ऐसे पाएं जोड़ों के दर्द में राहत, अरोमा थैरेपी बनेगी मददगार, जानें...

By: Nupur Rawat Mon, 03 May 2021 12:17:39

ऐसे पाएं जोड़ों के दर्द में राहत, अरोमा थैरेपी बनेगी मददगार, जानें...

हमारा शरीर 206 हडि्डयों पर टिका है। उन्हीं की वजह से इंसान चलता-फिरता है। हमारे शरीर की कुछ हडि्डयों में जोड़ होते हैं; ये जोड़ हमारे शरीर के मूवमेंट्स में मदद करते हैं। ये जोड़ यानी जॉइंट्स शरीर का सबसे ज़रूरी हिस्सा होते हैं, क्योंकि ये हडि्डयों को आपस में जोड़ते हैं। हमारे शरीर में मुख्य रूप से पांच प्रकार के जोड़ होते हैं: कंधे, कुहनी, कलाइयां, कूल्हे और घुटने।

जोड़ एक हड्डी को दूसरी हड्डी से जोड़ते हैं और हमारे शरीर को सहारा देने में मदद करते हैं। इसलिए, जोड़ों को होने वाला हल्का-सा नुक़सान भी हमारे शरीर के लिए वाक़ई बहुत बुरा होता है। यदि किसी जोड़ में चोट लग जाए तो काफ़ी दर्द होता है। सर्दियों के मौसम में जोड़ों का दर्द काफ़ी परेशान करता है।

aromatherapy,joint pain,aromatherapy joint pain,bones,shoulder,wrist,hips,knee,health news in hindi ,अरोमा थैरेपी, जोड़ों का दर्द, हडिड्यां, कंधा, कलाई, कूल्हे, घुटने, हिन्दी में स्वास्थ्य संबंधी समाचार

क्यों होता है युवाओं को जोड़ों का दर्द?

बड़ी उम्र में कार्टिलेज घिस जाने, आर्थराइटिस और हडि्डयों में मिनरल्स की कमी आदि के चलते जोड़ों का दर्द होता है, पर युवाओं में जोड़ों के दर्द का मुख्य कारण लाइफ़स्टाइल से जुड़े मसले हैं। जैसे-ऑफ़िस में लंबे समय तक बैठे रहना। इससे शरीर में मूवमेंट नहीं हो पाता और ख़ून का संचार सही तरह से नहीं हो पाता।

फ़ास्ट फ़ूड, स्मोकिंग जैसी आदतें भी जोड़ों के दर्द को बढ़ाती है। डाइट में विटामिन-डी और कैल्शियम युक्त आहार की कमी भी हडि्डयों की कमज़ोरी का कारण है। जब हमारे शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है तो हमारे द्वारा ली जा रही दवाएं रक्त वाहिकाओं में सही ढंग से अवशोषित नही हो पातीं और हमें दर्द से राहत नहीं मिलती।


aromatherapy,joint pain,aromatherapy joint pain,bones,shoulder,wrist,hips,knee,health news in hindi ,अरोमा थैरेपी, जोड़ों का दर्द, हडिड्यां, कंधा, कलाई, कूल्हे, घुटने, हिन्दी में स्वास्थ्य संबंधी समाचार

जोड़ों के दर्द के लक्षण

जोड़ों का दर्द होने पर चलने, खड़े होने और हिलने-डुलने में बड़ी मुश्क़िल हो जाती है। यहां तक कि कई बार आराम की स्थिति में भी दर्द होता है। जोड़ों में सूजन आ जाती है। सुबह उठने पर तक़लीफ़ काफ़ी होती है। कुछ समय तक तो काफ़ी तेज़ दर्द होता है।

ठीक से मूवमेंट नहीं करते बनता। सीवियर कंडिशन में ऐसा दिनभर भी हो सकता है। हां, यदि आपको जोड़ों के दर्द के साथ बुखार, थकावट और वज़न घटने जैसे लक्षण भी दिखें तो समझ जाएं कि मामला काफ़ी गंभीर हो चुका है। कोई दूसरी अंदरूनी समस्या भी है।

aromatherapy,joint pain,aromatherapy joint pain,bones,shoulder,wrist,hips,knee,health news in hindi ,अरोमा थैरेपी, जोड़ों का दर्द, हडिड्यां, कंधा, कलाई, कूल्हे, घुटने, हिन्दी में स्वास्थ्य संबंधी समाचार

कैसे पाएं जोड़ों के दर्द से राहत?

