असफल होकर भी सफल रहा 'भारत छोड़ो आन्दोलन', देश हुआ एकजुट
By: Ankur Wed, 08 Aug 2018 5:16:50
8 अगस्त, 1942 को देश में एक ऐसे आन्दोलन का आगाज हुआ जिसने देश को स्वतंत्रता की ओर कदम बढाने में मदद की। हांलाकि यह आन्दोलन देश को पूर्ण सफलता नहीं दिला पाया लेकिन इस आन्दोलन से स्वतंत्रता प्राप्ति में काफी मदद मिली। इस आन्दोलन का असर लोगों के दिलों पर इस तरह पड़ा कि वे एकजुट होकर देश की स्वतंत्रता में आगे आए और अंग्रेजों को सोचने के लिए मजबूर कर दिया। हांलाकि यह आन्दोलन असफल रहा लेकिन इस आन्दोलन का देश पर खूब असर पड़ा। आज हम आपको इस आन्दोलन से देश में आए बदलाव के बारे में ही बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इस आन्दोलन के कारण देश में क्या बदलाव आए।
* भारत छोड़ो आंदोलन तात्कालिक रुप से असफल अवश्य रहा क्योंकि इस आन्दोलन से भारत को स्वतंत्रता प्राप्त नहीं हो सकी।
* लेकिन भारत छोड़ो आंदोलन का भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के इतिहास में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रहा है।
* भारत छोड़ो आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता के लिए किया गया सबसे महान प्रयास था इस आंदोलन के बाद भारत में आजादी के लिए बड़े पैमाने पर कोई आंदोलन नहीं किया गया था।
* भारत छोड़ो आंदोलन का जन चेतना जगाने में महत्वपूर्ण योगदान था।
* इस आंदोलन ने विश्व के कई देशों को भारतीय जनमानस के साथ खड़ा कर दिया।
* आंदोलन के फलस्वरुप विदेशों में भारत के पक्ष में जनमत का निर्माण हुआ।
* विशेषकर इस आंदोलन के दौरान चीन के राष्ट्रपति च्यांग काई शेक ने 25 जुलाई 1942 को अमरीकी राष्ट्रपति रुजवेल्ट को लिखा था कि अब समय आ गया है कि ब्रिटिश सरकार को भारत को स्वतंत्रता प्रदान कर देनी चाहिए यही ब्रिटिश सरकार अथवा अंग्रेजो के लिए श्रेष्ठ नीति रहेगी रूजवेल्ट ने भी इसका समर्थन किया था।