोविड हुआ था, उन्हें अगले 12 महीनों में कुछ गंभीर स्वास्थ समस्याओं का जोखिम हो सकता है। यहां तक ​​​​कि जो लोग कोविड के कारण अस्पताल में भी एडमिट नहीं हुए थे, उन लोगों में भी यह जोखिम देखा जा सकता है।

नेचर मेडिसिन में पब्लिश हुई स्टडी के मुताबिक, कोरोना का लॉन्ग टर्म लक्षण हार्ट और वेस्कुलर सिस्टम में देखे जा सकते हैं। इनमें कार्डियक अरेस्ट, हृदय गति रुकना, स्ट्रोक, अनियमित हृदय रिदम, रक्त के थक्के जमना, ब्लड वेसिल्स डिसीज और सूजन संबंधित विकार शामिल हैं।

साथ ही कोविड से ठीक हुए लोगों में खून के थक्के की समस्या देखी गई थी, जिसका समय पर इलाज न करने से मौत भी हो सकती है। धमनियों या नसों में बनने वाला रक्त का थक्का काफी गंभीर हो सकता है, खासकर, अगर वह फेफड़ों या हार्ट जैसे अंगों में चला जाता है।

रिसर्च में पाया गया, जिन लोगों को कोरोना वायरस हुआ था उन लोगों में 12 महीनों के बाद हार्ट फेल का जोखिम 72% अधिक बढ़ गया था। विशेषज्ञों ने इस रिसर्च के लिए 1.10 करोड़ से अधिक अमेरिकी लोगों के आंकड़ों को देखा, जिनमें 1.54 लाख ऐसे लोग थे, जिन्हें कोरोना ने अपनी चपेट में लिया था। उन्होंने अनुमान लगाया था, उन लोगों को लगभग 20 तरह की दिल से जुड़ी समस्या का जोखिम हो सकता है।

रिसर्च में यह भी पाया गया कि जिन लोगों को एक साल पहले कोविड था, उन लोगों कोविड न होने वाले लोगों की तुलना में अधिक जोखिम था। हालांकि यह स्टडी उन लोगों पर हुई थी, जिन्होंने कोविड वैक्सीन का एक भी डोज नहीं लिया था। रिसर्च के मुताबिक, यह जोखिम सिर्फ उन लोगों को है, जिन्हें कोविड हुआ था। वहीं अगर किसी ने वैक्सीन ली हुई है तो यह उन 20 स्थितियों को कम कर सकता है।

रिसर्च के मुताबिक, कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आने बाद 12 महीनों के अंदर उनमें टाइप 2 डायबिटीज विकसित होने की संभावना 46% अधिक थी। जिन लोगों में हल्के लक्षण थे, यह रिसर्च उन लोगों के लिए भी है। एक्सपर्ट कहते हैं कि वैक्सीन ही कोरोना के खिलाफ सबसे अच्छा तरीका है। हो सकता है वैक्सीन लेने से इन स्वास्थ जोखिम का खतरा कम हो सके।

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