विश्व क्रिकेटर्स एसोसिएशन (WCA) ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट जारी की जिसका शीर्षक है 'इतिहास की रक्षा, बदलाव को अपनाना: एक एकीकृत, सुसंगत वैश्विक भविष्य', और उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कई सुझाव दिए हैं। बुधवार को जारी की गई रिपोर्ट में उन प्रमुख समस्याओं की पहचान की गई जो खेल में बाधा डाल रही हैं और उनके लिए समाधान भी सुझाया गया है।
30 पन्नों का यह दस्तावेज बताता है कि आईसीसी राजस्व वितरण का मौजूदा मॉडल किस तरह काम करता है और इसमें भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जो 38.5% का सबसे बड़ा हिस्सा लेता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वैश्विक क्रिकेट वित्त पूरी तरह से ‘अनुकूलित’ नहीं है।
रिपोर्ट के एक हिस्से में कहा गया है, "आईसीसी के कुल राजस्व का 50% सबसे बड़े तीन देशों (बीसीसीआई को 38.5%) में वितरित किया जाता है।"
रिपोर्ट में बीसीसीआई के राजस्व में हिस्सेदारी कम करने और राजस्व वितरण प्रणाली में 10 प्रतिशत की सीमा तय करने का सुझाव दिया गया है। रिपोर्ट में राजस्व वितरण मापदंडों की स्थापना पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जिसमें "शीर्ष 24 देशों के लिए न्यूनतम 2% और अधिकतम 10%, और 25+ देशों के लिए सामूहिक रूप से न्यूनतम 10% वितरण" शामिल है।
टी20 क्रिकेट के व्यस्त कार्यक्रम को देखते हुए, WCA ने 21-21 दिन के चार विंडो वाले अधिक सुव्यवस्थित अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की मांग की है। साथ ही, समिति ने ऐसे डिवीजन शुरू करने का सुझाव दिया है जिसमें एक टीम संबंधित डिवीजन में एक बार दूसरी टीम के खिलाफ खेलेगी।
वर्ष के शेष महीनों का अधिकांश भाग टी-20 क्रिकेट के लिए आवंटित किया जा सकता है, जिसमें ‘एशेज’ जैसी प्रमुख द्विपक्षीय श्रृंखलाओं के अलावा कुछ अंतरराष्ट्रीय मैचों को अपवाद स्वरूप रखा जा सकता है।