
दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट ने पूरे देश को दहला दिया है। अब इस धमाके की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। जांच एजेंसियों के अनुसार, इस हमले के पीछे जिन चार संदिग्धों का नाम सामने आया है — वे कोई आम अपराधी नहीं बल्कि पेशे से डॉक्टर हैं। कुछ विश्वविद्यालयों में पढ़ाते हैं, तो कुछ अपनी क्लिनिक चलाते हैं।
अब तक मिली जानकारी के अनुसार, यह वही टेरर मॉड्यूल है जिसे हाल ही में अलग-अलग राज्यों की पुलिस ने विस्फोटक सामग्री और हथियारों के साथ पकड़ा था। माना जा रहा है कि मॉड्यूल के उजागर होने के बाद संदिग्धों ने जल्दबाजी में दिल्ली में ब्लास्ट को अंजाम दिया ताकि एजेंसियों का ध्यान भटकाया जा सके।
चार में से तीन आरोपी कश्मीर मूल के हैं, जबकि एक महिला डॉक्टर उत्तर प्रदेश के लखनऊ की रहने वाली बताई जा रही है। आइए जानते हैं इन चारों संदिग्धों के बारे में विस्तार से —
डॉ. उमर उल नबी – पुलवामा से फरीदाबाद तक
डॉ. उमर उल नबी का संबंध जम्मू-कश्मीर के पुलवामा से है और वह फरीदाबाद की अल-फला यूनिवर्सिटी में कार्यरत था।
धमाके की रात उसे उसी कार को चलाते हुए देखा गया था जिसमें विस्फोट हुआ। चौंकाने वाली बात यह है कि यह कार उमर के नाम पर खरीदी गई थी, लेकिन इसके दस्तावेज़ तारिक मलिक नाम के व्यक्ति के थे। फिलहाल पुलिस ने उमर और उसके दोनों भाइयों को हिरासत में लिया है, जबकि उसकी मां का डीएनए टेस्ट भी कराया गया है ताकि जांच में पुख्ता सबूत मिल सकें।
डॉ. आदिल अहमद राठर – मेडिकल कॉलेज के लॉकर में छिपा रहस्य
आदिल अहमद राठर, जो सहारनपुर में डॉक्टर के रूप में कार्यरत था, मूल रूप से अनंतनाग (कश्मीर) का रहने वाला है। उसके जीएमसी मेडिकल कॉलेज, अनंतनाग के पुराने लॉकर से एक AK-47 राइफल बरामद की गई, जिससे जांच एजेंसियां हैरान हैं। सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि चार साल तक यह लॉकर बंद कैसे रहा और किसी को इसकी भनक क्यों नहीं लगी।
डॉ. मुजम्मिल शकील – यूनिवर्सिटी के भीतर छिपा विस्फोटक नेटवर्क
मुजम्मिल शकील भी अल-फला मेडिकल यूनिवर्सिटी, फरीदाबाद में लेक्चरर के रूप में पढ़ाता था। उसका पैतृक घर कुयल पुलवामा में है। जांच के दौरान पुलिस ने उसके किराए के कमरे से 360 किलो विस्फोटक, राइफल और कई मैगजीन बरामद की हैं। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि मुजम्मिल ही इस पूरे नेटवर्क का तकनीकी दिमाग (टेक्निकल मास्टरमाइंड) था, जिसने ब्लास्ट की योजना तैयार की थी।
डॉ. शाहीन शाहिद – महिला डॉक्टर जिसके पास मिलीं बंदूकें
डॉ. शाहीन शाहिद, जो लखनऊ की रहने वाली हैं, का नाम भी मुजम्मिल से जुड़ा हुआ है। पुलिस ने उसे उसी समय गिरफ्तार किया जब मुजम्मिल की निशानदेही पर उसकी कार से हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए। जांच में सामने आया है कि शाहीन ने संदिग्धों को दिल्ली में ठिकाने और मेडिकल सपोर्ट मुहैया कराया था।
जांच की दिशा और एजेंसियों की रणनीति
एजेंसियों के अनुसार, इस गिरोह के पास हाई-ग्रेड विस्फोटक और एडवांस तकनीक थी, जिसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर हमला करने के लिए किया जा सकता था। दिल्ली पुलिस और एनआईए इस केस की हर कड़ी को जोड़ने में जुटी हैं — बैंक ट्रांजैक्शन, कॉल डिटेल्स, और सोशल मीडिया एक्टिविटी की गहन जांच की जा रही है।
देशभर में बढ़ी सतर्कता
दिल्ली धमाके के बाद सभी राज्यों की सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है। रेलवे स्टेशन, मेट्रो और हवाई अड्डों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। विशेष टीम यह पता लगाने में लगी है कि क्या इन डॉक्टरों के साथ अन्य सहयोगी भी इस मॉड्यूल में शामिल थे।














