तनाव रहित सैक्स की चाह तो करें कंडोम का इस्तेमाल, रहे निश्चिंत

By: Geeta Sat, 29 Dec 2018 4:18:39

तनाव रहित सैक्स की चाह तो करें कंडोम का इस्तेमाल, रहे निश्चिंत

बीसवीं शताब्दी तक सैक्स को गुनाह को दृष्टि से देखा जाता था। तब सिर्फ यही मान्यता थी कि सैक्स को पुरुष और महिला शादी के बाद ही कर सकते हैं, उससे पहले नहीं। शादी से पूर्व किया गया यह काम गंदा और समाज की नजरों में जिल्लत भरा माना जाता था। आज भी ऐसे कई समुदाय हैं जो अभी भी यह मानते हैं कि किसी भी पुरुष/महिला को शादी के बाद ही सैक्स करना चाहिए। हालांकि अब यह मानसिकता/धारणा बदलने लगी है। बदलते परिवेश में ज्यादातर युवा अपने करियर को लेकर अपने घरों से दूर रहते हैं, जिसके चलते वे आसानी से परिवारजनों की जानकारी में आए बिना अपने पुरुष/महिला साथी के साथ संभोगरत होते रहते हैं। हमें यकीन नहीं है कि इन दिनों ऐसे नियमों का पालन किया जाता है। हम आपको क्या गलत है क्या सही का उपदेश न देते हुए सिर्फ इतना कहेंगे कि पहली बार संभोगरत होते हुए आप कंडोम का इस्तेमाल जरूर करें। वर्तमान का दौर ऐसा है जब वयस्क ही नहीं अपितु 13-14 वर्ष की उम्र के लडके-लडकियाँ भी संभोग कर रहे हैं। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि नौजवानों को सेक्स के बारे में बताया जाए, उन्हें सेक्स एजुकेशन दी जाए।

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जब आप सुरक्षित सेक्स के बारे में बात करते हैं, तो कंडोम पहली चीज है जो आपके मन में आती है। कंडोम का प्रयोग गर्भनिरोधक का सबसे आसान और सबसे विश्वसनीय तरीका है। अगर सही तरीके से इस्तेमाल किया जाता है, तो कंडोम आपको अनचाहे गर्भ या एसटीडी से 98 प्रतिशत सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। लेकिन सवाल यह है कि कंडोम का इस्तेमाल करना कब शुरू करना चाहिए। इस सवाल का जवाब सीधा और आसान है जब आप सेक्सुअली एक्टिव होते हैं, तब कंडोम का इस्तेमाल जरूरी होता है।

अब, जो अगला सवाल उठता है वह यह है कि किस उम्र में लोग सेक्सुअली एक्टिव होते हैं। चीजों को आसान तरीके से देखते हैं कि जब कोई व्यक्ति जवानी में कदम रखता है, तो हार्मोन अपना खेल खेलना शुरू कर देते हैं और हमारे मन में सेक्स के बारे में जानने के प्रति इच्छा या रुचि विकसित होने लगती है।

सबसे पहले, जब यौवन आता है, तो एक लडकी या लडक़ा अपने शरीर के अंगों में रुचि लेने लगते हैं। वे अपने शरीर के बारे में समझने की कोशिश करते हैं और सीखते हैं कि उनके शरीर के सभी अंग कैसे काम करते हैं। लडकों में नाइट इरेक्शन (रात में सोते वक्त वीर्य का बाहर निकलना) इसी बात का एक संकेत है कि सैक्स के प्रति उनकी इच्छा जागृत हो रही है और उनके हार्मोन उनकी इच्छाओं के बारे में अधिक जानने में उनकी मदद करने के लिए अपने तरीके से काम कर रहे हैं। इसी तरह, वैजाइनल डिस्चार्ज के साथ लडकियों के ब्रेस्ट्स (स्तन) बढने लगते हैं और सैक्स में उनकी रुचि जागृत होने लगती है।

कंडोम एक प्रकार का गर्भनिरोधक है जो सेक्स को सुरक्षित बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। गर्भनिरोधक के रूप में कंडोम का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है। वर्तमान समय में बाजार में पुरुष कंडोम के साथ महिला कंडोम भी उपलब्ध हैं।

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भारतीय परिवेश में कंडोम का इस्तेमाल ज्यादातर पुरुषों द्वारा ही किया जाता है। जोडा इसका अनचाहे गर्भ से बचने और एसटीडी को रोकने के लिए इस्तेमाल करते हैं। ऐसा नहीं है कि भारत में महिला कंडोम उपलब्ध नहीं हैं, महिला कंडोम भी बाजार में उपलब्ध हैं, लेकिन उन्हें पुरुष कंडोम की तुलना में कम पसंद किया जाता है और इनका इस्तेमाल भी कम किया जाता है। इसकी वजह शायद यही है क्योंकि पुरुष कंडोम को पहनना और उपयोग करना आसान है।

कंडोम आमतौर पर लेटेक्स या पॉलीयुरेथेन से बने होते हैं। कंडोम एक पतली झिल्ली की तरह होते हैं जो स्पर्म (वीर्य) को वैजाइना (योनि) में प्रवेश करने से रोकते हैं और इस तरह एक अनचाहे गर्भ और एसटीडी की संभावना कम हो जाती है। पुरुष कंडोम आमतौर पर लेटेक्स से बने होते हैं और महिला कंडोम पॉलीयुरेथेन के बनाए जाते हैं। पुरुष कंडोम को लिंग के ऊपरी हिस्से (पेनिस) पर धीरे-धीरे चढाया जाता है जबकि महिला कंडोम को योनि के अंदर पहना जाता है।

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ऐसे करता है पुरुष कंडोम काम — जब पुरुष कंडोम पहनता है तो वह अपने लिंग (पेनिस) को पूरी तरह से इससे ढकता है। पेनिस पूरी तरह से इरेक्ट होने पर ही कंडोम पहना जाता है। संभोग पेनिट्रेशन के समय स्पर्म (तरल पदार्थ जिसमें शुक्राणु या स्पर्म होता है) को वैजाइना में प्रवेश करने से रोकने का काम कंडोम करता है। इजैक्युलेशन के समय स्पर्म कंडोम के किनारे या नोक के पास जमा हो जाते हैं।

संभोग के वक्त जब पुरुष स्वयं को चरमोत्कर्ष पर पाता है, तब उसे महसूस होता है कि उसका वीर्य बाहर निकलने वाला है। ऐसी स्थिति में आते ही उसे अपने लिंग को योनि से बाहर निकाल लेना चाहिए। लिंग के तनाव में कमी आने पर लिंग के ऊपर लगा कंडोम फिसलने लगता है और ऐसे में वीर्य के योनि के अन्दर पहुंचने की संभावना बढ जाती है।

यूं करता है महिला कंडोम काम — महिला कंडोम में एक बंद ओपन एंड रिंग जैसी होती है। कंडोम के बंद किनारे वाले हिस्से को अंगूठे की मदद से योनि के अन्दर डाला जाता है जबकि दूसरा हिस्सा योनि के खुले हुए हिस्से के पास रहता है। कंडोम योनि की दीवारों पर स्पर्म और सर्विक्स या गर्भाशय ग्रीवा के बीच एक रुकावट के तौर पर काम करता है। संभोग के बाद कंडोम तुरंत हटा दिया जाना चाहिए।

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