PM मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को दिया 108 Kg का लैंप, 3 फीट ऊंची पेंटिंग जिसे बनाने में लगे 45 दिन

By: Pinki Fri, 11 Oct 2019 11:32:52

PM मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को दिया 108 Kg का लैंप, 3 फीट ऊंची पेंटिंग जिसे बनाने में लगे 45 दिन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(PM Narendra Modi) के साथ दूसरी अनौपचारिक बैठक के लिए शुक्रवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (XiJinping)महाबलीपुरम पहुंचे। चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग का महाबलीपुरम में भव्य स्वागत किया गया। राष्ट्रपति के स्वागत के लिए पीएम मोदी पारंपरिक तमिल वेशभूषा में पहुंचे। जिनपिंग को रात्रिभोज में पारंपरिक दक्षिण भारतीय व्यंजन परोसे गए। इनमें अर्चु विट्टा सांभर, थक्काली रसम, कडालाई कोरमा और हलवा शामिल थे। 2 घंटे तक चले इस डिनर में दोनों नेताओं ने कई मुद्दों पर चर्चा की। पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को पहले तीर्थस्थलों की सैर कराई और फिर दो खास गिफ्ट दिए। इनमें एक डांसिंग सरस्वती की तंजावुर पेंटिंग और ब्रांचेड अन्नम लैंप शामिल है। इन दोनों की खूबसूरती और विशेषताएं इन्हें बेशकीमती बनाती है। पीएम मोदी ने तंजावुर की जिस पेंटिंग को चीनी राष्ट्रपति को गिफ्ट दिया, उसमें सरस्वती की तस्वीर बनी है। इस पेंटिंग को बी लोगनाथन ने तैयार किया है। इसको तैयार करने में 45 दिन का समय लगा।

क्यों खास है तंजावुर की पेंटिंग?

तंजावुर की पेंटिंग को 'पालागई पदम' के नाम से भी जाना जाता है। यह लकड़ी पर की जाने वाली काफी पुरानी पेंटिंग है। तमिलनाडु के तंजौर शहर के नाम पर इस पेंटिंग का नाम भी तंजावुर पड़ा। माना जाता है कि यह 16वीं शताब्दी में नायक और मराठा शासकों के शासन के दौरान उभरकर आई। 17वीं सदी में मराठा शासन में इस कला को नया प्रोत्साहन और संरक्षण मिला। तंजावुर पेंटिंग में हिंदू देवी-देवाओं और संतों की तस्वीर देखने को मिलती हैं। लकड़ी पर बनाई गई ये पेंटिंग 3 फीट ऊंची, चार फीट चौड़ी और 40 किग्रा भारी है। इसे बनाने में 45 दिन लगे।

नचियारकोइल-ब्रांच अन्नम लैंप

पीएम मोदी ने तंजावुर की पेंटिंग के अलावा चीनी राष्ट्रपति को नचियारकोइल-ब्रांच अन्नम लैंप गिफ्ट किया। इसको 8 मशहूर कलाकारों ने मिलकर बनाया है। इस लैंप को तमिलनाडु में नचियारकोइल में पातेर नामक समुदाय बनाता है। ये समुदाय नागरकोइल से चलकर पहले कुंभकोनम आया और उसके बाद इस समुदाय ने अपना ठिकाना नचियारकोइल में बनाया। उनके लैंप के लिए उन्हें कावेरी की हल्की ग्रे रंग की बालू भी मिल गई जो उनके लैंप को डालने में काम आती थी।

इस लैंप को आठ सिद्धहस्त शिल्पकारों ने तैयार किया है। इसे तांबे से बनाया गया है, जिस पर सोने की परत चढ़ाई गई है। ये लैंप छह फीट लंबा है। इसका वजन 108 किग्रा है। इसे बनाने में 12 शिल्पियों को 12 ही दिन लगे। इसे पीएम मोदी ने खास तौर पर शी जिनपिंग को देने के लिए बनवाया है। इससे तीन गुना छोटे आकार के लैंप की कीमत तकरीबन 1 लाख रुपए है।

बता दे, जिनपिंग को रात्रिभोज में पारंपरिक दक्षिण भारतीय व्यंजन परोसे गए। इनमें अर्चु विट्टा सांभर, थक्काली रसम, कडालाई कोरमा और हलवा शामिल थे। 2 घंटे तक चले इस डिनर में दोनों नेताओं ने कई मुद्दों पर चर्चा की।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com