
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले जारी हो रहे एग्जिट पोल्स और सर्वेक्षणों ने राज्य में राजनीतिक माहौल को बेहद रोचक बना दिया है। जहां अधिकांश सर्वे एनडीए (NDA) को बढ़त के संकेत दे रहे हैं, वहीं Journo Mirror का ताजा सर्वे पूरी तस्वीर बदलता नजर आता है। इस सर्वे में महागठबंधन (MGB) को स्पष्ट बहुमत मिलने का अनुमान दिया गया है, जिससे चुनावी सियासत में हलचल बढ़ गई है।
Journo Mirror ने बदल दिया सियासी परिदृश्य
Journo Mirror के सर्वे के मुताबिक, इस बार महागठबंधन को 130 से 140 सीटें मिलने की संभावना है, जबकि एनडीए की सीटें केवल 100 से 110 तक सीमित रह सकती हैं। यह आंकड़ा अब तक आए अन्य सर्वेक्षणों से पूरी तरह विपरीत है। सर्वे में यह भी दावा किया गया कि बिहार की जनता इस बार बदलाव के मूड में है और राज्य में नए राजनीतिक समीकरण बन सकते हैं।
बाकी सर्वेक्षण एनडीए को दिखा रहे आगे
वहीं, अन्य प्रमुख सर्वे एजेंसियां जैसे P-Marq, Peoples Pulse, DV Research, Matrize IANS, Chanakya, Poll Diary और Praja Poll Analytics ने एनडीए को बहुमत के करीब या उससे ऊपर दिखाया है। इन सर्वेक्षणों में एनडीए को 130 से 209 सीटों तक मिलने का अनुमान है, जबकि महागठबंधन की सीटें 32 से 108 के बीच बताई गई हैं।

2020 के चुनावों का आंकलन
पिछले विधानसभा चुनाव यानी 2020 में एनडीए गठबंधन ने 125 सीटों के साथ सरकार बनाई थी, जबकि महागठबंधन को 110 सीटें मिली थीं। उस समय एनडीए में भाजपा (BJP) को 74 सीटें, जदयू (JDU) को 43 सीटें, विकासशील इंसान पार्टी (VIP) को 4 सीटें, और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) को 4 सीटें मिली थीं। महागठबंधन में राजद (RJD) ने 75 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी का दर्जा हासिल किया था। कांग्रेस को 19 सीटें, सीपीआई (एमएल) को 12 सीटें, जबकि AIMIM और अन्य छोटे दलों को 5 सीटें मिली थीं।
नया चुनावी परिदृश्य
Journo Mirror का यह सर्वे बिहार की राजनीति में नए सवाल खड़े कर रहा है। एनडीए अपनी विकास और एजेंडा आधारित राजनीति को लेकर जनता के सामने है, वहीं महागठबंधन बेरोजगारी, महंगाई और सामाजिक मुद्दों को लेकर सत्ता को चुनौती दे रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि यदि इस सर्वे का अनुमान सही साबित होता है, तो बिहार की सियासत में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।














