महिलाओं के लिए जरूरी है एस्ट्रोजन हार्मोन का होना, कमी होने से होती हैं ये परेशानियाँ, बचाव के लिए करें यह उपाय
By: Geeta Wed, 25 Aug 2021 11:07:41
इंसान के शरीर में कई प्रकार के हार्मोन्स का निर्माण होता है। इनमें से कुछ हार्मोन्स ऐसे होते हैं जो पुरुष और स्त्री दोनों के शरीर में समान रूप से पाये जाते हैं, लेकिन जिनकी जरूरत स्त्री शरीर को ज्यादा होती है। ऐसा ही एक हार्मोन है एस्ट्रोजन जिसकी जरूरत महिलाओं को पुरुषों से ज्यादा होती है। शरीर में एस्ट्रोजन की सही मात्रा को बनाए रखना आवश्यक है। एस्ट्रोजन महिलाओं के लिए अत्यावश्यक हार्मोन है, यह महिलाओं के शरीर के कुछ आन्तरिक कार्यों को पूरा करता है। आज हम आपके बताने जा रहे हैं कि क्योंकर महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन की आवश्यकता होती है।
1. महिलाओं के शरीर में आता बदलाव
महिलाओं में प्रजनन और यौन विकास में एस्ट्रोजन अहम् भूमिका निभाता है। इस हार्मोन के चलते महिलाओं के शरीर में बदलाव आता है। एस्ट्रोजन की वजह से लड़कियों के जननांगों में जहाँ बालों की वृद्धि होती है, वहीं दूसरी ओर लड़कियों के स्तनों का विकास होने लगता है। साथ ही लड़कियों में मासिक चक्र की शुरूआत होती है। कई बार हम देखते हैं कि कुछ लड़कियों के स्तन छोटे होते हैं और कुछ के बहुत ज्यादा भारी और फैलाव लिए होते हैं। वहीं कुछ लड़कियों के स्तन आकर्षक दिखाई देते हैं। इन सब का कारण एस्ट्रोजन ही होता है। यह अलग-अलग बदलाव शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा के कारण नजर आता है। ज्यादा मात्रा के चलते स्तन भारी और फैलाव ले लेते हैं, वहीं मात्रा कम होने के कारण स्तन छोटे और कमजोर होते हैं।
2. गर्भावस्था में निभाता है महत्त्वपूर्ण भूमिका
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि एस्ट्रोजन से जहाँ यौन अंगों का विकास होता है, वहीं दूसरी ओर इसका प्रभाव मेटाबॉलिज्म पर भी पड़ता है। यह गर्भावस्था के दौरान काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और प्लेसेंटा के कामकाज को सामान्य तरह से बढ़ाता है।
3. महिलाओं को एस्ट्रोजन से होने वाले फायदे
एस्ट्रोजन महिलाओं के शरीर की रखवाली का काम करता है। इसके होने से महिलाओं को निम्न फायदे होते हैं—
- सेक्स ड्राइव बढ़ाता है।
- ओवेरियन और स्तन कैंसर से बचाव करता है।
- जननांगों पर संक्रमण और सूजन से बचाव करता है।
- शारीरिक तनाव से बाहर निकलने में मदद करता है।
- शरीर में रक्त के थक्के जमने से बचाव करता है।
- हड्डियों को मजबूत बनाता है।
- त्वचा में प्राकृतिक चमक बनाए रखता है।
- बालों की चमक और सुन्दरता को बढ़ाता है।
4. वृ़द्धि और कमी के चलते होती हैं ये बीमारियाँ
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि एस्ट्रोजन जहाँ शरीर के लिए जरूरी है, वहीं यह शरीर के लिए खतरनाक भी है। शरीर में एस्ट्रोजन लेवल का सही मात्रा में होना जरूरी है। जहाँ इसकी मात्रा में वृद्धि शरीर के लिए खतरनाक है, वहीं इसकी कमी भी कम खतरनाक नहीं है। हालांकि हर महिला में एस्ट्रोजन लेवल अलग-अलग होता है। इसकी वृद्धि से महिलाओं में स्तन (ब्रेस्ट) कैंसर और यूट्रस (गर्भाशय) कैंसर होने की सम्भावना ज्यादा बढ़ जाती है। इसकी वृद्धि से महिलाएँ ओवेरियन सीस्ट का शिकार भी हो सकती हैं। हालांकि हार्मोनल रिप्लेसमेंट थेरेपी द्वारा हाई एस्ट्रोजन लेवल का इलाज संभव है।
5. शरीर में एस्ट्रोजन लेवल बढऩे के लक्षण
महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा बढऩे के कुछ संकेत मिलने शुरू हो जाते हैं। इन संकेतों को पहचान कर आप अपने चिकित्सक से तुरन्त सम्पर्क करके इस कमी को दूर कर सकते हैं। एस्ट्रोजन की मात्रा बढऩे से महिलाओं को निम्नांकित परेशानियों से गुजरना पड़ता है—
- ब्लड प्रेशर बढऩा
- स्तनों में सूजन होना
- पेट का फूलना
- वजन बढऩा
- स्वभाव में बदलाव आना
- बालों का झडऩा
- मासिक चक्र का अनियमित होना (इससे कभी पीरियड्स जल्दी कभी देरी से आता है)
- हाथ-पैरों का ठंडा पडऩा
- लगातार व नियमित तौर पर सिरदर्द होना
अगर आपको भी कुछ ऐसा महसूस हो रहा हो, तो आपके शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा में वृद्धि हो सकती है। ऐसी स्थिति में आप तुरंत ही डॉक्टर की सलाह लें।
6. एस्ट्रोजन लेवल का कम होना
