ईरान और इजरायल के बीच चल रही जंग अब और ज्यादा खतरनाक मोड़ लेती जा रही है। गुरुवार, 19 जून 2025 को ईरान की ओर से दागी गई मिसाइल ने एक नई चिंता को जन्म दे दिया—इस बार मिसाइल में क्लस्टर बम वारहेड का इस्तेमाल किया गया। ये हथियार अपनी विनाशकारी ताकत के लिए कुख्यात हैं और अब इस युद्ध में इनका पहली बार प्रयोग हुआ है, जिसने दुनियाभर के रक्षा विशेषज्ञों की नींद उड़ा दी है।
इजरायली सेना की पुष्टि से मचा हड़कंप
इजरायली रक्षा बल (IDF) ने पुष्टि की है कि गुरुवार को ईरान से दागी गई मिसाइलों में से कम से कम एक प्रोजेक्टाइल में क्लस्टर बम लगा था। यह अब तक के इस युद्ध का पहला ऐसा उदाहरण है जब इस प्रकार के हथियारों का प्रयोग किया गया है। यह खुलासा बेहद गंभीर है क्योंकि क्लस्टर बम सिर्फ सैन्य टारगेट को ही नहीं बल्कि आम नागरिकों के लिए भी बेहद घातक साबित हो सकते हैं।
क्या होता है क्लस्टर बम?
क्लस्टर बम एक अत्यंत खतरनाक हथियार होता है जिसे हवा में फटकर छोटे-छोटे बमों (सबम्यूनिशन) में विभाजित होने के लिए डिजाइन किया गया है। ये बम किसी एक स्थान को नहीं, बल्कि एक बड़े इलाके को एक साथ निशाना बनाते हैं। ईरान द्वारा दागी गई मिसाइल का वारहेड लगभग सात किलोमीटर की ऊंचाई पर फटा और इसने 8 किलोमीटर के दायरे में करीब 20 सबम्यूनिशन गिरा दिए। ये छोटे विस्फोटक टुकड़े बेहद अनियमित होते हैं और कई बार बिना फटे जमीन पर पड़े रह जाते हैं, जिससे बाद में आम लोगों के लिए खतरा बढ़ जाता है।
क्लस्टर बम को लेकर विवाद क्यों है?
इन बमों को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत विवाद है। इसकी वजह है कि इनमें से कई बार कुछ सबम्यूनिशन फटते नहीं हैं और निष्क्रिय होकर जमीन पर पड़े रह जाते हैं। ऐसे में आम नागरिक अनजाने में इनके संपर्क में आ सकते हैं, जिससे गंभीर जानलेवा दुर्घटनाएं हो सकती हैं। यही वजह है कि क्लस्टर बम का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों द्वारा लगातार सवालों के घेरे में रहा है।
इजरायल में हुआ नुकसान
ईरानी मिसाइल से निकले एक क्लस्टर बम ने इजरायल के अजोर शहर में एक आवासीय इमारत को क्षति पहुंचाई। हालांकि, राहत की बात यह रही कि इस हमले में किसी के हताहत होने की कोई आधिकारिक खबर नहीं है। फिर भी, स्थानीय लोगों के मन में डर और तनाव का माहौल स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
इजरायली सेना की चेतावनी
इजरायली होम फ्रंट कमांड ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक चेतावनी पोस्ट की, जिसमें लोगों से अपील की गई कि यदि वे जमीन पर कोई संदिग्ध वस्तु देखें, तो उसे न छुएं और तुरंत इमरजेंसी नंबर 100 पर कॉल करें। सेना ने कहा, "यह संभव है कि कुछ विस्फोटक अब भी जमीन पर निष्क्रिय पड़े हों और किसी भी वक्त फट सकते हैं।"