कहीं आपकी सेहत तो नहीं बिगाड़ रहा आपके सेक्स का साथी, जानें कंडोम से जुड़ी यह महत्वपूर्ण जानकारी
By: Ankur Mon, 28 Jan 2019 8:16:04
सुरक्षित सेक्स के लिए कंडोम Condom को ही सबसे कामगार हथियार माना जाता हैं। जिसकी वजह से व्यक्ति बेफिक्र होकर अपने सेक्स का मजा लेता हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपको सुरक्षा देने वाला यह कंडोम कई तरह के साइड इफेक्ट्स भी रखता हैं। जी हाँ, आज हम आपको कंडोम के इन्हीं साइड इफेक्ट्स के बारे में आपको बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।
* योनि ग्रीवा में कट या घाव
कंडोम का अधिक उपयोग करने से योनि ग्रीवा में कटाव और छिलन के साथ-साथ दर्दनाक घाव भी होते देखे गये हैं। जिसके चलते योनि में सूजन आ जाती है। योनि में सूजन की स्थिति में सेक्स करने पर योनि का आन्तरिक हिस्सा फिर से घायल हो जाता है। जिससे योनि में फिर से जख्म हरे हो जाते हैं।
* लेटेक्स के बने कंडोम
लेटेक्स के बने कंडोम आपको गर्भधारण और यौन-संचारित रोगों से बचाते हैं। मगर ये ऐलर्जी का सबसे आम कारण हैं और सेक्स के दौरान स्त्री की प्रतिक्रिया को घटा देते हैं, क्योंकि इसके प्रयोग के कारण योनि में सूखापन और खुजली के रूप में देखा गया है। इसका सबसे खराब दुष्प्रभाव है, स्त्री-पुरुष के जननांगों पर गंभीर दाने या जानलेवा आघात के रूप में दिख सकता है।
* दर्द एवं एलर्जी
ऐसा देखा गया है कि लगातार अर्थात सप्ताह में दो से अधिक बार कंडोम का उपयोग करने से योनि की आंतरिक परत और झिली में संवेदनशीलता कम या समाप्त हो जाती है। जिसके कारण स्त्रियों की यौनि से स्खलित होने वाले प्राकृतिक लुब्रिकेंट (चिकनाई युक्त) दृव्यों का स्वत: स्खलन कम हो जाता है या पूरी तरह से बन्द हो भी जाता है। जिसके चलते योनि में खरास या सूखापन आता देखा गया है। जिसके कारण कंडोम का अधिक उपयोग करने वाली औरतों की योनि स्पर्श कातर (छुअन से ही दर्द महसूस होने वाली) हो जाती है। ऐसी स्थिति का सामना कर रही स्त्रियों द्वारा अपने प्रेमी या पति के साथ बिना कंडोम के सेक्स करने पर यौनि में असहनीय दर्द, जलन, एलर्जी और खुजली होना आम बात है।
* योनि की प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान
प्रकृति ने जननांगों को खुद ही अपनी प्रतिरक्षा की जन्मजात शक्ति प्रदान की लेकिन यदि सप्ताह में दो बार से अधिक कंडोम का उपयोग किया जाता है तो कंडोम योनि की प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके उपयोग से योनि की अम्लीय वातावरण में उथल-पुथल पैदा हो जाती है।