महिलाओं में गर्भधारण और माहवारी के दौरान एस्ट्रोजन की जरूरत ज्यादा होती है। एस्ट्रोजन कम होने से शरीर में बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसकी कमी के कारण कुछ लक्षण नजर आने लगते हैं, जिनको पहचान कर आप समझ सकती हैं कि आपके शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा कम हो गई। स्थिति खतरनाक हो उससे पहले ही आप अपने चिकित्सक से सम्पर्क कर सकती हैं। एस्ट्रोजन कम होने के निम्नांकित लक्षण नजर आते हैं—
- अचानक से गर्मी लगना
- यौन इच्छा का कम होना
- नींद आने में परेशानी महसूस होना
- मूड में बदलाव
- कोलेस्ट्रॉल के स्तर में बदलाव
संतुलित आहार का सेवन
महिलाओं को जैसे ही इस बात की जानकारी हो कि उनके शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा कम हो गई है, उन्हें अपने आहार पर गहन विचार करते हुए उसे बदलना चाहिए। उन्हें शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा को संतुलित बनाये रखने के लिए संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए। इस हार्मोन की कमी को दूर करने के महिलाओं को अपने आहार में क्या-क्या लेना उसकी एक बानगी हम यहाँ दे रहे हैं—
1. अलसी के बीज
अलसी का बीज एस्ट्रोजन लेवल बढ़ाने में मददगार साबित होता है। इसका सेवन लीवर के लिए भी फायदेमंद होता है। इसके अतिरिक्त अलसी हार्ट की परेशानियों से निजात दिलाता है। अलसी में कई एंटीओक्सिडेंट मौजूद होते हैं। इसके अलावा अलसी में विटामिन बी 1, फाइबर और अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो भरपूर विकास में मदद करते हैं। खाली पेट अलसी खाने से एस्ट्रोजन की मात्रा नियमित रहती है।
2. सोया बीन का सेवन
सोयाबीन में फिटोएस्ट्रोजन प्रचुर मात्रा मे पाया जाता है। सोया प्रॉडक्ट्स जैसे सोया मिल्क, सोया दही, आदि के सेवन से शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है।
3. अखरोट
अखरोट खाने के फायदे अनेक हैं। इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन, जरूरी विटामिन और अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो अच्छे स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होते हैं।
4. दूध-दही, घी-मक्खन का इस्तेमाल
एस्ट्रोजन की मात्रा को बढ़ाने के लिए महिलाओं को अपने आहार सेवन में दूध, दही, घी, मक्खन का उपभोग करना चाहिए। स्वास्थय विशेषज्ञों का मानना है कि दूध में फिटोएस्ट्रोजन की उच्च मात्रा होती है, जो एस्ट्रोजन के लेवल को बढ़ाने में अहम् भूमिका निभाता है।
5. छोले
छोले फाइटोएस्ट्रोजेन का प्राकृतिक स्रोत है। लेकिन इसमें प्रत्यक्ष रूप में एस्ट्रोजेन नहीं होता। फिर भी ये एस्ट्रोजन लेवल बढ़ाने के लिए अच्छा माना जाता है।
6. तिल के बीज
तिल एस्ट्रोजन का अच्छा स्त्रोत है। 100 ग्राम तिल के बीजों में 993 माइक्रोग्राम एस्ट्रोजन के होते हैं। तिल के तेल में भी एस्ट्रोजन की उच्च मात्रा होती है।
7. बीन्स और मटर
बीन्स और मटर में भी फाइटोएस्ट्रोजन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। ये स्वास्थ्य के लिए बेहतरीन आहार हैं। इन सबके बातों से महत्त्वपूर्ण यह है आप अपने शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा को संतुलित रखें। इसके लिए आप हमेशा संतुलित भोजन लें। नियमित रूप से व्यायाम या योग करें। यदि व्यायाम या योग नहीं कर पाती हैं तो कम से कम रोज 2 किलोमीटर सुबह-सुबह पैदल चलें। पैदल चलने से तात्पर्य तेज गति से गहरी-गहरी सांस लेते हुए चलें जिससे आपके शरी में स्फूर्ति का संचार हो। एस्ट्रोजन की मात्रा संतुलित रहने से शरीर में हो रहे बदलावों में भी मदद मिलेगी।
डॉक्टर की सलाह भी है जरुरी
अगर आपको लगता है कि आपके शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा कम हो रही है तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर आपके शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा जानने के लिए विभिन्न प्रकार की जांच की सलाह दे सकता है।
हम दावा तो नहीं करते हैं अपितु आश्वस्त जरूर कर सकते हैं कि इन तरीकों को आजमाने से आप अपनी इन समस्याओं से छुटकारा पा सकतद्ध हैं। यह लेखक के अपने विचार हैं। जरूरी नहीं है कि आप इससे सहमत हों। इन उपायों को करने से पहले आप अपने चिकित्सक से जरूर परामर्श करें।