अनुष्का शर्मा और विराट कोहली के आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार वजह हैं टीवी जगत के चर्चित चेहरे पारस छाबड़ा, जो हाल ही में महाराज जी के आश्रम पहुंचे और भावुक होकर अपनी जिंदगी के सबसे मुश्किल दौर की बातें साझा कीं। कैंसर के डर, डिप्रेशन और आध्यात्मिक जागृति की इस यात्रा ने पारस को एक नई दिशा दी है।
डर, अवसाद और मौत का खौफ
पारस छाबड़ा ने प्रेमानंद महाराज के सामने बैठकर बताया कि कैसे वे वर्षों तक मानसिक अवसाद से घिरे रहे। उन्होंने कहा – "मैं तीन-चार साल तक घर से बाहर नहीं निकला। मुझे लगता था कि मैं मर जाऊंगा। मुझे शक था कि मुझे कैंसर है। मैं हर वक्त नकारात्मक सोच में डूबा रहता था।" इस बयान के दौरान उनकी आंखें भर आईं और सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों में वे महाराज जी के सामने हाथ जोड़कर बैठे नजर आए।
मां ने लिया राधा नाम, वृंदावन में खरीदा घर
पारस ने आगे बताया कि जब उन्होंने महाराज जी की बातें सुनीं, तो उन्होंने "राधा रानी" के नाम का जाप करना शुरू किया। उनकी मां भी वृंदावन जाकर रहने लगीं और उन्होंने वहां एक घर भी खरीदा। पारस के मुताबिक आध्यात्मिक जीवन ने उन्हें अवसाद से बाहर निकालने में बहुत मदद की और अब वे खुद को पूरी तरह स्वस्थ और स्थिर महसूस कर रहे हैं।
करण खंडेलवाल भी पहुंचे बाबा के दरबार
पारस छाबड़ा के साथ एक्टर करण खंडेलवाल भी मथुरा स्थित आश्रम पहुंचे। उन्होंने भी महाराज जी से अपनी समस्याएं साझा कीं। करण ने बताया कि उन्हें लोगों ने कहा कि उनके घर पर काला जादू किया गया है। इस पर प्रेमानंद महाराज ने मुस्कराते हुए कहा – “काला जादू जैसी कोई चीज नहीं होती। कोई तुम्हें डराकर ठगने की कोशिश कर रहा है। अगर जादू होता, तो तुम यहां तक नहीं पहुंचते। भूत-प्रेत या श्राप जैसी कोई सच्चाई नहीं है।”
राधा नाम का जाप ही समाधान
महाराज जी ने करण खंडेलवाल को सलाह दी कि वे खाली न बैठें और "राधा" नाम का जाप करें। उन्होंने कहा कि जीवन में स्थिरता और शांति पाने का एकमात्र मार्ग आध्यात्मिकता है और विचारों की शुद्धता से ही हर प्रकार की मानसिक समस्या का समाधान संभव है।
अनुष्का-विराट के बाद अब पारस
गौरतलब है कि अनुष्का शर्मा और विराट कोहली पहले से ही प्रेमानंद महाराज के शिष्य माने जाते हैं। आईपीएल से पहले हो या विराट के रिटायरमेंट के बाद – कपल कई बार मथुरा में बाबा के दरबार में देखा गया है। अब पारस छाबड़ा और करण खंडेलवाल जैसे टीवी कलाकार भी उनके आध्यात्मिक मार्गदर्शन से प्रभावित हो रहे हैं।
पारस छाबड़ा की यह कहानी सिर्फ एक टीवी कलाकार की नहीं, बल्कि उन हजारों युवाओं की है जो अवसाद, चिंता और आत्म-संशय से जूझ रहे हैं। उनका आध्यात्मिक रुझान यह दिखाता है कि भौतिक सफलता के बावजूद मानसिक शांति की तलाश एक बड़ी चुनौती है। प्रेमानंद महाराज जैसे संतों की शरण में जाना अब एक ट्रेंड नहीं, बल्कि एक सचाई बन चुका है, जहां मन की उलझनों का समाधान मिल रहा है।