
पूर्णिया। जनसुराज अभियान के संस्थापक और रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने एक बार फिर बिहार की राजनीति में बाहरी नेताओं की दखल पर तीखा हमला बोला है। पूर्णिया के धमदाहा में संवाद कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत में किशोर ने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को लेकर कहा कि उनका बिहार विधानसभा चुनाव में कोई खास रोल नहीं है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि बिहार के लिए यहां के नेताओं की कोई कमी नहीं है, तो हैदराबाद से नेता इंपोर्ट करने की जरूरत नहीं।
ओवैसी केवल टेंट-तंबू लगाकर लौट जाते हैं
प्रशांत किशोर ने दो टूक कहा, “ओवैसी साहब जहां चुनाव होता है वहां टेंट-तंबू लगाते हैं, लड़ते हैं और चले जाते हैं। बिहार के नजरिए से उनका कोई बड़ा राजनीतिक प्रभाव नहीं है। वो हैदराबाद की राजनीति करते हैं।” उन्होंने कहा कि बिहार में कई काबिल लोग हैं, जो यहां की राजनीति बेहतर समझते हैं।
जन संवाद के दौरान प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि, “जिस दिन नीतीश कुमार को हटाया जाएगा, उसी दिन अफसरशाही खत्म हो जाएगी।” उन्होंने दावा किया कि लोग अब न मोदी को वोट देना चाहते हैं, न लालू यादव के ‘लालटेन राज’ को वापस लाना चाहते हैं।
जनता तय करेगी कि मालिक कौन बनेगा
धमदाहा को लेसी सिंह का गढ़ बताए जाने पर किशोर ने कहा कि “यहां कोई राजतंत्र नहीं है। जनता जिसे चाहेगी, वही इस क्षेत्र का मालिक बनेगा।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जनसुराज अभियान जनता के बीच से नेतृत्व खड़ा करने की कोशिश कर रहा है।
सुपौल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान तेजस्वी यादव की भाषा पर निशाना साधते हुए किशोर ने कहा, “उनकी भाषा से उनका संस्कार झलकता है। ये लोग कलम वाले नहीं, कट्टा वाले हैं।” बता दें कि यह बयान तेजस्वी यादव द्वारा दिए गए "सूत्र नहीं वो मू#@ है" जैसी अपशब्दयुक्त टिप्पणी के संदर्भ में था, जो निर्वाचन आयोग से जुड़ी अफवाह पर आधारित सवाल के जवाब में दिया गया था।
नीतीश सरकार पर आरोप: अचेत अवस्था में हैं सीएम, अफसर कर रहे लूटपाट
प्रशांत किशोर ने राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर भी नीतीश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अचेत अवस्था में हैं और उनके करीबी नेता और अफसर राज्य को लूटने में लगे हैं।” किशोर ने कहा कि बिहार में बदलाव तभी आएगा जब जनता जागरूक होकर सही विकल्प को चुनेगी।
प्रशांत किशोर ने इस संवाद के माध्यम से एक स्पष्ट संदेश दिया है कि वे बिहार की राजनीति को स्थानीय नेतृत्व के भरोसे ही आगे ले जाना चाहते हैं। उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी से लेकर तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार तक सभी प्रमुख नेताओं पर सीधा हमला बोलते हुए खुद को एक स्थानीय, साफ-सुथरी और विकल्प वाली राजनीति का प्रतिनिधि बताया है। बिहार की जनता आने वाले चुनाव में क्या फैसला करेगी, यह तो समय बताएगा, लेकिन प्रशांत किशोर ने साफ कर दिया है कि अब बाहरी चेहरों को स्वीकार नहीं किया जाएगा।