जोड़ों के दर्द से राहत पाने का सबसे आसान तरीक़ा है अपनी जीवनशैली में बदलाव लाना। सुबह जल्दी उठने की आदत डालें और सुबह की धूप खाएं। सुबह की गुनगुनी धूप में विटामिन डी की अधिकता होती है, जो हडि्डयों की मज़बूती के लिए बहुत ज़रूरी है। जब दर्द ज़्यादा सताए तो ठंडे या गरम पानी का सेंक लें।

इसके लिए जोड़ों पर गरम या ठंडा पानी डालें या फिर 2-5 मिनट (कम से कम तीन बार) के अंतराल पर गर्म और ठंडे का सेंक करें। इस उपचार को दिन में दो बार लिया जा सकता है। खाने में फल और सब्ज़ियां शामिल करें। सुबह के समय एलोवेरा का जूस पीने से जोड़ों में ल्यूब्रिकेशन बढ़ता है और टेंडन का लचीलापन बढ़ाया जा सकता है।

aromatherapy,joint pain,aromatherapy joint pain,bones,shoulder,wrist,hips,knee,health news in hindi ,अरोमा थैरेपी, जोड़ों का दर्द, हडिड्यां, कंधा, कलाई, कूल्हे, घुटने, हिन्दी में स्वास्थ्य संबंधी समाचार

जोड़ों के दर्द में अरोमा थेरैपी की भूमिका

जोड़ों के दर्द के पारंपरिक तरीक़ों का प्रभाव अस्थायी होता है। आपको सामान्य दवाओं से कुछ दिनों के लिए आराम मिल सकता है। दवा का प्रभाव ख़त्म होते ही आपको दोबारा दर्द का सामना करना पड़ेगा लेकिन अरोमा ऑयल्स के मामले में, आपको लंबे समय के लिए आराम मिलता है। ज़रूरी यह है कि इनका सही ढंग से इस्तेमाल किया जाए।

जोड़ों के दर्द में अरोमा थेरैपी का अच्छा फ़ायदा देखा जा रहा है। इससे अच्छे परिणाम मिलते हैं। दरअसल, अरोमा यानी ख़ुशबू का प्रभाव हमारे मस्तिष्क पर पड़ता है, जिससे दर्द से राहत मिलती है। अरोमा ऑयल्स प्रभावित हिस्से के रक्त संचार को बेहतर बनाते हैं और सूजन कम करते हैं। आप जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए नीचे बताए गए अरोमा ऑयल्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। डॉ. नरेश अरोड़ा, चेस अरोमा थेरैपी कॉस्मेटिक्स के संस्थापक बता रहे हैं असेंशियल ऑयल्स के इस्तेमाल का सही तरीक़ा :—

- पिपरमेंट ऑयल : इस ऑयल की 5-8 बूंदों को 2 चम्मच गुनगुने नारियल तेल में मिलाकर तुरंत इस्तेमाल योग्य बनाएं। आप नारियल तेल की जगह किसी दूसरे तेल का भी प्रयोग कर सकते हैं।

- यूकेलिप्टस ऑयल : इस तेल को कैरियर ऑयल्स (ये ऑयल्स वेजेटेरियन सोर्सेस से प्राप्त किए जाते हैं। इनमें इनकी नैचुरल ख़ुशबू होती है पर ये असेंशियल ऑयल्स जितने तीव्र नहीं होते) के साथ मिलाकर प्रभावित हिस्से पर मसाज करें।

- जिंजर ऑयल : आप इस ऑयल को लैवेंडर और लेमनग्रास ऑयल्स के साथ भी मिलाकर प्रभावित हिस्से पर लगाकर राहत पा सकते हैं।

- लैवेंडर ऑयल : इस ऑयल को सीधे प्रभावित हिस्से पर लगाएं। इसमें तीव्र ख़ुशबू आती है, जिससे दर्द को दूर करने में मदद मिलती है। इस तेल को हमेशा गोलाकर मसाज करते हुए लगाएं।

- कायेन पेपर ऑयल : इस ऑयल की कुछ बूंदों को नारियल तेल के साथ मिलाएं और कुछ हफ़्तों तक दिन में 2-3 बार लगाएं।

- लेमनग्रास ऑयल : ज्यादा राहत पाने के लिए इस ऑयल को अलग-अलग तरीक़ों से प्रयोग किया जा सकता है। इसके लिए आपको यह करना है कि पानी को उबालें, उसमें कुछ बूंदें लेमनग्रास की डालें और प्रभावित हिस्से में इसकी भाप लें।

- लोबान तेल : इस तेल को ऑलिव ऑयल के साथ मिलाकर सूजन वाले हिस्से में लगाएं।

- रोज़मेरी ऑयल : इस तेल को प्रभावित हिस्से पर लगाएं। यह तेल रोज़मेरिनिक एसिड से युक्त होता है, जो कि दर्द को कम करता है।

- जुनिपर ऑयल : इस ऑयल की कुछ बूंदों को लोशन या क्रीम में मिलाकर हर दिन प्रयोग कर सकते हैं।

- क्लोव एसेंशियल ऑयल : इस तेल को जोजोबा ऑयल के साथ मिलाकर प्रभावित हिस्से पर लगाएं।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com