मुज़फ्फरपुर : एक और शेल्टर होम कांड, 52 दिनों में 11 महिलाएं और 4 बच्चे गायब
By: Priyanka Maheshwari Thu, 02 Aug 2018 09:33:10
मुज़फ्फरपुर में एक और शेल्टर होम का विवाद सामने आया है। 52 दिनों में शेल्टर होम से 11 महिलाएं और 4 बच्चे ग़ायब हैं। ये शेल्टर होम भी ब्रजेश ठाकुर के ही एनजीओ द्वारा चलाया जा रहा था। बृजेश ठाकुर के गैर सरकारी संगठन द्वारा संचालित एक स्वयं सहायता समूह के परिसर से 11 महिलाओं के लापता होने के बाद ठाकुर के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज की गई है। जांच में भारी मात्रा में कंडोम और शराब की बोतलें मिली है। ये आपत्तिनजक सामान शेल्टर होम की छत से बरामद की गई है।
मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में रहने वाली लड़कियों का मानसिक, शारीरिक और यौन उत्पीड़न करने के मामले में ठाकुर न्यायिक हिरासत में है। बच्चियों के यौन उत्पीड़न का मामला पिछले महीने सामने आया था जिसके बाद एनजीओ को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया गया था। इसके बाद से एनजीओ द्वारा संचालित अन्य गृहों की स्थिति का निरीक्षण किया जा रहा है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि निरीक्षण के दौरान पाया गया कि छोटी कल्याणी इलाके में स्थित परिसर में रहने वाली स्वयं सहायता समूह की 11 महिलाएं लापता हैं। उनके बारे में एनजीओ ने समाज कल्याण विभाग को आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं दी है।
महिला थाना प्रभारी ज्योति कुमारी ने बताया कि ठाकुर के गैर सरकारी संगठन सेवा संकल्प एवं विकास समिति के परिसर से स्वयं सहायता समूह की 11 महिलाओं के लापता होने के मामले में समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक देवेश कुमार शर्मा ने 30 जुलाई को ठाकुर के खिलाफ नई एफआईआर दर्ज की है।
Bihar: Another case registered against Brijesh Thakur after 11 women went missing from another of his shelter homes in Muzaffarpur. Thakur is the prime accused in Muzaffarpur shelter home case where more than 30 minor girls were sexually assaulted over a period of time.
— ANI (@ANI) July 31, 2018
सीएफएसएल की एक टीम जल्द ही मुजफ्फरपुर जाकर आश्रय गृह से फॉरेंसिक नमूने इकट्ठा करेगी। अधिकारियों ने बताया कि पीड़िताओं के बयानों का इस्तेमाल कर समझने की कोशिश की जाएगी कि अपराध को कैसे अंजाम दिया गया और फिर इस ब्योरे का इस्तेमाल आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए किया जाएगा। सीबीआई पीड़िताओं के बयान दर्ज करने के लिए मनोवैज्ञानिकों की मदद ले सकती है। कुछ पीड़िताओं की उम्र महज छह-सात साल हैं। बिहार सरकार द्वारा वित्तपोषित एनजीओ के प्रमुख ब्रजेश ठाकुर ने आश्रय गृह की करीब 30 लड़कियों से कथित तौर पर बलात्कार किया। सीबीआई उन डॉक्टरों और फॉरेंसिक विशेषज्ञों के भी बयान दर्ज करेगी और उनसे साक्ष्य इकट्ठा करेगी जिनकी सेवाएं पुलिस ने अपनी जांच के दौरान ली थी। मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टिस्स) की ओर से अप्रैल में बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग को एक रिपोर्ट सौंपी गई थी जिसमें पहली बार इस आश्रय गृह में रह रही लड़कियों से कथित दुष्कर्म की बात सामने आई थी। इस मामले में बीते 31 मई को ब्रजेश ठाकुर सहित 11 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अब सीबीआई ने इस मामले की जांच संभाल ली है।
ब्रजेश ठाकुर तीन अखबारों का है मालिक
- बालिका गृह यौन शोषण मामले का मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू में प्रकाशित होने वाले तीन अखबारों का मालिक भी है। उस पर इन अखबारों की कुछ प्रतियां छपवाकर उस पर बड़ा-बड़ा सरकारी विज्ञापन पाने में कामयाब होने के आरोप हैं।
- मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ब्रजेश तीन अखबारों मुजफ्फरपुर से प्रकाशित एक हिंदी दैनिक समाचार पत्र प्रात: कमल, पटना से प्रकाशित एक अंग्रेजी अखबार न्यूज नेक्स्ट और समस्तीपुर जिला से उर्दू में प्रकाशित एक अखबार हालात-ए-बिहार से प्रत्यक्ष या परोक्ष से जुड़ा हुआ है।
- मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि ब्रजेश के स्वामित्व वाले हिंदी दैनिक की 300 से अधिक प्रतियां प्रकाशित नहीं होती हैं, लेकिन प्रतिदिन इसके 60,862 प्रतियां बिक्री दिखाया गया था, जिसके आधार पर उसे बिहार सरकार से प्रति वर्ष करीब 30 लाख रुपये के विज्ञापन मिलते थे।